द्विघातीय समीकरण, एक महत्वपूर्ण अध्य्याय हैं, जिसे परीक्षा में मात्रात्मक रुझान के अंतर्गत पूछा जाता है| सामान्यतया, इससे 5 प्रश्न पूछे जाते हैं| यदि अच्छे से तैयारी की जाए, तो आप आसानी से इसमें 5 अंक प्राप्त कर सकते हैं|
इस अधिवेशन में, हम कुछ महत्वपूर्ण तरीके सीखेंगे, जो, आपको परीक्षा में सहायक होंगे| अब हम इस पर प्रारम्भ करते हैं|
सर्वप्रथम, सिर्फ, X एवं Y के बीच सम्बन्ध जब स्थापित होता है, जब सभी सम्बन्ध परिभाषित हो|
1. रेखीय समीकरण: रेखीय समीकरणों में, दोनों X एवं Y का सिर्फ एक मान है| इसलिए, सम्बन्ध को आसानी से स्थापित किया जा सकता है|
4X+3Y=18, 7X+5Y= 12
(4X+3Y= 18)× 5, (7X+5Y=12)× 3
20X+15Y=90……..(i)
21X+15Y=36……..(ii)
समी.(i) को समी.(2) में से घटाने पर:
हम प्राप्त करते हैं, X = -54, Y = 78
अतः, Y > X
2. वर्ग: इसमें, हल में दोनों नकारत्मक एवं सकारात्मक मान होते हैं|
X2=1600 एवं Y2=3600
X = ±40 एवं Y = ±60
+60, -40 एवं +40 दोनों से बड़ा है, लेकिन, -60, दोनों -40 एवं +40 से कम है| इसलिए, उत्तर निश्चित नहीं किया जा सकता|
तरीका: जब दोनों समीकरणों को वर्ग रूप में दिया गया हो, तो उत्तर निश्चित नही किया जा सकता|
3. वर्ग एवं वर्गमूल स्थिति
X2=1600 एवं Y = √3600
हम जानते हैं कि, वर्गमूल का मान हमेशा सकारात्मक होता है| इसलिए, Y का मान सिर्फ +60 होगा -60 नहीं होगा|
X = ±40 एवं Y = +60
+60 , दोनों +40 एवं -40 से बड़े हैं| अतः, Y > X
4. घन की स्थिति में
यदि X3=1331, Y3=729
तो, X=11 एवं Y = 9
X>Y, इसलिए, सम्बन्ध X > Y होगा|
यदि X3= -1331 एवं Y3= 729
तो, X= -11 एवं Y = 9
X>Y, इसलिए, सम्बन्ध X < Y होगा|
विशेष: उपर्युक्त उदाहरण में आप कुछ उभयनिष्ठ देख सकते हैं? उभयनिष्ठ बात यह है, X3 > Y3, सम्बन्ध X > Y एवं जब X3 < Y3 हो तो, सम्बन्ध X < Y होगा|
तरीका: जब दोनों समीकरणों को घन रूप में दिया गया हो, यदि X3 > Y3, तो, X > Y एवं X3 < Y3, तो, X < Y
5. वर्ग एवं घन की स्थिति में:
यदि X2=16 एवं Y3=64
तो, X = +4, -4 एवं Y=4
इसलिए, Y = 4, X = 4 के समान है एवं Y = 4, X = -4 से बड़ा है|
इसलिए, Y ≥ X
यदि X2=25 एवं Y3=64
तो, X = +5, -5 एवं Y = 4
इसलिए, Y = 4, X = -5 से बड़ा एवं X = +5 से छोटा है| इसलिए, सम्बन्ध स्थापित नही किया जा सकता|
जैसा कि पूर्व अध्ययन नोट्स में चर्चा की गयी, हम आगे भी, निम्न चिह्न सारणी के आधार पर द्विघातीय समीकरणों पर चर्चा करेंगे:
माना, समीकरण AX2+BX+C = 0 या AY2+BY+C = 0 है:
समीकरण के प्रकार | AX2+BX+C = 0 या AY2+BY+C = 0 | X या Y समीकरण में मूल | ||
| BX या BY का चिह्न | C का चिह्न | बड़े मूल का चिह्न | छोटे मूल का चिह्न |
P | + | + | - | - |
Q | - | + | + | + |
R | + | - | - | + |
S | - | - | + | - |
स्थिति | X /Y के मूल | X/Y के मूल | निष्कर्ष |
I | +,+ (Q) | +,+ (Q) | आसान |
II | +,+ (Q) | +,- (R या S) | चर्चा करेंगे |
III | +,+ (Q) | -,- (P) | बायाँ>दायां |
IV | +,- (R या S) | -,- (P) | चर्चा करेंगे |
