उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
वीर रस का स्थायी भाव उत्साह है। रस के बिना साहित्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। जब हृदय में उत्साह नामक स्थायी भाव का अनुभाव, विभाव और संचारी भाव हो तब वीर रस होता है।
उत्तर: उत्साह वीर रस का स्थायी भाव है।
मानव मन के भावों को मुख्यतया नौ स्थायी भावों में बाँटा है।
रस |
स्थायी भाव |
श्रृंगार |
रति |
हास्य |
हास |
करुण |
शोक |
रौद्र |
क्रोध |
वीर |
उत्साह |
भयानक |
भय |
वीभत्स |
जुगुप्सा |
अद्भुत |
विस्मय |
शांत |
निर्वेद |
Summary:
उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
उत्साह वीर रस का स्थायी भाव है। वीर रस चार प्रकार के होते हैं: युद्धवीर, दानवीर, धर्मवीर, दयावीर।
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