हम लेकर आये है राजस्थान GK की एक नयी सीरीज, आप इसमें लोक देवता पढेंगे। इसमें राजस्थान के लोक देवताओं के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। लोक देवता एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसमें से हर प्रश्न पत्र में 5 से 10 प्रश्न तक पूछे जाते हैं । यह सीरीज पूर्णत हिंदी में प्रदान की जाएगी। आप इसे पढ़े और comment में फीडबैक जरुर दें अच्छी लगे तोह Upvote जरुर दें।
आज के लोक देवता है: देवबाबा और देवनारायणजी।
राजस्थान के लोकदेवता
मारवाड़ के पंच पीर –
पंच पीरों के बारे में उक्त कथन प्रचलित है-
“पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया मेहा।
पाँचों पीर पधारजो गोगाजी गेहा।।“
गोगाजी , पाबूजी , हड़बूजी , रामदेव जी ,मेहा जी।
देव बाबा :
- मंदिर - नगला जहाज गाँव (भरतपुर) में ।
- देव बाबा पशु चिकित्सक थे
- इन्हें खुश करने के लिए 7 ग्वालों को भोजन करवाया जाता है
- देवबाबा ग्वालों के पालनहार, कष्ट निवारक देवता नामों से प्रसिद्ध हैं।
- मेला - भाद्रपद शुक्ला पंचमी ( ऋषि पंचमी ) व चैत्र शुक्ला पंचमी को ।
- सवारी : भैंसा ।
- इनका स्थान नीम के पेड़ के नीचे स्थित होता है।
देवनारायणजी (औषधि के देवता) :
- वास्तविक नाम-उदयसिंह।
- बगड़ावत गुर्जर परिवार में जन्म।
- गुर्जर जाति के लोग इन्हें विष्णु का अवतार मानते हैं।
- पिता-सवाईभोज,
- माता-सेढू देवी,
- पत्नी-पीपलदे।
- घोड़ा - लीलागर।
- देवजी की फड़-गुर्जर जाति के कुँआरे भोपे जंतर वाद्य यंत्र के साथ बाँचते हैं। इनके मन्दिर में मूर्ति की बजाय ईंटों की पूजा नीम की पत्तियों के साथ होती है।
- जंतर वाद्य यंत्र को 100 मंतर (मंत्र) के समान माना गया है।
- देवनारायण की सबसे लंबी फड़ सबसे प्राचीन व सर्वाधिक प्रसंगो वाली फड़ मानी जाती है |
- भारत सरकार ने देवनारायण जी की फड़ पर 2 सितंबर 1995 में ₹5 का डाक टिकट जारी किया गया |
- गुर्जरों का तीर्थ : -सवाईभोज का मंदिर, आसीन्द (भीलवाड़ा)।
- मेला- भाद्रपद शुक्ल सप्तमी |
वापस पढ़े:
तेजाजी के बारे में: Click Here
गोगाजी के बारे में: Click Here
पाबूजी के बारे में: Click Here
हड़बूजी के बारे में: Click Here
रामदेव जी के बारे में: Click Here
मेहाजी के बारे में: Click Here
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