ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
ट्रांसफॉर्मर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन और आपसी इंडक्शन के सिद्धांत पर कार्य करता है। आमतौर पर, ट्रांसफार्मर कोर में दो कॉइल होते है: प्राइमरी कॉइल और सेकेंडरी कॉइल। कोर लेमिनेशन स्ट्रिप्स के रूप में जुड़े हुए हैं। दो कॉइल में उच्च पारस्परिक अधिष्ठापन (high mutual inductance) होता है। जब एक प्रत्यावर्ती धारा प्राथमिक कुंडल से गुजरती है तो यह एक भिन्न चुंबकीय प्रवाह बनाता है। फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार, चुंबकीय प्रवाह में यह परिवर्तन द्वितीयक कुंडल में एक ईएमएफ (इलेक्ट्रोमोटिव बल) को प्रेरित करता है जो एक प्राथमिक कुंडल वाले कोर से जुड़ा होता है।
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एक ट्रांसफॉर्मर निम्नलिखित कार्य करता है:
- ट्रांसफार्मर लंबी दूरी पर तारों के माध्यम से बिजली का संचार करता है।
- कई सेकेंडरी वाले ट्रांसफॉर्मर का उपयोग रेडियो और टीवी रिसीवर में किया जाता है जिसके लिए कई अलग-अलग वोल्टेज की आवश्यकता होती है।
- ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज नियामक के रूप में भी किया जाता है।
Summary
ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
एक ट्रांसफार्मर मूल रूप से बहुत ही सरल स्थिर (या स्थिर) विद्युत-चुंबकीय निष्क्रिय विद्युत उपकरण (electro-magnetic passive electrical device) है जो विद्युत ऊर्जा को एक मान से दूसरे मान में परिवर्तित करके फैराडे के प्रेरण के नियम के सिद्धांत पर काम करता है।
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