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तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty in Hindi)

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty) दिल्ली सल्तनत में एक तुर्क-भारतीय मूल का राजवंश था जिसने सन् 1320 से लेकर सन् 1398 ई. तक दिल्ली पर शासन किया। गयासुद्दीन तुगलक वंश का संस्थापक था।जिसका वास्तविक नाम गाजी मलिक था। इस वंश में गियासुद्दीन तुग़लक, मुहम्मद बिन तुग़लक, फ़िरोज शाह तुग़लक, जैसे योग्य शासक थे। 1398 ई. में तैमूर लंग ने दिल्ली पर आक्रमण करके तुगलक वंश का अंत कर दिया था।

यहां, हम आपको तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty) की पूरी अध्ययन सामग्री प्रदान कर रहे हैं, उम्मीदवार नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी का पीडीएफ़ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।

तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty) डाउनलोड पीडीएफ़

तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) 

गियास-उद-दीन तुगलक या गाजी मलिक ने खिलजी वंश के अंतिम शासक खुसरों खां की हत्या करके 1320ई. में तुगलक वंश की स्थापना की थी। तुगलक वंश में कुल 9 शासक हुए हैं। जिनका विवरण इस प्रकार है:

क्र. शासक शासनकाल
1. गयासुद्दीन तुग़लक़ 1320-25 ई.
2. मुहम्मद तुगलक 1325-51 ई.
3. फिरोज शाह तुगलक 1351-88 ई.
4. मोहम्मद  खान 1388 ई.
5. गयासुद्दीन तुग़लक़ शाहII 1388 ई.
6. अबू बकर 1389-90 ई.
7. नसीरूदीन मुहम्मद 1390-94 ई.
8. हुमांयू 1394-95 ई.
9. नसीरूदीन महमूद 1395-1398 ई.

शासक

शासनकाल

महत्वपूर्ण तथ्य

गियासुद्दीन तुग़लक

1320-1325

1. खिलजी वंश के अंतिम शासक खुसरो खान, गाजी मलिक द्वारा मारा गया था, और गजनी मलिक, गियासुद्दीन तुगलक के नाम पर सिंहासन पर आसीन हुआ।
2. उनकी एक दुर्घटना में मौत हो गई और उनके बेटे जौना (उलूग खान) ने मोहम्मद-बिन-तुगलक के नाम से गद्दी संभाली।

गियासुद्दीन तुगलक की उपलब्धियाँ
1. अलाउद्दीन के खाद्य कानून को फिर से लागू किया
2. सुदूर प्रांतो में विद्रोहियों से मजबूती से निपटे और शांति व्यवस्था कायम किया
3. डाक प्रणाली को बेहतर व्यवस्थित किया
4. कृषि को प्रोत्साहित किया

मोहम्मद बिन तुगलक

1325-1351

1. गियासुद्दीन तुगलक के पुत्र राजकुमार जौना ने 1325 में गद्दी संभाली।
2. उन्होंने कई प्रशानिक सुधार के प्रयास किये। मोहम्मद बिन तुगलक की पांच महत्वाकांक्षी परियोजंनाये थी जिसके लिए वह विशेषकर बहस का मुद्दा बन गए।

1. दोआब में कराधान (1326)

2. पूंजी का स्थानांतरण (1327)

3. टोकन मुद्रा का परिचय (1329)

4. प्रस्तावित खुरासन अभियान (1329)

5. करचील अभियान (1330)
3. उनकी पांच परियोजनायें उनके साम्राज्य में चारों ओर विद्रोह का कारण बनी। उनके अंतिम दिन विद्रोहियों से संघर्ष में गुजरे।

1335 – मुदुरई स्वतंत्र हुआ (जलालुद्दीन अहसान शाह)

1336 – विजयनगर के संस्थापाक (हरिहर और बुक्का), वारंगल स्वतंत्र हुआ (कन्हैया)

1341-47 – 1347 में सदा अमीर और बहमाणी की स्थापना का विद्रोह (हसन गंगू)

उनका तुर्की के एक गुलाम तघि के खिलाफ सिंध में प्रचार करते समय थट्टा में निधन हो गया।

फ़िरोज शाह तुगलक

1351-1388

1. फ़िरोज शाह तुगलक मोहम्मद बिन तुगलक के चचेरे भाई थे। उनकी मौत के बाद बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं और सभा ने फिरोज शाह को अगला सुल्तान नियुक्त किया।
2. दीवान-ए-खैरात (गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए विभाग) और दीवान-ई-बुंदगन (गुलामों का विभाग) की स्थापना की।
4. इक्तादारी प्रणाली को अनुवांशिक बनाना।
5. यमुना से हिसार नगर तक सिचांई के लिए नहर का निर्माण हर।
6. सतलुज से घग्गर तक और घग्गर से फ़िरोज़ाबाद तक।
7. मांडवी और सिरमोर की पहाड़ियों से हरियाणा के हांसी तक।
8. चार नए शहरों, फिरोजाबाद, फतेहाबाद, जौनपुर और हिसार की स्थापना।

फिरोज शाह तुगलक  के बाद 

1388-98

1. फिरोज शाह की मौत के बाद तुगलक वंश बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चला। मालवा (गुजरात) और शारकी (जौनपुर) राज्य सल्तनत से अलग हो गए।
2. तैमूर का आक्रमण: (1398 9 -99) में तैमूर, एक तुर्क ने तुगलक वंश के अंतिम शासक मुहम्मद शाह तुगलक के शासनकाल के दौरान 1398 भारत पर आक्रमण किया। उनकी सेना ने निर्दयतापूर्वक दिल्ली को लूट लिया।
3. तैमूर मध्य एशिया लौट गया और पंजाब पर शासन करने के लिए एक प्रत्याक्षी को छोड़ गया इस प्रकार तुगलग वंश का अंत हुआ।

तुग़लक़ वंश (Tughlaq Dynasty) : पतन का कारण

  • एक प्रकार से जमे हुए और सैन्य सरकार जिस पर लोगो का भरोसा नहीं था।
  • दिल्ली के सुल्तानों का पतन (विशेषकर मुहम्मद बिन तुगलक की वन्य परियोजना, फिरोज तुगलक की नाकामी)
  • उत्तराधिकार की लड़ाई क्योंकि इसके लिए कोई कानून नहीं था।
  • नोबल्स का लालच
  • त्रुटिपूर्ण सैन्य संगठन।
  • साम्राज्य की विशालता और संचार के कमजोर साधन।
  • वित्तीय अस्थिरता।
  • फिरोज तुगलक के समय गुलामों की संख्या बढ़कर 1, 80,000 हो गई जो कि राजकोष पर अतिरिक्त बोझ थी।
  • तैमूर का आक्रमण।

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