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Question 1
A. Direction
B. Self Evaluation
C. Comprehension
D. Adaptability
Question 2
Question 3
Question 4
Question 5
Question 6
Question 7
Question 8
The correct observation was made by the student
Question 9
i. Total internal reflection is a phenomenon in which atoms or molecules re-emit the light in different direction which they have absorbed previously.
ii. A diamond shines so brilliantly partially because of total internal reflection.
Which of the statements are true?
Question 10
भारत वीर सपूतों की धरती है और यहां आजादी की लड़ाई में कई वीरांगनाओं ने भी अपना बलिदान दिया था l इसकी मिट्टी से होनहार, बहादुर सुत भी पैदा हुए हैं और सुता भी l भारत तकरीबन एक सदी तक अंग्रेजों का गुलाम रहा l इस गुलामी की बेड़ियों को काटने के लिए हिंदुस्तान की वीरांगनाओं ने अपनी जान की बाजी लगा दीl 1857 के पहले स्वातंत्र्य समर से लेकर 1947 में देश आजाद होने तक ये महिलाएं डटी रहीं और जब आजाद भारत की अपनी लोकतांत्रिक सरकार बनी l उस वक्त भी नए भारत के नींव निर्माण में उन्होंने अपना शत प्रतिशत योगदान दिया l आज हम बात करेंगे उन्हीं वीरांगनाओं की, जिनके बलिदान और देश-निर्माण में योगदान के लिए हम सदा उनके ऋणी रहेंगे l झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की शहादत को कौन नहीं जानता l रानी लक्ष्मी बाई हमारी अनंत पीढ़ियों तक वीरता का प्रतीक रहेंगी l रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए l ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर जनरल डलहौजी की राज्य हड़प नीति के अन्तर्गत अंग्रेजों ने बालक दामोदर राव को झाँसी राज्य का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया और ‘डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स’ नीति के तहत झाँसी राज्य का विलय अंग्रेजी साम्राज्य में करने का फैसला कर लिया l हालाँकि रानी लक्ष्मीबाई ने अँगरेज़ वकील जान लैंग की सलाह ली और लंदन की अदालत में मुकदमा दायर कर दिया पर अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध कोई फैसला हो ही नहीं सकता था इसलिए बहुत बहस के बाद इसे खारिज कर दिया गया l अंग्रेजी हुकुमत से संघर्ष के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने एक स्वयंसेवक सेना का गठन प्रारम्भ किया l इस सेना में महिलाओं की भी भर्ती की गयी और उन्हें युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया l झाँसी की आम जनता ने भी इस संग्राम में रानी का साथ दिया l लक्ष्मीबाई की हमशक्ल झलकारी बाई को सेना में प्रमुख स्थान दिया गया l तात्या टोपे और लक्ष्मीबाई की संयुक्त सेना ने ग्वालियर के विद्रोही सैनिकों की मदद से ग्वालियर के एक किले पर कब्जा कर लिया l रानी लक्ष्मीबाई ने जी-जान से अंग्रेजी सेना का मुकाबला किया पर 17 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रिटिश सेना से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गयीं l
उपरोक्त गद्यांश के अनुसार, डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स’ नीति से क्या तात्पर्य है?