V | +,- (R या S) | +,- (R या S) | नही बताया जा सकता |
VI | -,- (P) | -,- (P) | आसान |
स्थिति I: जब Q प्रकार की दोनों समीकरणों के दोनों मूल (+) हों, तो, यह उस स्थिति का परिणाम है:
(i) यदि X2-5X+6 = 0
दोनों मूल +3 एवं +2 सकारात्मक होंगे|
Y2-17Y+66 = 0
दोनों मूल, +11 एवं +6 सकारात्मक होंगे|
हम देख सकते हैं कि, X के दोनों मूल, Y के दोनों मूलों से कम है| इसलिए, X < Y
(ii) यदि X2-17X+42
दोनों मूल +14 एवं +3 सकारात्मक होंगे|
Y2-17Y+66 = 0
दोनों मूल +11 एवं +6 सकारात्मक होंगे|
X | सम्बन्ध | Y |
+14 | > | +11 |
+14 | < | +6 |
+3 | < | +11 |
+3 | < | +6 |
X एवं Y के बीच में दो सम्बन्ध हैं, जो कि, > एवं < हैं| इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता| विशेष1: जब दोनों समीकरणों में BX (-) एवं C(+) हो, तो आपको गहराई में जाना होगा|
स्थिति II: जब एक समीकरण Q एवं दूसरी या तो, R या S प्रकार की हो|
(i) Q प्रकार: Y2-49Y+444, मूल 37,12 हैं|
R प्रकार: X2+14X-1887, मूल -51,37 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-51 | < | 37 |
-51 | < | 12 |
37 | = | 37 |
37 | > | 12 |
X एवं Y के बीच में तीन सम्बन्ध हैं, =, > एवं <| इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
(ii) Q प्रकार: X2-5X+6 = 0, मूल 3,2 हैं|
R प्रकार: Y2+Y-6 = 0, मूल -3,2 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
3 | > | -3 |
3 | > | 2 |
2 | > | -3 |
2 | = | 2 |
X एवं Y के बीच में दो सम्बन्ध, >, = हैं| इसलिए, सम्बन्ध X ≥ Y है|
स्थिति III: जब P प्रकार की एक समीकरण में दोनों मूल, (-) एवं दूसरी Q प्रकार की समीकरण में दोनों मूल (+) हैं|
(i) P प्रकार: X2+5X+6=0, मूल -3, -2 हैं|
Q प्रकार: Y2-7Y+12=0, मूल 4,3 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-3 | < | 3 |
-3 | < | 2 |
-2 | < | 3 |
-2 | < | 2 |
इसलिए Y समीकरण के मूल, X के मूलों से बड़े हैं|
विशेष: इस स्थिति में, Q प्रकार की समीकरण के मूल हमेशा, P प्रकार की समीकरण के मूलों से बड़े होंगे|
स्थिति IV: यह स्थिति उसका परिणाम है, जब, P प्रकार की समीकरण के दोनों मूल नकारात्मक एवं दूसरी R या S प्रकार की समीकरण का एक मूल (-) एवं दूसरा (+) होगा|
(i) P प्रकार: X2+5X+6, मूल, -3,-2 हैं|
R प्रकार: X2+X-6, मूल, -3,2 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-3 | = | -3 |
-3 | < | 2 |
-2 | > | -3 |
-2 | < | 2 |
X एवं Y के बीच तीन सम्बन्ध, =, > एवं < हैं| इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
(ii) P प्रकार: X2+5X+6, मूल, -3, -2 हैं|
S प्रकार: X2-X-6, मूल, 3,-2 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-3 | < | 3 |
-3 | < | -2 |
-2 | < | 3 |
-2 | = | -2 |
X एवं Y के बीच दो सम्बन्ध, <, = हैं| इसलिए, सम्बन्ध X ≤ Y है|
स्थिति V: यह स्थिति उसका परिणाम है, जब, दोनों समीकरण या तो R या S प्रकार की हों या एक समीकरण R प्रकार और दूसरी S प्रकार को हो, जिसका एक मूल (-) एवं दूसरा मूल (+) है|
