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यूपीपीएससी पुस्तक सूची 2023 – सर्वोत्तम UPPSC पुस्तकों की सूची

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: September 13th, 2023

यूपीपीएससी 2023 परीक्षा की तैयारी के लिए पुस्तक सूची: यूपीपीएससी परीक्षा की रणनीति बनाते समय, सर्वोत्तम पुस्तकों, अध्ययन सामग्री का पालन करना चाहये। अच्छी रैंक केवल तभी प्राप्त होगी जब आप कुशलता से सही अध्ययन सामग्री का अध्ययन करते हैं। हालांकि, तैयारी के लिए केवल एक स्रोत पर निर्भर होना पर्याप्त नहीं है, प्रश्न पत्र हमेशा अप्रत्याशित होते हैं।

पहले हम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी पीसीएस परीक्षा की प्रकृति को समझेंगे। पीसीएस में पूछे गए प्रश्न संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) से अलग होते हैं। मूलभूत अंतर यह है कि यूपीपीएससी प्रश्न प्रकृति में अधिक तथ्‍यात्‍मक तथा सरल होते हैं। यद्यपि यूपीपीएससी पैटर्न बदल रहा है और यूपीएससी के उदाहरण का अनुसरण करने का प्रयास कर रहा है। उदाहरण के लिए, अब मुख्‍य परीक्षा में उम्मीदवारों को तीन के समूहों में जोड़े में सभी में 15 प्रश्न लिखना आवश्‍यक है।

प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर जीएस1 और जीएस2 होंगे। प्रारंभिक परीक्षा में जीएस पेपर 1 तथा मुख्‍य परीक्षा चरण में जीएस पेपर 1 और 2 में 150 प्रश्‍न होंगे और अधिकांश प्रश्न प्रकृति में तथ्‍यात्‍मक होंगे। हालांकि इसमें कोई भी नकारात्‍मक अंकन नहीं है, लेकिन उच्च कटऑफ को देखते हुए, सटीकता के उच्च स्तर की आवश्यकता होती है, जो प्रत्येक बीते वर्ष के साथ-साथ बढ़ती जा रही है। हालांकि प्रश्‍न तथ्यात्मक हैं (विशेषकर सामयिकी के प्रश्‍न) लेकिन अवधारणा की उचित समझ का होना आवश्यक है जो विकल्पों को समाप्त करने में सहायता करता है। इसलिए, संशोधन (रिविज़न) मुख्‍य कुंजी है, जो आपको याद रखने और परीक्षा हॉल में दबाव के तहत विकल्पों का ठीक से चयन करने में सक्षम बनाता है।

इस लेख में, मैं उन संदर्भ पुस्तकों का उल्लेख करूंगा, जिनका आप प्रारंभिक परीक्षा में सामान्‍य अध्‍ययन (जीएस) पेपर 1 और मुख्य परीक्षा में जीएस 1 और 2 के लिए संदर्भ ले सकते हैं। ध्‍यान विशेष रूप से बिग फाइव अर्थात् पांच क्षेत्रों पर केन्द्रित होगा, जो 100 से अधिक प्रश्नों को कवर करता है और निर्धारित करता है कि क्या उम्मीदवार मुख्य सूची में होगा या नहीं।

जैसा कि पाठ्यक्रम बहुत व्‍यापक है तथा यह पता होना बहुत महत्‍वपूर्ण है कि पहले क्‍या पढ़ा जाए। इस प्रकार, उम्मीदवारों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए, जो अधिकतम प्रश्नों को कवर करते हैं और यदि समय के साथ छोड़ दिया जाए तो ध्यान प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास जैसे कम प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केन्द्रित होना चाहिए।

सामयिकी :

सामयिकी (सी.ए) अनुभाग हमेशा यूपीपीएससी परीक्षाओं में पसंदीदा अनुभागों में से एक रहा है और कमीशन ने बार-बार सामयिकी के वास्तविक प्रश्नों की अच्‍छी संख्‍या दी है। इसलिए उम्मीदवारों को सामयिकी के प्रश्‍नों / समाचारों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए तथा तथ्यों को पहचानने में तथ्‍यात्‍मक दृष्टि होनी चाहिए। ध्‍यान प्रारंभिक परीक्षा के महीने से पिछले 8-10 महीनों के वर्तमान मामलों पर केन्द्रित होना चाहिए। और त्‍वरित संशोधन के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों के सारांश बनाने हेतु इसकी महत्वपूर्ण सामग्री को पढ़ें।

