CTET & TET Exam स्टडी नोट्स - भूगोल - सौर मंडल

By Ashish Kumar|Updated : July 3rd, 2016

प्रिय पाठक,

जैसा कि आप सब जानते है , पेपर 2 में कुल 60 प्रश्न सामाजिक विज्ञानं से पूछे जाएंगे। जिनमे से लगभग 10 -15 प्रश्न geography से पूछे जाएंगे। सामाजिक विज्ञानं में आपको अच्छे मार्क्स लाने के लिए Geography, History और Polity आदि टॉपिक्स को तैयार करना होगा।भूगोल

आपकी बेहतर तैयारी के लिए हम कुछ स्टडी नोट्स आपको उपलब्ध करा रहे है , उम्मीद है कि ये स्टडी नोट्स आपको सफल बनाएँगे। आज का विषय है - सौर मंडल

सौर मंडल 

ब्रह्मांड:-

  • ब्रह्मांड सापेक्षिक रूप से आकार एवं आयाम में बहुत बड़ा है। खगोलशास्त्रिायों के अनुसार ब्रहमांड में सौ बिलियन आकाशगंगा समाहित हो सकते हैं तथा प्रत्येक आकाश गंगा में औसतन सौ विलियन तारे समाविष्ट हो सकते हैं।
  • असंख्य तारे, ग्रह, उल्का पिंड, पुच्छल तारा, ठोस एवं गैसीय कण, सभी ‘आकाशीय पिण्ड’ कहलाते हैं। ये सभी पिण्ड ब्रह्माण्ड में एक निश्चित कक्षा में गति करते हैं। इनके बीच की दूरी को मापने के लिए हम प्रकाश वर्ष (Light Year) का प्रयोग एक मात्रक के रूप में करते हैं।
  • एक प्रकाश वर्ष से तात्पर्य वर्ष भर में प्रकाश द्वारा तय की दूरी से है। यह 9.46 × 1015 मी. अथवा 9500 बिलियन कि.मी. के बराबर होता है।
  • पारसेक भी दूरी का मात्रक है। 1 पारसेक = 3.26 प्रकाश वर्ष

हमारा सौरमंडल

हमारे सौर मंडल में सूर्य एवं आठ ग्रह हैं। इसके अलावे कुछ अन्य पिण्ड भी इसके सदस्य हैं। जैसे-उपग्रह, घूमकेतु, उल्काएं तथा क्षुद्रग्रह। पूरा सौर परिवार 25 करोड़ वर्ष में आकाश गंगा के केन्द्र के चारों और चक्कर लगाते हैं। यह समय अन्तराल कॉस्मिक वर्ष कहलाता है।

सूर्य:-

  • सूर्य सौर मंडल के केन्द्र में अवस्थित है। सभी ग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सूर्य का व्यास पृथ्वी से 109 गुणा, आयतन 13 लाख गुणा तथा भार 303 लाख गुणा अधिक है।
  • सुर्य का घनत्त्व पृथ्वी का 1/4 है।
  • इसके संघटन में 71% हाइड्रोजन एवं 26.5% हीलियम पाया जाता है।
  • सूर्य पृथ्वी से लगभग 150 मिलियन कि.मी. दूर है।
  • प्रकाश की चाल 3 लाख कि.मी. प्रति सेकेंड है। इस गति से सूर्य की किरणें पृथ्वी तक आने में लगभग 8 मिनट का समय लेती है।
  • सूर्य से ऊर्जा की प्राप्ति नाभिकीय संलयन प्रक्रिया द्वारा होती है।  हाइड्रोजन के छोटे-छोटे नाभिक मिलकर हीलियम अणु का निर्माण करते हैं।
  • किसी भी खगोलीय पिण्ड का सूर्य से सबसे नजदीक की अवस्थिति ‘उपसौर’ कहलाता है। 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होती है।
  • किसी भी खगोलीय पिण्ड की सूर्य के सापेक्ष सबसे दूरस्थ की स्थिति ‘‘अपसौर’’ कहलाता है। 4 जुलाई को पृथ्वी की अवस्थिति सूर्य से सबसे दूर होती है।

सूर्य के ग्रह:-

सूर्य के आठ ग्रह तथा दो बौने ग्रह हैं जो सूर्य के चारों ओर अपने निर्धारित कक्षा में चक्कर लगाते हैं। ये निम्नलिखित हैं:

  1. बुध
  2. शुक्र
  3. पृथ्वी
  4. मंगल
  5. बृहस्पति
  6. शनि
  7. यूरेनस (अरूण)
  8. नेप्चून (वरूण)

