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Question 1
विलय की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार (1) रूप से मजबूत तीन- चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चालू वित्त वर्ष में ही शेयर बाजारों में सूचिबद्ध करना चाहती है । बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है । सरकार आरआरबी की संख्या को वर्तमान 45 से घटाकर 38 पर लाना चाहती है । कुछ और आरआरबी का (2) होने की उम्मीद है, क्योंकि सम्बन्धित राज्य सरकारों ने इसके लिए मंजूरी दी है । एक राज्य के आरआरबी का विलय इस नजरिये से किया जा रहा है कि इससे आरबीआइ के लिए कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा,बैंकों के एक्सपोजर में बढ़ोत्तरी होगी । विभिन्न राज्यों में 21 छोटे बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए गए हैं, ताकि उन्हें बड़े स्तर पर (3) करने का लाभ मिले । बैंकों की स्थापना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था । इस कानून को 2015 में (4) कर दिया गया । संशोधन के बाद इन बैंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्पांसर बैंक के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी पूंजी जुटाने की (5) दे दी गई । अभी आरआरबी में केंद्र सरकार को 50 फीसद, स्पांसर बैंक की 35 फीसद और संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसद हिस्सेदारी है ।
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Question 2
विलय की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार (1) रूप से मजबूत तीन- चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चालू वित्त वर्ष में ही शेयर बाजारों में सूचिबद्ध करना चाहती है । बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है । सरकार आरआरबी की संख्या को वर्तमान 45 से घटाकर 38 पर लाना चाहती है । कुछ और आरआरबी का (2) होने की उम्मीद है, क्योंकि सम्बन्धित राज्य सरकारों ने इसके लिए मंजूरी दी है । एक राज्य के आरआरबी का विलय इस नजरिये से किया जा रहा है कि इससे आरबीआइ के लिए कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा,बैंकों के एक्सपोजर में बढ़ोत्तरी होगी । विभिन्न राज्यों में 21 छोटे बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए गए हैं, ताकि उन्हें बड़े स्तर पर (3) करने का लाभ मिले । बैंकों की स्थापना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था । इस कानून को 2015 में (4) कर दिया गया । संशोधन के बाद इन बैंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्पांसर बैंक के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी पूंजी जुटाने की (5) दे दी गई । अभी आरआरबी में केंद्र सरकार को 50 फीसद, स्पांसर बैंक की 35 फीसद और संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसद हिस्सेदारी है ।
Question 3
विलय की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार (1) रूप से मजबूत तीन- चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चालू वित्त वर्ष में ही शेयर बाजारों में सूचिबद्ध करना चाहती है । बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है । सरकार आरआरबी की संख्या को वर्तमान 45 से घटाकर 38 पर लाना चाहती है । कुछ और आरआरबी का (2) होने की उम्मीद है, क्योंकि सम्बन्धित राज्य सरकारों ने इसके लिए मंजूरी दी है । एक राज्य के आरआरबी का विलय इस नजरिये से किया जा रहा है कि इससे आरबीआइ के लिए कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा,बैंकों के एक्सपोजर में बढ़ोत्तरी होगी । विभिन्न राज्यों में 21 छोटे बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए गए हैं, ताकि उन्हें बड़े स्तर पर (3) करने का लाभ मिले । बैंकों की स्थापना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था । इस कानून को 2015 में (4) कर दिया गया । संशोधन के बाद इन बैंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्पांसर बैंक के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी पूंजी जुटाने की (5) दे दी गई । अभी आरआरबी में केंद्र सरकार को 50 फीसद, स्पांसर बैंक की 35 फीसद और संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसद हिस्सेदारी है ।
Question 4
विलय की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार (1) रूप से मजबूत तीन- चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चालू वित्त वर्ष में ही शेयर बाजारों में सूचिबद्ध करना चाहती है । बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है । सरकार आरआरबी की संख्या को वर्तमान 45 से घटाकर 38 पर लाना चाहती है । कुछ और आरआरबी का (2) होने की उम्मीद है, क्योंकि सम्बन्धित राज्य सरकारों ने इसके लिए मंजूरी दी है । एक राज्य के आरआरबी का विलय इस नजरिये से किया जा रहा है कि इससे आरबीआइ के लिए कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा,बैंकों के एक्सपोजर में बढ़ोत्तरी होगी । विभिन्न राज्यों में 21 छोटे बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए गए हैं, ताकि उन्हें बड़े स्तर पर (3) करने का लाभ मिले । बैंकों की स्थापना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था । इस कानून को 2015 में (4) कर दिया गया । संशोधन के बाद इन बैंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्पांसर बैंक के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी पूंजी जुटाने की (5) दे दी गई । अभी आरआरबी में केंद्र सरकार को 50 फीसद, स्पांसर बैंक की 35 फीसद और संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसद हिस्सेदारी है ।
Question 5
विलय की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार (1) रूप से मजबूत तीन- चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चालू वित्त वर्ष में ही शेयर बाजारों में सूचिबद्ध करना चाहती है । बैंकों के विलय की प्रक्रिया जारी है । सरकार आरआरबी की संख्या को वर्तमान 45 से घटाकर 38 पर लाना चाहती है । कुछ और आरआरबी का (2) होने की उम्मीद है, क्योंकि सम्बन्धित राज्य सरकारों ने इसके लिए मंजूरी दी है । एक राज्य के आरआरबी का विलय इस नजरिये से किया जा रहा है कि इससे आरबीआइ के लिए कर्मचारियों पर होने वाला खर्च घटेगा,बैंकों के एक्सपोजर में बढ़ोत्तरी होगी । विभिन्न राज्यों में 21 छोटे बैंकों का विलय कर बड़े बैंक बनाए गए हैं, ताकि उन्हें बड़े स्तर पर (3) करने का लाभ मिले । बैंकों की स्थापना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था । इस कानून को 2015 में (4) कर दिया गया । संशोधन के बाद इन बैंकों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्पांसर बैंक के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी पूंजी जुटाने की (5) दे दी गई । अभी आरआरबी में केंद्र सरकार को 50 फीसद, स्पांसर बैंक की 35 फीसद और संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसद हिस्सेदारी है ।
Question 6