संदर्भ पुस्तकें:

ग्रेडअप स्रोत: करंटस्‍कैन पहल, संक्षिप्‍त में समाचार : वन लाइनर्स, पीसीएस फोकस पत्रिका।

अन्‍य स्रोत : प्रतियोगिता दर्पण (मासिक संस्‍करण)।

घटनाचक्र सामयिकी (प्रारंभिक परीक्षा से कुछ दिन पहले प्रकाशित)

तथा जनसत्‍ता, दैनिक समाचारपत्र।

भारतीय तथा विश्‍व भूगोल:

भूगोल ने लगातार सबसे अधिक भरोसेमंद अनुभाग में से एक की स्थिति बनाए रखी है, जिसमें हर साल लगभग 20 प्रश्न पूछे जाते हैं, तथा उन लोगों को निराश नहीं किया है जो भूगोल में अधिक प्रयास करते है। इसलिए, इसके महत्व की अनदेखी नहीं की जा सकती है। समय की संक्षिप्त अवधि में त्‍वरित कवरेज के लिए एनसीईआरटी और परीक्षा वाणी की पुस्‍तकें पर्याप्त हैं।

संदर्भ पुस्‍तकें :

कक्षा 7-12 तक एनसीईआरटी की नईं भूगोल

भारत का भूगोल पुस्‍तक, परीक्षा वाणी प्रकाशन । 

जनसंख्‍या एवं नगरीकरण (परीक्षा वाणी), बौद्धिक प्रकाशन

भूगोल, महेश कुमार बरनावल (उन अभ्‍यर्थियों के लिए जो विस्तार से पढ़ना चाहते हैं और उनके पास पर्याप्त समय है)

भारतीय राजनीति तथा शासन :

यह अनुभाग सरल है लेकिन तथ्‍यों जैसे लेख, संवैधानिक तथा कानूनी प्रावधान आदि को याद रखना कठिन है। इसलिए, सभी पहलुओं को कवर करने वाली एक पुस्तक आवश्यक है। तथा अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम के उम्मीदवारों के लिए एक समाधान एम. लक्ष्मीकांत द्वारा लिखित इंडियन पॉलिटी है। इस पुस्‍तक के साथ तथा पिछले वर्ष के प्रश्नों पर प्रभुत्‍व से आप सरलता से राजनीतिक प्रश्‍नों के 90% से अधिक प्रश्नों को हल कर सकते हैं।

संदर्भ पुस्‍तक:

एम. लक्ष्‍मीकांत द्वारा लिखित भारत की राज्‍यव्‍यवस्‍था

भारतीय संविधान एवं राज्‍यव्‍यवस्‍था परीक्षा वाणी पुस्‍तक, बौद्धिक प्रकाशन

आधुनिक इतिहास

इतिहास के अन्‍दर आधुनिक इतिहास के खंड से लगभग 15-20 प्रश्न अकेले इस अनुभाग से पूछे जाते हैं और लगभग 6-10 प्रश्न प्राचीन और मध्ययुगीन इतिहास दोनों से पूछे जा सकते हैं। इसलिए, आधुनिक इतिहास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यूपीएससी आईएएस उम्मीदवारों ने अधिकतर बिपण चंद्र द्वारा लिखित स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष का उल्लेख किया है और यूपीपीएससी परीक्षा देने वाले ऐसे अभ्यर्थी उसी पुस्‍तक से संशोधन कर सकते हैं। लेकिन यदि आप अधिकतर प्रश्नों को हल करना चाहते हैं तो फिर बी.एल ग्रोवर, यशपाल एवं अलका मेहता द्वारा लिखित आधुनिक भारत का इतिहास या एस.के पांडे द्वारा लिखित आधुनिक भारत का इतिहास का अनुसरण करें।

संदर्भ पुस्‍तकें:

आधुनिक भारत का इतिहास, बी.एल ग्रोवर, यशपाल एवं अलका मेहता।  

या

आधुनिक भारत का इतिहास, एस.के पांडे।  

सामान्‍य विज्ञान

यूपीपीएससी में अधिकतर मूल तथा सामान्य विज्ञान की अवधारणाओं को पूछा जाता है और विशेषकर वे उम्मीदवार जो गैर-विज्ञान (नॉन साइंस) के छात्र हैं उन्‍हें कक्षा 10वीं तक भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मूल आधार को कवर करने की आवश्यकता होती है। इन मूलभूत अवधारणाओं पर आधारित प्रश्‍न या तो सीधे तैयार किए जाते हैं या प्रश्‍नों पर ऐसी बुनियादी अवधारणाओं (व्यावहारिक विज्ञान) के आवेदन की आवश्यकता होती है। कक्षा 6 से 10वीं तक एनसीईआरटी पुस्‍तकों के साथ पिछले वर्ष के प्रश्‍नों का अभ्यास तथा अधिक से अधिक प्रश्नों का अभ्यास पर्याप्त है। हालांकि, विस्तृत ज्ञान हेतु हर कोई लूसेंट की सामान्य विज्ञान पुस्‍तक का संदर्भ ले सकता है।

संदर्भ पुस्‍तकें:

कक्षा 6 से 10वीं तक नईं एनसीईआरटी पुस्‍तकें

सामान्‍य विज्ञान – लूसेंट

या परीक्षा वाणी भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान और परीक्षा वाणी जीव विज्ञान

आर्थिक तथा सामाजिक विकास

एनसीईआरटी फिर से बचाव के लिए आती है। एनसीईआरटी के अलावा कईं प्रश्‍न सामयिकी पर आधारित होते हैं। इस प्रकार, एनसीईआरटी से अवधारणाओं को पढ़ने के बाद, दैनिक समाचार अपडेट लगभग सभी प्रश्नों को कवर करने के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा यदि किसी को ज़रूरत हो तो मानक संदर्भ पुस्तक का संदर्भ ले सकता है।

संदर्भ पुस्‍तकें:

एनसीईआरटी (कक्षा 6 से 10वीं तक)

प्रतियोगिता दर्पण का अतिरिक्तांक,

परीक्षा वाणी की भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था, बौद्धिक प्रकाशन।
भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था, एस.एन. लाल एवं एस.के. लाल।  

प्राचीन तथा मध्‍यकालीन इतिहास

प्राचीन भारतीय इतिहास और मध्ययुगीन भारतीय इतिहास दोनों में बहुत व्‍यापक पाठ्यक्रम के साथ बहुत सारे तथ्यों को कवर किया जाता है, जो इस अनुभाग को कठिन बनाने में मदद करता है। इस प्रकार, इन अनुभागों को प्राथमिकता पर कम होना चाहिए तथा साथ ही इन अनुभागों से बहुत अधिक प्रश्‍न नहीं पूछे जाते हैं।

संदर्भ पुस्‍तकें:

प्राचीन इतिहास, आर.एस शर्मा (कक्षा 11वीं की पुरानी एनसीईआरटी)

मध्‍यकालीन इतिहास, सतीष चन्‍द्र (कक्षा12वीं की पुरानी एनसीईआरटी)

तमिलनाडु बोर्ड की कक्षा 11वीं, 12वीं की इतिहास पुस्‍तकें

प्राचीन भारत, एस.के. पांडे

मध्‍यकालीन भारत का इतिहास, एस.के. पांडे

पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैवविविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे

यह खंड ज्यादातर भूगोल अनुभाग को में कवर होता है। इसलिए, पृथक्‍करण कईं बार कृत्रिम लगता है। फिर भी भूगोल के विषयों को पढ़ने के अलावा निम्‍नलिखित पुस्‍तकों को संदर्भित किया जा सकता है।

संदर्भ पुस्‍तकें:

पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरण (परीक्षा वाणी), बौद्धिक प्रकाशन

उत्‍तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, राजनीति, संस्कृति आदि से संबंधित प्रश्‍न शामिल होते हैं। हालांकि पुस्‍तकें कईं हैं लेकिन प्रश्‍न बहुत अधिक नहीं हैं और इसलिए नीचे उल्लिखित पुस्तक पर्याप्त है।

संदर्भ पुस्‍तकें:

उत्‍तर प्रदेश – बौद्धिक प्रकाशन की परीक्षा वाणी 

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