नोट: अभी हाल तक प्लूटो को एक ग्रह माना जाता था लेकिन अरूण ग्रह के कक्षा का अतिक्रमण एवं अन्य ग्रहों की तुलना में प्लूटो के कक्षा के झुके होने कारण अगस्त 2006 में अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने प्लूटो से ग्रह का दर्जा छीन लिया।

आठ ग्रहों में से बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल आन्तरिक ग्रह (Inner Planets) कहलाते हैं तथा ये सूर्य एवं क्षुद्र ग्रह की पट्टी के मध्य अवस्थित हैं। अन्य चार ग्रहों को बाह्य ग्रह (Outer Planets) कहा जाता है।  प्रथम चार ग्रह ‘पार्थिव ग्रह’ भी क���लाते हैं क्योंकि ये पृथ्वी की तरह के चट्टान एवं धातुओं से निर्मित है तथा उच्च घनत्व पाया जाता है। अन्य चार ग्रह ‘‘जोवियन ग्रह’’ कहलाते हैं। जोवियन का अर्थ है- वृहस्पति के समान। पार्थिव ग्रह की तुलना में ये काफी बड़े हैं तथा  इसका वातावरण घना  होता है जो अधिकांशतः हीलियम तथा हाइड्रोजन से निर्मित है।

सूर्य का चक्कर लगाने में सबसे अधिक अवधि

  • प्लूटो: 248 वर्ष
  • नूप्च्यून: 164 वर्ष

ग्रहों को अपने अक्ष पर घूर्णन करने में लगा समय-

  • बृहस्पति - 9 घंटा 50 मिनट
  • शनि - 10 घंटा 40 मिनट
  • शुक्र - 243 दिन
  • बुध - 59 दिन
  • पृथ्वी - 24 घंटे

ग्रह एवं उनके उपग्रहों की संख्या:

ग्रह          उपग्रहों की संख्या

शनि         62

बृहस्पति      67

यूरेनस       27

नेप्च्यून       8

मंगल        2

पृथ्वी        1

नोटः बुध एवं शुक्र का कोई उपग्रह नहीं है।

विभिन्न ग्रहों के संक्षिप्त विवरण

बुध

  • इसे वाणिज्य एवं कौशल का रोमन देवता कहा जाता है.
  • यह सबसे छोटा एवं सूर्य के सबसे नजदीक का ग्रह है.
  • कोई वातावरण नहीं, अतः जीवन संभवाना नहीं है।
  • कोई उपग्रह नहीं
  • सूर्य के चारों और परिक्रमा की अवधि - 88 दिन

शुक्र

  • इसे सुन्दरता का रोमन देवता भी कहा जाता है.
  • सौर मंडल का सर्वाधिक गर्म एवं सबसे चमकीला ग्रह है।
  • यहां सल्फ्यूरिक अम्ल का बादल पाया जाता है।
  • यह पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है जो पृथ्वी से 4.11 करोड़ कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • इस ग्रह का आयतन, भार तथा घनत्व पृथ्वी के समान है। इसलिए इसे ‘पृथ्वी की बहन’ या ‘जुड़वां ग्रह’ कहा जाता है। इसे भोर का तारा तथा सायंकाल का तारा’ भी कहा जाता है।
  • शुक्र ग्रह का बादलमण्डल नारंगी रंग का है, अतः इसे ‘नारंगी ग्रह’ भी कहा जाता है।
  • यह अन्य ग्रहों की विपरीत दिशा में सूर्य की परिक्रमा करता है।
  • इसका भी कोई उपग्रह नहीं।

पृथ्वी

  • सूर्य से दूरी के आधार पर तीसरा तथा पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य से 14.98 करोड़ कि.मी. दूर स्थित है।
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाती है।
  • पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन, 5 घंटे तथा 42 मिनट में करती है।
  • यह ‘नीला ग्रह’ भी कहलाती है।
  • अनुकूलित वातावरण के करण इस ग्रह पर जीवन संभव हो सका है।
  • इसका व्यास 12,756  मी. है।
  • इसका एक उपग्रह चन्द्रमा है।

चन्द्रमा

  • व्यास-3475 कि.मी.
  • गुरूत्व बल-पृथ्वी का 1/6
  • सूर्य से औसत दूरी-3.85 लाख कि.मी.
  • पृथ्वी की परिक्रमा 27.5 दिन में।
  • चन्द्रमा के सतह से परावर्तन के बाद पृथ्वी की सतह पर प्रकाश 1.3 सेकेण्ड में पहुंचती है।
  • कोई वायुमंडल नहीं है।

चन्द्रमा की कलायें (Phases of the Moon)

  • सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्रमा की सापेक्षिक स्थिति में परिवर्तन से सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने वाले चन्द्रमा के धरातल का क्षेत्राफल बदलता रहता है, जिसे चन्द्रमा की कला’ कहते हैं।
  • जब सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य चन्द्रमा होता है तो इसके फलस्वरूप अमावस्या होता है। अमावस्या को सूर्य ग्रहण होता है।
  • जब पृथ्वी की स्थिती सूर्य तथा चन्द्रमा के बीच होती है तो इसे पूर्णमासी कहा जाता है। इसी स्थिति में चन्द्रग्रहण होता है।

मंगल

  • इसे युद्ध का रोमन देवता कहा जाता है.
  • आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण लाल दिखाई देता है। इसलिए इसे ‘लाल ग्रह’ कहा जाता है।
  • इस ग्रह के लिए बहुत सारे अंतरिक्ष मिशन भेजे गए हैं। जैसे-विकिंगस, पथफाइन्डर, मार्स ओडिसी, मंगलयान, आदि।
  • पृथ्वी के बाद एकमात्र ग्रह जहां पानी के संकेत मिले हैं तथा जीवन की संभावना व्याप्त है।
  • मंगल पर ‘निक्स ओलम्पिया’ पर्वत स्थित है जो माउण्ट ऐवरेस्ट से तीन गुणा ऊंचा है।
  • फोबोस तथा डिमोस दो उपग्रह हैं।

बृहस्पति

  • इसे ‘स्वर्ग का देवता’ (God Heaven) कहा जाता है।
  • यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है, इसका व्यास तथा क्षेत्रफल क्रमशः पृथ्वी का 11 गुणा तथा 120 गुणा।
  • अपने अक्ष पर घुर्णन-10 घंटे में।
  • सूर्य की परिक्रमा-11 वर्ष एवं 10 महीने में।
  • सूर्य से बहुत दूर होने के कारण अत्यधिक शीतल वातावरण (-14 °C)
  • बृहस्पति के 63 उपग्रह हैं। यूरोपा, गेनीमेड, केलिस्टो बृहस्पति के प्रमुख उपग्रह हैं।
  • गेनीमेड सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।

शनि

  • इसे कृषि का रोमन देवता कहा जाता है.
  • सौर मंडल का यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य की परिक्रमा 29 वर्ष, 6 माह में करता है।
  • शनि की एक मुख्य विशेषता यह है कि इसके चारों ओर एक वृत्ताकार वलय विद्यमान है जो शनि के सतह को स्पर्श नहीं करता है।
  • जल की तुलना में शनि का घनत्व 0.69 है।
  • शनि के ज्ञात उपग्रहों की संख्या 62 है। इसकी घोषणा 3 मार्च 2009 को अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी संघ (International Astronomical Union)ने की। टाइटन (Titan) इसका सबसे बड़ा उपग्रह है।

यूरेनस/अरूण

  • 1781 ई. में इस ग्रह की खोज विलियम हर्शेल ने की।
  • यह अपने अक्ष पर 11 घंटे में एक चक्कर लगाता है तथा सूर्य की परिक्रमा 84 वर्षों में करता है।
  • यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करता हैं।
  • इसका वायुमंडल अत्यंत सघन है जिसमें मिथेन गैस पाया जाता है।
  • इसके उपग्रह विपरित दिशा में परिक्रमा करते हैं।
  • इसके 27 उपग्रह हैं, जिनमें से प्रमुख हैं: मिरांडा, टिटानिया , ओबेरोन, एरिएल, तथा उम्ब्रिएल

नेप्च्यून

  • इसे समुद्र का रोमन देवता, या युरेनुस का जुड़वाँ ग्रह, या हरा ग्रह कहा जाता है
  • यह अपने अक्ष पर 15 घंटे 40 मिनट में एक चक्कर है। तथा 165 वर्षों में सूर्य की परिक्रमा करता है।
  • मिथेन की उपस्थिति के कारण यह हरा प्रतीत होता है तथा ‘‘हरा ग्रह’’ कहलाता है।
  • इसके 14 उपग्रह हैं।

बौना ग्रह: प्लूटो

  • 1930 में इसकी खोज की गयी थी। यह सूर्य से 559 करोड़ कि.मी. दूरी पर स्थित है। इसका व्यास 2,222 कि.मी. है।
  • नेप्च्यून की कक्षा का अतिक्रमण करने और अपने कक्षा के झुकाव के कारण इसे ग्रह की श्रेणी से बाहर कर दिया गया तथा बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया।

 

धन्यवाद !

ग्रेडअप टीम (GradeUp Team)

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