संगठन ही सभी शक्तियों की, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि (6) नहीं कर सकता । एकता में महान शक्ति है । एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है । राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम,, एकता और भाईचारे का बना रहना । राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक क्षमता ही महत्त्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की (7) आवश्यक है । भारत विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन,बौद्ध और सिक्ख धर्म का (8) यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव (9) होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। सबको जोड़ने के लिए ही तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर ‘तिरंगा’ बनाया गया है । वह कोई साधारण कपड़ा नहीं है बल्कि उसे हमने ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक माना है । इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्र की प्रतिष्ठा और इसका अपमान राष्ट्र कला अपमान है । इसलिए इस तिरंगे की शान के लिए आज तक हजारों- लाखों भारतीय अपने प्राणों की (10) दे चुके हैं । इसी बलिदान का परिणाम है कि आह हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक तिरंगा झंडा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है ।
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Question 7
संगठन ही सभी शक्तियों की, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि (6) नहीं कर सकता । एकता में महान शक्ति है । एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है । राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम,, एकता और भाईचारे का बना रहना । राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक क्षमता ही महत्त्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की (7) आवश्यक है । भारत विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन,बौद्ध और सिक्ख धर्म का (8) यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव (9) होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। सबको जोड़ने के लिए ही तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर ‘तिरंगा’ बनाया गया है । वह कोई साधारण कपड़ा नहीं है बल्कि उसे हमने ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक माना है । इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्र की प्रतिष्ठा और इसका अपमान राष्ट्र कला अपमान है । इसलिए इस तिरंगे की शान के लिए आज तक हजारों- लाखों भारतीय अपने प्राणों की (10) दे चुके हैं । इसी बलिदान का परिणाम है कि आह हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक तिरंगा झंडा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है ।
Question 8
संगठन ही सभी शक्तियों की, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि (6) नहीं कर सकता । एकता में महान शक्ति है । एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है । राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम,, एकता और भाईचारे का बना रहना । राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक क्षमता ही महत्त्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की (7) आवश्यक है । भारत विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन,बौद्ध और सिक्ख धर्म का (8) यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव (9) होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। सबको जोड़ने के लिए ही तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर ‘तिरंगा’ बनाया गया है । वह कोई साधारण कपड़ा नहीं है बल्कि उसे हमने ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक माना है । इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्र की प्रतिष्ठा और इसका अपमान राष्ट्र कला अपमान है । इसलिए इस तिरंगे की शान के लिए आज तक हजारों- लाखों भारतीय अपने प्राणों की (10) दे चुके हैं । इसी बलिदान का परिणाम है कि आह हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक तिरंगा झंडा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है ।
Question 9
संगठन ही सभी शक्तियों की, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि (6) नहीं कर सकता । एकता में महान शक्ति है । एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है । राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम,, एकता और भाईचारे का बना रहना । राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक क्षमता ही महत्त्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की (7) आवश्यक है । भारत विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन,बौद्ध और सिक्ख धर्म का (8) यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव (9) होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। सबको जोड़ने के लिए ही तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर ‘तिरंगा’ बनाया गया है । वह कोई साधारण कपड़ा नहीं है बल्कि उसे हमने ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक माना है । इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्र की प्रतिष्ठा और इसका अपमान राष्ट्र कला अपमान है । इसलिए इस तिरंगे की शान के लिए आज तक हजारों- लाखों भारतीय अपने प्राणों की (10) दे चुके हैं । इसी बलिदान का परिणाम है कि आह हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक तिरंगा झंडा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है ।
Question 10
संगठन ही सभी शक्तियों की, एकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है, प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि (6) नहीं कर सकता । एकता में महान शक्ति है । एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है । राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम,, एकता और भाईचारे का बना रहना । राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक क्षमता ही महत्त्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की (7) आवश्यक है । भारत विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन,बौद्ध और सिक्ख धर्म का (8) यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव (9) होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। सबको जोड़ने के लिए ही तीन रंगों के कपड़े को जोड़कर ‘तिरंगा’ बनाया गया है । वह कोई साधारण कपड़ा नहीं है बल्कि उसे हमने ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक माना है । इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्र की प्रतिष्ठा और इसका अपमान राष्ट्र कला अपमान है । इसलिए इस तिरंगे की शान के लिए आज तक हजारों- लाखों भारतीय अपने प्राणों की (10) दे चुके हैं । इसी बलिदान का परिणाम है कि आह हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक तिरंगा झंडा अपने सर्वोच्च स्थान पर गर्व के साथ फहरा रहा है ।
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