ध्वनि प्रदूषण पर UNEP वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट 2022
- फ्रंटियर्स रिपोर्ट तीन पर्यावरणीय मुद्दों की पहचान करती है और समाधान प्रस्तुत करती है जिसमें शामिल हैं:
- शहरी ध्वनि प्रदूषण,
- जंगल की आग,
- फेनोलॉजिकल परिवर्तन
- फ्रंटियर्स रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता के क्षरण को लेकर इन तीनों पर्यावरणीय मुद्दों द्वारा ग्रह के संकट को संबोधित करने हेतु सरकारों व जनता का ध्यान आकर्षित करने तथा कार्रवाई की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- इस रिपोर्ट का शीर्षक नॉइज़, ब्लेज़ एंड मिसमैच‘ (Noise, Blazes and Mismatches) है।
ध्वनि प्रदूषण पर UNEP वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 के प्रमुख बिंदु
- ध्वनि प्रदूषण पर UNEP वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट में, बांग्लादेश के ढाका को दुनिया के सबसे ज्यादा शोर वाले शहर के रूप में स्थान दिया गया है, इसके बाद भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के ‘मुरादाबाद’ शहर का स्थान है।
- इस सूची में दुनिया के सबसे ज्यादा शोर वाले शहरों में से पांच भारतीय शहर – आसनसोल, जयपुर, कोलकाता, नई दिल्ली और मुरादाबाद – शामिल हैं।
- जॉर्डन के ‘इरबिड’ शहर को दुनिया के सबसे शांत शहर के रूप में स्थान दिया गया है और इसके बाद फ्रांस के ल्यों और स्पेन के मैड्रिड शहर का स्थान है।
- ध्वनि प्रदूषण पर UNEP वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 के अनुसार, दुनिया के सबसे शांत शहर 60 dB पर इरब्रिड, 69 dB पर ल्योन, 69 dB पर मैड्रिड, 70 dB पर स्टॉकहोम और 70 dB पर बेलग्रेड हैं।
- ध्वनि प्रदूषण पर UNEP वार्षिक फ्रंटियर रिपोर्ट में दुनिया भर के कुल 61 शहरों को शामिल किया गया है, जिनमें से 13 शहर दक्षिण एशिया से हैं, जबकि उनमें से 5 शहर भारत के हैं।
ध्वनि प्रदूषण क्या है?
ध्वनि प्रदूषण को अप्रिय और अवांछित ध्वनि को शोर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण, प्रदूषण का एक भौतिक रूप है, यह वायु, मृदा और जल जैसी जीवन रक्षक प्रणालियों के लिए प्रत्यक्ष रूप से हानिकारक नहीं होता है अपितु इसका प्रभाव ग्रहणकर्ता (receiver) पर पड़ता है, साथ ही मानव इससे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है।
ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम?
- लाऊड स्पीकर और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली से उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) संशोधन नियम, 2010 लागू किया है।
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत विभिन्न क्षेत्रों (आवासीय, वाणिज्यिक औद्योगिक) में श्रेणियों के आधार पर तथा साइलेंस जोन हेतु ध्वनि सम्बन्धी मानकों को अधिसूचित किया गया है।
- ऑटोमोबाइल्स, घरेलू उपकरणों और विनिर्माण उपकरणों के उत्पादन स्तर पर ध्वनि सीमा निर्धारित की गई है।
- जनरेटरों, फायर क्रैकर्स और कोयला खानों के लिए मानक निर्मित और अधिसूचित किये गए हैं। विनियामक एजेंसियों को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित एवं विनियमित करने के लिए सम्बंधित मानकों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
- हरित राजमार्ग योजना से राजमार्गों के आस-पास ध्वनि प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को अपनी राज्य इकाइयों के माध्यम से ध्वनि के स्तर को ट्रैक करने, मानकों को निर्धारित करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि अत्यधिक ध्वनि के स्रोतों को नियंत्रित किया जाए।
- एजेंसी के पास एक मैनुअल मॉनीटरिंग सिस्टम है जिसके अंतर्गत प्रमुख शहरों में सेंसर लगाए जाते हैं तथा कुछ शहरों में वास्तविक समय में शोर के स्तर को ट्रैक करने की सुविधा होती है।
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