hamburger

महाराणा प्रताप जयंती – कब है, इतिहास, महत्व

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

महाराणा प्रताप जयंती – मेवाड़ के 13वें राजा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास के सबसे मजबूत योद्धाओं में से एक के रूप में भी जाना जाता है। 9 मई को प्रत्येक वर्ष महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है। इस लेख में हम आपको महाराणा प्रताप और उनसे जुड़े इतिहास के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। जानें की महाराणा प्रताप जयंती किस दिन मनाई जाती है, यह क्यों मनाई जाती है| महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी का युद्ध के बारे में भी पढ़े|

महाराणा प्रताप जयंती | Maharana Pratap Jayanti

महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था। उदय सिंह द्वितीय के सबसे बड़े पुत्र महाराणा प्रताप सिंह मेवाड़ के 13वें राजा थे। गौरतलब है कि उदय सिंह द्वितीय द्वारा ही राजस्थान के उदयपुर शहर की स्थापना की गयी थी।

महाराणा प्रताप का प्रारंभिक जीवन | Maharana Pratap Early Life

राजा महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ के राजपूतों के सिसोदिया वंश में उदय सिंह द्वितीय और जयवंता बाई के यहाँ 9 मई 1540 को हुआ था। उनके तीन छोटे भाई जगमल सिंह,विक्रम सिंह और शक्ति सिंह थे। बिजोलिया के अजबदे पंवार से महाराणा प्रताप का विवाह से हुआ था। 1572 ई. में उदय सिंह की मृत्यु के पश्चात मेवाड़ के सिंहासन का उत्तराधिकारी के रूप में महाराणा प्रताप ने 1 मार्च 1572 को 32 वर्ष की आयु में मेवाड़ के शाही परिवार की गद्दी संभाली थी|

यह भी पढ़े

UPPSC Syllabus

BPSC Syllabus

Preamble to the Indian Constitution in Hindi

International Organizations in Hindi

UPPSC सिलेबस इन हिंदी 

BPSC सिलेबस इन हिंदी

महाराणा प्रताप का ऐतिहासिक सम्बन्ध | Historical Relation of Maharana Pratap

भारतीय इतिहास में राजा महाराणा प्रताप को एक बहादुर योद्धा के रूप में पहचाना जाता है, जिनकी आज तक एक अमित छाप बनी हुई है। इतिहास के सन्दर्भ में महाराणा प्रताप ने अनेक सफल युद्ध किये थे। हल्दी घाटी का युद्ध इतिहास में एक चर्चित युद्ध था ।

हल्दीघाटी का युद्ध | Battle of Haldighati (18 June 1576)

उदय सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान, चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी ने मेवाड़ के उपजाऊ पूर्वी हिस्से को विस्तारवादी मुगल साम्राज्य ने अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया था । हालाँकि मेवाड़ का पश्चिमी आधा भाग सिसोदिया राजपूतों के नियंत्रण में ही था।

महाराणा प्रताप जयंती PDF

मुगल बादशाह अकबर ने गुजरात में शासन अधिपत्य करने के लिए सुरक्षित मार्ग मेवाड़ का पश्चिमी भाग को चुना था। मुगल सम्राट अकबर ने 1572 ई. में महाराणा प्रताप के स्वर्गारोहण पर, अकबर ने राणा प्रताप को मुगल साम्राज्य का एक जागीरदार बनने के लिए कहा था, जिसे महाराणा प्रताप ने अकबर को इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया था। इसके पश्चात् महाराणा प्रताप और मुग़ल साम्राज्य के बीच युद्ध अपरिहार्य हुए ।

राजस्थान के राजसमंद के पास हल्दीघाटी के संकरे पहाड़ी दर्रे पर मेवाड़ और मुगल साम्राज्य का सामना हुआ था । समकालीन इतिहासकारों के अनुसार, 3000 घुड़सवार सेना और 400 भील धनुर्धारियों की मेवाड़ की सेना को 5000 से 1000 के बीच की मुगल सेना का सामना करना पड़ा था। हल्दीघाटी का युद्ध छह घंटे तक चला था। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई।हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक बुरी तरह घायल हो गया था। 21 जून 1576 को नदी को पार करने के बाद महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई थी।

महाराणा प्रताप की मृत्यु | Maharana Pratap Death

महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी, 1597 को उनकी नई राजधानी चावंड में हुई। महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राणा अमर सिंह गद्दी पर बैठे। उन्होंने मुगलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। 1614 में उसने अकबर के पुत्र बादशाह जहांगीर से संधि कर ली।

Related Articles:

UPPSC

Our Apps Playstore
POPULAR EXAMS
SSC and Bank
Other Exams
GradeStack Learning Pvt. Ltd.Windsor IT Park, Tower - A, 2nd Floor, Sector 125, Noida, Uttar Pradesh 201303 help@byjusexamprep.com
Home Practice Test Series Premium