भारत की न्यायपालिका
सर्वोच्च न्यायालय
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 28 जनवरी 1950 को कार्य करना शुरू किया| इससे पहले भारत में संघीय न्यायालय कार्यरत था, जिसे 1935 की भारतीय सरकार के अनुसार बनाया गया था|
- संविधान के भाग V में अनुच्छेद 124 से 147 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के संगठन, स्वतंत्रता, अधिकार-क्षेत्र, शक्तियों एवं प्रक्रियाओं इत्यादि के बारे में बताया गया है|
- वर्तमान में, सर्वोच्च न्यायालय में कुल न्यायाधीशों की संख्या 31 है जिसमे एक मुख्य न्यायाधीश एवं तीस अन्य न्यायाधीश है|
- शुरुवात में, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या को 8 निर्धारित किया गया था जिसमे एक मुख्य न्यायाधीश एवं सात अन्य न्यायाधिश थे|
- नियुक्ति- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है| मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के ऐसे न्यायाधीशों से सलाह लेने के बाद की जाती है जिन्हें वे आवश्यक समझें| अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्य न्यायाधीश एवं सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की सलाह पर की जाती है| मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त किसी भी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की सलाह अनिवार्य होती है|
- 2015 में, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकारातीत घोषित किया गया था और इसलिए ऊपर वर्णित कोलेजियम व्यवस्था आज भी अस्तित्व में है।
- योग्यता- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में चुने जाने वाले व्यक्ति में निम्न योग्यताएं होनी चाहिए:
(i) वह भारत का नागरिक होना चाहिए|
(ii) (a) वह पांच वर्षों के लिए किसी एक ही उच्च-न्यायालय या अन्य उच्च-न्यायालयों में कार्यरत होना चाहिए; या (b) वह दस वर्षों के लिए किसी एक ही उच्च-न्यायालय या अन्य उच्च-न्यायालयों में वकील रह चूका हो; या (c) वह राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश होना चाहिए|
- शपथ- मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को राष्ट्रपति या उनके द्वारा निर्वाचित किसी सदस्य द्वारा शपथ ग्रहण कराई जाती है|
- न्यायाधीशों का कार्यकाल - A. इनका कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है| B. वह राष्ट्रपति को पत्र लिख कर अपने पद से इस्तीफ़ा दे सकते हैं| C. इन्हें संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जा सकता है|
- न्यायाधीशों का निष्कासन- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राष्ट्रपति के आदेश से कार्यालय से हटाया जा सकता है| हालांकि वह ऐसा तब कर सकते हैं जब उन्हें वर्तमान सत्र में संसद द्वारा एक अध्यादेश प्राप्त होता है| यह अध्यादेश सांसद के प्रत्येक सदन से विशेष बहुमत द्वारा पारित होना चाहिए – इसके लिए कुल बहुमत उस सदन के सदस्यों की संख्या के दो-तिहाई से कम नहीं होना चाहिए| प्रमाणित दुर्व्यवहार या अक्षमता न्यायाधीशों के निष्कासन के मुख्य कारण हो सकते हैं|
- सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायधीशों को हटाने की प्रक्रिया समान ही है|
- सर्वोच्च न्यायालय के न्याय अधिकार एवं शक्तियों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है- वास्तविक अधिकार-क्षेत्र, जनहित याचिका, अपील क्षेत्राधिकार, सलाहकार क्षेत्राधिकार, कोर्ट ऑफ़ रिकॉर्ड आदि|
- वास्तविक अधिकार-क्षेत्र – यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मामला केन्द्र एवं राज्यों के बीच या दो या अधिक राज्यों या केन्द्र के बीच तथा दो या अधिक राज्यों के बीच हो| ऐसा प्रथम उदाहरण 1961 में केंद्र और पश्चिम बंगाल के बीच देखने को मिला|
- संविधान ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रत्याभूति और रक्षक के रूप में सर्वोच्च न्यायालय को संस्थापित किया है। सर्वोच्च न्यायालय को किसी भी पीड़ित नागरिक के मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए बंदी-प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेध, अधिकार-पृच्छा और उत्प्रेषण-लेख जैसे याचिकाएं जारी करने का अधिकार है| सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की जनहित याचिका के बीच यह अंतर है कि सर्वोच्च न्यायालय सिर्फ मूलभूत अधिकार सम्बन्धी याचिका जारी कर सकता है जबकि उच्च न्यायालय अन्य प्रकार की याचिकाएं भी जारी कर सकता है|
उच्च न्यायालय
- भारत में उच्च न्यायालय सबसे पहले 1862 में स्थापित किये गए जब इन्हें कलकत्ता, मुंबई एवं मद्रास में गठित किया गया| चौथा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 1866 में स्थापित किया गया तथा इसके बाद ब्रिटिश भारत के अन्य प्रान्तों में जोकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राज्य कहलाए, में इनकी स्थापना हुई|
- 1956 के सातवें संशोधन कानून के अनुसार, संसद दो या अधिक राज्यों या दो या अधिक राज्यों एवं एक केन्द्र शासित प्रदेश के लिए एक उच्च न्यायालय स्थापित कर सकती है|
- वर्तमान में देश में 24 उच्च न्यायालय हैं जिनमे से तीन उच्च न्यायालय उभय-निष्ठ हैं| सिर्फ दिल्ली ही एक ऐसा केन्द्र शासित प्रदेश है जिसका (1966 से) अपना स्वयं का उच्च न्यायालय है| अन्य केंद्रशासित प्रदेश विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।|
- न्यायाधीशों की नियुक्ति: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है| उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं सम्बन्धित राज्य के राज्यपाल की सलाह से नियुक्त किया जाता है| अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति हेतु, सम्बन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह भी ली जाती है| दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय होने की स्थिति में, सभी सम्बन्धित राज्यों के राज्यपालों की सलाह भी राष्ट्रपति द्वारा ली जाती है|
- न्यायाधीशों की योग्यता: एक व्यक्ति को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए उसमे निम्न योग्यताएं होनी चाहिए: A. वह भारत का एक नागरिक होना चाहिए| B. (a) उसका भारत में दस साल तक के लिए एक न्यायिक कार्यालय होना चाहिए| या (b) वह दस वर्षों के लिए उच्च न्यायालय या न्यायालयों का वकील रह चुका हो|
- शपथ: न्यायाधीश को राज्य के राज्यपाल या उनके द्वारा इस उद्देश्य हेतु नियुक्त किये गए किसी व्यक्ति द्वारा शपथ दिलवाई जाती है|
- न्यायाधीश का कार्यकाल: A. उसका कार्यकाल 62 वर्ष की आयु तक होता है| B. वह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफ़ा दे सकता है| C. उसे उसके कार्यालय से राष्ट्रपति द्वारा संसद की सलाह पर हटाया जा सकता है| D. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किये जाने पर या किसी दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित होने पर भी न्यायाधीश को अपना वर्तमान पद छोड़ना पड़ता है|
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