CBSE ने हाल ही में PGT, TGT टीचर्स की नियुक्ति के लिए CTET के एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी किया है, इसी के साथ दो राज्यों राजस्थान तथा यू पी ने भी अपने टी ई टी के लिए नोटोफिकेशन जारी किआ है। आगामी फरवरी में इस तीनो नोटिफिकेशन का एग्जाम होना है , जाहिर है कि अभियार्थी इस परीक्षाओं को पास करने के लिए सफल रणनीति की ख़ोज कर रहे होंगे , ऐसे ही अभियार्थिओं के लिए आज इस पोस्ट में हम बाल विकास और अध्यापन कला की सफल रणनीति लेकर आए है।
जैसा कि आप सब जानते है की टी ई टी परीक्षा उन सभी छात्रों के लिए आवश्यक है जो भविष्य में टीचर बनना चाहते है। टी इ टी परीक्षा को पास करने के लिए दो पेपर दिए जाते है, पेपर 1 उनके लिए है जो कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को पढ़ाना चाहते है, जबकि पेपर 2 उन छात्रों के लिए है जो कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के छात्रों को पढ़ाना चाहते है।
पेपर 1 और पेपर 2 में कुछ विषय एक सामान है, जैसे बाल विकास और अध्यापन कला, इंग्लिश और हिंदी भाषा के विषय। सफलता पाने के लिए सबसे पहले आपको परीक्षा का प्रारूप जान लेना अति आवश्यक है. परीक्षा का प्रारूप निम्न है:
यह परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी। इस परीक्षा में एक-एक अंक के पांच भागों से कुल 150 सवाल पूछे जाएंगे। प्रश्न पूछने का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों होगी। छात्रों ने अपने आवेदन पत्र में जो भी माध्यम चुना होगा, परीक्षा उसी माध्यम में देनी होगी। परीक्षा का कुल समय 150 मिनट (ढाई घंटे) होगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का नियम नहीं है। कक्षा 1 से 5 के लिए होने वाले पेपर-प्रथम (प्राथमिक स्तर) में पांच भाग होंगे जो कि बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, भाषा प्रथम, भाषा द्वितीय, गणित और पर्यावरण अध्ययन है। हर भाग में 30-30 प्रश्न पूछे जाएंगे।
उच्च कक्षाओं से संबंधित पेपर-द्वितीय (उच्च प्राथमिक) में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, भाषा प्रथम एवं भाषा द्वितीय में प्रत्येक से 30 सवाल पूछे जाएंगे। इन भागों के प्रश्नों का जवाब देना सभी के लिए जरूरी है। इसके साथ 60 प्रश्नों का एक और भाग होगा। इसे शिक्षण जरूरतों के अनुरूप बनाया गया है।
जो उम्मीदवार गणित और विज्ञान का शिक्षक बनना चाहते हैं, उन्हें इस भाग में गणित व विज्ञान के सवालों को हल करना होगा। इसी तरह सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान का शिक्षक बनने वालों को इस भाग में सामाजिक विज्ञान के सवालों को हल करना होगा। किसी अन्य विषय के शिक्षण कार्य में रूचि रखने वालों को इन्हीं दो भागों में से किसी एक को हल करना होगा।
बाल विकास और अध्यापन कला : प्रश्नों का स्वरुप
बाल विकास और अध्यापन कला पूरी तरह से थ्योरी पर आधारित विषय है। बाल विकास और अध्यापन कला के पेपर का स्वरुप कुल मिलाकर मध्यम होगा, यानि न ज्यादा मुश्किल प्रश्न पूछे जाएंगे और न ही ज्यादा आसान सवाल पूछे जाएंगे। मुख्य तौर पर इस विषय से 30 प्रश्न पूछे जाएंगे जिनमे 15 प्रशन बाल विकास पर और 15 प्रश्न अध्यापन कला पर आधारित होंगे
बाल विकास और अध्यापन कला के सवालों का वितरण (Distribution of Questions)
बाल विकास : 15 प्रश्न
समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालको को समझना: 5 प्रश्न
अधिगम और अध्यापन: 10 प्रश्न
इस सब्जेक्ट के महत्वपूर्ण विषय है
अभिवृद्धि एवं विकास की अवस्थाएं,
वैयक्तिक विभिन्नताएं,
मानसिक स्वास्थ्य और अभिरूचि,
पियाजे, कोहलवर्ग तथा व्योट्स्की के सिद्धांत,
लिंग, समावेशी शिक्षा
शिक्षा से संबंधित अनुच्छेद,
जवाहर नवोदय विद्यालय,
केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना तथा उद्देश्य,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति,
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी बनाए: पुराने प्रश्न पत्रों की सहायता से आप कुछ ऐसे टॉपिक्स जैसे Piaget के विकास के सिद्धांत या समीपस्थ विकास की भाइ़गटस्कि पर अपनी समझ बना सकेंगे. अक्सर देखा गया है कि CTET के पेपर्स में बहुत से प्रशन दोहराए जाते है, ऐसे में आपका पुराने प्रश्न पत्रों का अभ्यास आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होंगे.
पिछले साल के पेपर का अभ्यास: अब केवल कुछ ही दिन बचे हैं, आप सभी को बहुत महत्वपूर्ण विषयों का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है। पिछले साल के पेपर पढ़ने से आपको महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी मिलेगी। पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र पढ़ने से आप सवालों के पैटर्न का विश्लेषण कर पाएंगे । पिछले साल के पेपर पढ़ने से आप विषय को अच्छी तरह समझ पाएंगे। अक्सर देखा गया है कि REET के पेपर में कुछ प्रश्न दोहराए जाते है, इन प्रश्नो से आपको परीक्षा में सहायता मिलेगी.
मॉक टेस्ट का अभ्यास: मॉक टेस्ट के अभ्यास से आप पेपर को दिए गए समय में हल करना सीख सकेंगे। पेपर १ में आपको १५० प्रश्न २:३० मिनट में हल करने है. प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए आप के पास एक मिनट का समय होगा, मॉक टेस्ट से आप प्रश्न को निर्धारित समय में हल करना सीख सकेंगे.
प्रत्येक विषयों का सारांश बनाओ: सारांश बनाना आपको परीक्षा के अंतिम क्षणों के दौरान मदद कर सकते हैं। इस सारांश के जरिये आपको परीक्षा के आखिरी 2-3 दिनों में हर विषय को दोहराने में मदद मिलेगी। प्रत्येक विषय के सारांश बनाने से आप विषय को बेहतर समझ सकेंगे। याद रखें सारांश का मतलब आशुलिपि नोटस बनाना है. इन नोट्स में आप व्याकरण, उचित विराम चिह्न के साथ पूरा वाक्य न लिखे, इन नोट्स में केवल जरुरी पॉइंट्स लिखे अधिक से अधिक प्रश्न हल करें: जैसा कि आप सब जानते है, इन परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग नहीं है, इस प्रावधान के तहत आपको अधिक से अधिक प्रश्नो को हल करने की सलाह दी जाती है. परीक्षा में कोई भी प्रश्न छोड़े नहीं, सबसे पहले उन प्रश्नो को हल करे जिन्हे आप आसानी से हल कर सकते है, उसके बाद जो प्रश्न आपको नहीं आते , उन्हें एटेम्पट करे. इस रणनीति से आप अधिक संख्या में प्रश्न अटेम्प्ट कर पाएंगे जो बेहतर नंबर पाने के लिए अच्छा मौका है।
इस आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे - Toppers strategy on how to crack Child Development and Pedagogy Exam All the Best !!
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