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Question 1
Process of socialization does NOT include:
Question 2
Question 3
Question 4
Question 5
If 8 is replaced by 18, then the median of the data is y. What is the sum of the values of x and y?
Question 6
Question 7
Question 8
Question 9
Question 10
Renowned educationalist Sir Tim Brighouse, observed that an outstanding school has four factors that are visible. "Teachers talk about teaching, teachers observe each other's practice, teachers plan, organize and evaluate their work together rather than separately, and that teachers teach each other."
He continues: "One of the reasons I like that is that you can immediately see ways in which you could make it more likely that teachers talk about teaching."
Sir Tim then encouraged schools to focus on activities that were low effort but high impact, describing them as "butterflies". Some examples he gave included rotating staff meetings around different classrooms with the host, at the start, describing the room layout and displays, or discussing other teaching techniques and approaches. With modern technology teachers could observe their own lessons and then when viewing them back, decide whether they want to share them with a mentor.
The role of mentoring was vital and suggested that more schools could send teachers out in small groups to learn from colleagues in other schools.
He said: "If this were widespread practice, if people were to attend to their butterflies, the outcome in terms of teacher morale and teacher satisfaction would be positive. We all agree that professional development is the vital ingredient".
Question 11
Question 12
घायल बाज़ फिर उड़ना चाहता था। उसने किसी तरह साहस बटोरकर उड़ान भरी और थोड़ी देर पंख फड़फड़ाकर उड़ने के बाद नीचे गिर गया। साँप ने भी ऊँचाई पर बने अपने खोखल से निकलकर अपने को आसमान में छोड़ दिया और नीचे जा गिरा। साँप कहने लगा -
“सो उड़ने का यही आनंद है - भर पाया मैं तो। पक्षी भी कितने मूर्ख हैं। धरती के सुख से अनजान रहकर आकाश की ऊँचाई को नापना चाहते थे। किंतु अब मैंने जान लिया कि आकाश में कुछ नहीं रखा। केवल ढेर-सी रोशनी के सिवा वहाँ कुछ भी नहीं, शरीर को सँभालने के लिए कोई स्थान नहीं, कोई सहारा नहीं। फिर ये पक्षी किस बूते पर इतनी डींगें हाँकते हैं, किसलिए धरती के प्राणियों को इतना छोटा समझते हैं। अब मैं कभी धोखा नहीं खाऊँगा, मैंने आकाश देख लिया और खूब देख लिया। बाज़ तो बड़ी-बड़ी बातें बनाता था, आकाश के गुण गाते थकता नहीं था। उसी की बातों में आकर मैं आकाश में कूदा था। ईश्वर भला करे, मरते-मरते बच गया। अब तो मेरी यह बात और भी पक्की हो गई है कि अपनी खोखल से बड़ा सुख और कहीं नहीं है। धरती पर रेंग लेता हूँ, मेरे लिए यह बहुत कुछ है। मुझे आकाश की स्वच्छंदता से क्या लेना-देना ? न वहाँ छत है, न दीवारें हैं, न रेंगने के लिए ज़मीन है। मेरा तो सिर चकराने लगता है। दिल काँप-काँप जाता है। अपने प्राणों को खतरे में डालना कहाँ की चतुराई है?” साँप सोचने लगा कि बाज़ अभागा था जिसने आकाश की आज़ादी को प्राप्त करने में अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी।
किंतु कुछ देर बाद साँप के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। उसने सुना, चट्टानों के नीचे से एक मधुर, रहस्यमय गीत की आवाज़ उठ रही है। पहले उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। किंतु कुछ देर बाद गीत के स्वर अधिक साफ़ सुनाई देने लगे। वह अपनी गुफा से बाहर आया और चट्टान से नीचे झाँकने लगा। सूरज की सुनहरी किरणों में समुद्र का नीला जल झिलमिला रहा था। लोग मिलकर गा रहे थे -
“ओ निडर बाज़! शत्रुओं से लड़ते हुए तुमने अपना कीमती रक्त बहाया है। पर वह समय दूर नहीं है, जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद ज़िंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी। तुमने अपना जीवन बलिदान कर दिया किंतु फिर भी तुम अमर हो। जब कभी साहस और वीरता के गीत गाए जाएँगे, तुम्हारा नाम बड़े गर्व और श्रद्धा से लिया जाएगा।”
“कीमती रक्त” में दोनों शब्द क्रमशः हैं -
Question 13
Question 14
Question 15
विश्वस्य उपलब्धासु भाषासु संस्कृतभाषा प्राचीनतमाभाषास्ति । भाषेयम् अनेकानां भाषाणां जननी मता ।प्राचीनयो: ज्ञान विज्ञानयो: निधि: अस्यां सुरक्षित: ।संस्कृतस्य महत्वविषये केनापि कथितम् - " भारतस्यप्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा " ।
इयं भाषा अतीव वैज्ञानिकी। केचन कथयन्ति यत्संस्कृतमेव सङ्गणकस्यकृते सर्वोतमा भाषा ।अस्या: वाङ्ममयं वेदै: पुराणै: नीतिशास्त्रेण चिकित्साशास्त्रदिभिश्च समृध्दमस्ति ।कालिदासादीनां विश्वकवीनां काव्यसौन्दर्यम् अनुपमम् । कौटिल्यरचितम् अर्थशास्त्रम् जगति प्रसिद्धम् अस्तिगणितशास्त्रे शून्यस्य प्रतिपादनं सर्वप्रथमम् आर्यभट्टः अकरोत् ।चिकित्साशास्त्रे चरकसुश्रुतयोः योगदानं विश्वप्रसिद्धम् । संस्कृते यानि अन्यानि शास्त्राणि विद्यन्ते तेषु वास्तुशास्त्रं , रसायनशास्त्रं खगोलविज्ञानम्, ज्योतिषशास्त्रम्, विमानशास्त्रम् इत्यादीनि उल्लेखनीयानि ।
संस्कृते विद्यमाना: सूक्तय: अभ्युदयाय प्रेरयन्ति ।यथा - सत्यमेव जयते, वसुधैव कुटुम्बकम् ,विद्ययाऽमृतमश्नुते , योग: कर्मसु कौशलम् इत्यादय:। सर्वभूतेषु आत्मवत् व्यवहारं कर्तुं संस्कृतभाषा सम्यक् शिक्षयति ।
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CTET & State TET Exams