तुजुक-ए-बाबरी किस भाषा में लिखी गई थी?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
तुज़क-ए-बाबरी मूल रूप से बाबर द्वारा अपनी मातृभाषा तुर्की में लिखी गई थी। इसका चार बार फारसी में अनुवाद किया गया था, पहले ज़ैन खान द्वारा, दूसरी बार पयंदा खान द्वारा और बाद में अब्दुर रहीम खान खाना और मीर अबू तालिब तुर्बती द्वारा। इसका कई यूरोपीय भाषाओं, विशेष रूप से फ्रेंच और अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया था।
Table of content
- तुजुक-ए-बाबरी उस दुनिया का एक समर्पित चित्रण है जिसमें निर्माता रहता था, और उन व्यक्तियों का जिनके साथ वह संपर्क में आया था।
- शोधकर्ताओं के अनुसार, किसी भी दूसरे शासक ने बाबर के तरह इतनी विशिष्ट, पेचीदा और सत्य रिकॉर्ड की जीवनी नहीं लिखी है।
- उन्होंने अपनी किताब में अपनी समृद्धि, निराशा, कमियों को बहुत ही सच्चाई के साथ बताया है।
कई फ़ारसी लेखकों की तरह उनकी रचना का तरीका भव्य या विस्तृत नहीं है; बल्कि यह सीधा और स्पष्ट था। - सत्य के लिए अविश्वसनीय सम्मान के साथ, बाबर ने सत्यापन योग्य अवसरों को ठीक वैसे ही दर्ज किया जैसे वे हुए थे।
- वह यह भी कहते हैं कि हिंदुस्तान की महानता इतनी है कि देश में सोने-चांदी की भरमार है।
Summary
तुजुक-ए-बाबरी किस भाषा में लिखी गई थी?
बाबर की मातृभाषा तुर्की में तुजुक-ए-बाबरी लिखी गई थी। इसको चार बार फारसी भाषा में अनुवाद किया गया था। तुजुक-ए-बाबुरी (बाबरानामा) भारत में मुगल साम्राज्य के लेखक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर की आत्मकथा है।
Related Links: