उत्तर: उत्साह वीर रस का स्थायी भाव है।
मानव मन के भावों को मुख्यतया नौ स्थायी भावों में बाँटा है।
रस | स्थायी भाव |
श्रृंगार | रति |
हास्य | हास |
करुण | शोक |
रौद्र | क्रोध |
वीर | उत्साह |
भयानक | भय |
वीभत्स | जुगुप्सा |
अद्भुत | विस्मय |
शांत | निर्वेद |
Summary:
उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
उत्साह वीर रस का स्थायी भाव है। वीर रस चार प्रकार के होते हैं: युद्धवीर, दानवीर, धर्मवीर, दयावीर।
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