(i) यदि X2-X-6 = 0
मूल, +3 and -2 हैं|
Y2-5Y-66 = 0
मूल, +11 एवं -6 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
+3 | < | +11 |
+3 | > | -6 |
-2 | < | +11 |
-2 | > | -6 |
X एवं Y के बीच दो सम्बन्ध हैं, जो कि, > एवं < हैं| इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
(ii) यदि X2+11X-42
मूल, -14 एवं +3 हैं|
Y2+5Y-66 = 0
मूल, -11 एवं +6 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-14 | < | -11 |
-14 | < | +6 |
+3 | > | -11 |
+3 | < | +6 |
X एवं Y के बीच दो सम्बन्ध, > एवं < हैं| इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
(iii)यदि X2+X-6 = 0
मूल, -3 एवं +2 हैं|
Y2-5Y-66 = 0
मूल, 11 एवं -6 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-3 | < | +11 |
-3 | > | -6 |
+2 | < | +11 |
+2 | > | -6 |
X एवं Y के बीच में दो सम्बन्ध हैं, <, > इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
(iv)यदि X2+11X-42
मूल, -14 एवं +3 हैं|
Y2+5Y-66 = 0
मूल, -11 एवं +6 हैं|
X | सम्बन्ध | Y |
-14 | < | -11 |
-14 | < | +6 |
+3 | > | -11 |
+3 | < | +6 |
X एवं Y के बीच में दो सम्बन्ध हैं, <, > इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
विशेष4: इस स्थिति में उत्तर हमेशा “परिभाषित नही किया जा सकता” होगा|
निष्कर्ष: जब भी किसी प्रश्न में, C का चिह्न दोनों X एवं Y समीकरणों में (-) हो, तो, उत्तर सदैव “परिभाषित नही किया जा सकता” होगा|
स्थिति VI : यह स्थिति उसका परिणाम है, जब, दोनों समीकरण P प्रकार की हों एवं दोनों मूल (-) हों|
(i)यदि X2+5X+6 = 0
दोनों मूल, -3 एवं -2, नकारात्मक होंगे|
Y2+17Y+66 = 0
दोनों मूल, -11 एवं -6 नकारात्मक होंगे|
हम देख सकते हैं कि, X के दोनों मूल, Y के दोनों मूलों से बड़े हैं| इसलिए, X > Y|
(ii)यदि X2+17X+42
दोनों मूल, -14 एवं -3 नकारात्मक होंगे|
Y2+17Y+66 = 0
दोनों मूल, -11 एवं -6 नकारात्मक होंगे|
X | सम्बन्ध | Y |
-14 | < | -11 |
-14 | < | -6 |
-3 | > | -11 |
-3 | > | -6 |
X एवं Y के बीच में दो सम्बन्ध हैं, <, > इसलिए, सम्बन्ध परिभाषित नहीं किया जा सकता|
विशेष 6: जब दोनों समीकरणों में BX (-)एवं C(+) हो, आपको गहराई में जाना होगा|
अन्य उदाहरण:
2l4-36l2+162 = 0 एवं 3m4-75m2+432 = 0
हल: मूलरूप से यह द्विघातीय समीकरण नही है क्योंकि, चर राशि की सर्वाधिक घात 4 है| लेकिन, यदि आप l2 को X एवं m2 को Y मानें, तो, समीकरण 2X2-36X+162=0 एवं 3Y2-75Y+432=0 होंगी|
अब, परिवर्तित समीकरण Q प्रकार की हैं, जिनके सभी मूल सकारात्मक हैं|
X = l2 = सकारात्मक मूल, अतः, l के 2 नकारात्मक एवं 2 सकारात्मक मूल होंगे|
Y = m2 = सकारात्मक मूल, अतः, m के भी नकारात्मक एवं 2 सकारात्मक मूल होंगे|
इसलिए, l एवं m के बीच सम्बन्ध नहीं परिभाषित किया जा सकता|
परीक्षाओ के लिए शुभकामनाएँ,
टीम ग्रेडअप
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