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Question 1
Question 2
Question 3
Question 4
Question 5
Question 6
Question 7
Question 8
Question 9
Question 10
Now the question arises, what is the secret of the longevity and imperishability of Indian culture? Why is it that such great empires and nations is Babylon, Assyria, Greece, Rome and Persia, could not last more than the footprints of a camel on the shifting sands of the desert, while India which faced the same ups and downs, the same mighty and cruel hand of time, is still alive and with the same halo of glory and splendor? The answer is given by Prof. J. B. Pratt of America. According to him Hindu religion is the only religion in the world which is 'self-perpetuating and self-renewing.' Unlike other religions 'not death, but development' has been the fate of Hinduism. Not only Hindu religion but the whole culture of the Hindus has been growing changing and developing in accordance with the needs of time and circumstance without losing its essential and imperishable spirit. The culture of the Vedic ages, of the ages of the Upanishads, the philosophical systems, the Mahabharata, the Smritis, the Puranas, the commentators, the medieval saints and of the age of the modern reformers is the same in Spirit and yet very different in form. Its basic principles are so broad based that they can be adapted to almost any environment of development.
Question 11
i. When one inserts a new information into an already existing idea by bringing change in the environment, it is called accommodation.
ii. When one changes ones idea in order to adjust in the new environment, it is called assimilation.
Which of the above statement is/are true?
Question 12
Question 13
जिंदगी को मौत के पंजों से मुक्त कर उसे अमर बनाने के लिए आदमी ने पहाड़ काटा है। किस तरह इंसान की विशेषताओं की कहानी सदियों बाद आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाई जायें। इसके लिए आदमी ने कितनी युक्तियां सोची और उन्हें किया। उसने चट्टानों पर अपने संदेश खोदे, ताडों से ऊंचे, धातुओं से चिकने पत्थर के खंभे खड़े किए, तांबे और पीतल के पत्थरों पर अक्षरा के मोती बिखेरे और उसके जीवन- मरण की कहानी सदियों के उतार पर सरकती चली आयी, चली आ रही है, जो आज हमारी अमानत- विरासत बन गई है।
आज से कोई लगभग सवा हज़ार साल पहले से ही हमारे देश में पहाड़ काटकर मंदिर बनाने की परिपाटी चल पड़ी थी। अजंता की गुफाएं पहाड़ काटकर बनाई जाने वाली देश की सबसे प्राचीन गुफाओं में से हैं, जैसे एलोरा और एलीफेंटा की सबसे पिछले काल की देश की गुफाओं या गुहा- मंदिरों में सबसे विख्यात अजंता के हैं, जिसकी दीवारों और छतों पर अंकित चित्र दुनिया के नमूने बन गए हैं। चीन के तुन- हुआंग और श्रीलंका के सिमिरिया की पहाड़ियां दीवारों पर उसी के नमूने के चित्र नकल कर लिए गए थे और जब अजंता के चित्रों ने विदेशों को इस प्रकार अपने प्रभाव से निहाल किया तब भला अपने देश के नगर- देहात और उनके प्रभाव से कैसे निहाल ना होते बाघ और सित्तनवासल की गुफाएं उसी अजंता की परंपरा में है, जिनकी दीवारों पर जैसे प्रेम और दया की एक दुनिया ही सिरज गई है।
Question 14
हरा भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार,
नदियाँ, पर्वत, हवा, पेड़ से आती है बहार ।
बचपन, कोमल तन-मन लेकर,
आए अनुपम जीवन लेकर,
जग से तुम और तुमसे है ये प्यारा संसार,
हरा-भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार,
वृंद-लताएँ, पौधे, डाली
चारों ओर भरे हरियाली
मन में जगे उमंग यही है सृष्टि का उपहार,
हरा-भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार
मुश्किल से मिलता है जीवन,
हम सब इसे बनाएँ चंदन
पर्यावरण सुरक्षित न हो तो है सब बेकार
हरा-भरा हो जीवन अपना स्वस्थ रहे संसार
Question 15
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CTET & State TET Exams