Question 11
स्नेह निर्झर बह गया है।
रेत-ज्यों तन रह गया है।
आम की यह डाल जो सूखी दिखी,
कह रही है – “अब यहाँ पिक या शिखी
नहीं आते, पंक्ति मैं वह हूँ लिखी
नहीं जिसका अर्थ –“
जीवन दह गया है।
दिये हैं मैंने जगत् को फूल-फल,
किया है अपनी प्रभा से चकित-चल
पर अनश्वर था सकल पल्लवित पल
ठाठ जीवन का वही
जो ढह गया हैं।
Question 12
Question 13
एकः धनिकः आसीत्। तस्य कृषिक्षेत्राणि अपि बहूनि आसन्। सः निर्धनेभ्यः धनं ददाति , पुनश्च ते यदि तद्धनं प्रत्यर्पयितुं न शक्नुवन्ति तर्हि सः धनिकः तेभ्यः निर्धनेभ्यः कृषिक्षेत्राणि आत्मसात् करोति स्म। एवमेव सः छलेन धनसम्पादनं करोति स्म। तस्य धनस्य अभावः तु नासीत् परन्तु तस्य अपत्यम् एकमपि नासीत्। एकदा तस्य पत्नी तम् उक्तवती हे नाथ! आवयोः एकमपि अपत्यं नास्ति। भवान् निर्धनैः सह व्याजेन धनसम्पादनं करोति अतः आवयोः उपरि तेषाम् अभिशापः अस्ति यस्मात् कारणात् आवाम् एकमपि सन्तानं न प्राप्नुवः इति।तदा सः उक्तवान् हे प्रिये! एवं न कथयतु। आवयोः धनं तु यथेष्टम् अस्ति। अपत्यं नास्ति चेदपि आवां सुखेन जीवावः एव। भवती इदानीं गच्छतु भोजनं पचतु इति। सा तस्याः पत्युः व्यवहारे सन्तुष्टा नासीत्, अतः सर्वदा दुःखिता भवति स्म।
एकदा एकः वृद्धः साधुः स्कन्धे एकं स्यूतम् आदाय आगच्छति स्म। मध्याह्नसमये अतीव घर्मः आसीत् अतः साधुः एकस्य वृक्षस्य अधः विश्रामं कर्तुम् उपविष्टवान्। सः धनिकः तं साधुं दृष्ट्वा तस्य समीपे गत्वा तं पृष्टवान् भोः साधो! भवान् कुतः आगच्छति, अपि च भवतः स्यूते किमस्ति इति। साधुः तदा उक्तवान् अहं मनिपुरग्रामं गच्छामि, मम स्यूते धनम् अस्ति। तेन धनेन अहम् एकस्य मन्दिरस्य निर्माणं करिष्यामि इति। स्यूते धनम् अस्ति इति श्रुत्वा तस्य धनिकस्य मनसि लोभः उत्पन्नः अभवत्। कथं तद्धनम् आत्मसात् कर्तुं शक्नोमि इति तस्य मनसि दुर्भावना उद्भूता।तदा सः धनिकः साधुम् उक्तवान् हे साधो! भवान् अतीव श्रान्तः अस्ति, अतः मम गृहं पार्श्वे एव अस्ति। अतः भवान् मम गृहे आगत्य विश्रामं करोतु, भवतः सेवां कृत्वा अहं धन्यः भविष्यामि इति।
धनिकस्य पार्श्वे किम् अधिकम् आसीत् ?
Question 14
संस्कृतभाषा सर्वेषां कृते एका अतीव महत्त्वपूर्णा प्रवचनीया च भाषा वर्तते । इयं प्राचीना भाषा चेदपि अत्यन्तं समृद्धा, सुपरिष्कृता, सुगमा च भाषा वर्तते । भारतीया परम्परा संस्कृतिश्च इतः पर्यन्तं यया रक्षिता अस्ति, इयमेव पवित्रा देवभाषा वर्तते । या भाषा सर्वासां भाषाणां जननी अस्ति; यां ज्ञात्वा मनश्शान्तिः, मनसः संस्कारो जायते; यस्याः प्रभावतः संसार-व्यवहारे सात्त्विकता आयाति; यस्याः भाषायाः अध्ययनेन, सम्भाषणेन, लेखनाद्यभ्यासेन शास्त्रग्रन्थेषु उपलभ्यमानं ज्ञानम् अवगन्तुम् भाषाभ्यासिनः सक्षमाः भवेयुः; या भाषा अस्मत्पूर्वजानां ऋषिमहर्षिणाम्, पितृपितामहादीनाञ्च जनभाषा एव आसीत्; यैः वेदोपनिषत्पुराणादयः सहस्रशः शास्त्रग्रन्थाः विरचिताः आसन् | इदानीमपि ते सुलभतया प्राप्यन्ते च इति | एतादृशी महती भाषा सदा सर्वदा सर्वेषाञ्च कृते संरक्षणीया, आदरणीया, स्वजीवने व्यवहर्तव्या च वर्तते । पितृसम्पत्तुल्या इयं भाषा अस्माकं सर्वेषां विश्ववासिनाञ्च कृते एका महती सम्पद् अस्ति । अतः एतस्याः महत्याः भाषायाः पुनरुद्धरणम् उज्जीवनम्, संरक्षणञ्च कर्तुम् अस्माकं सर्वेषां महद्दायित्वमस्ति इति ।
Question 15
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CTET & State TET Exams