हम अपनी नई शुरूआत "प्रत्येक का सिंद्धांत" के साथ जो आपके सामान्य जागरूकता भाग से संबंधित कुछ रूचिकर तथ्य के बारे में बतायेंगे, जो आपको सभी बैंकिंग और बीमा परीक्षाओं में सहायता प्रदान करेगें। बैंक की परीक्षओं में सामान्य जागरूकता का भाग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, इसलिये नये पैटर्न से निपटने और इस भाग में निपुण होने के लिये हमें अपनी जानकारी के दायरे को और बढ़ाने की आवश्यक्ता है। अपने इस दूसरे लेख में हम विस्तार से कुछ और नये क्षेत्रगत राजमार्गों का वर्णन कर रहे है-
राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है। आज सक्षम और गतिशील यातायात की सहायता से विश्व एक बड़े गाँव में बदल गया है। समान रूप से विकसित संचार प्रणाली की सहायता से यह स्वरूप पाने में सक्षम हुए है, इसलिये यातायात, संचार और व्यापार एक दूसरे के पूरक है। विश्व के बड़े क्षेत्रफल, विविधता, अनेक भाषा संबंधी और सामाजिक संस्कृति प्रसिद्धि के बावजूद भी आज भारत की विश्व के सभी क्षेत्रो में पहॅुच है। राष्ट्रीय राजमार्ग विश्व के दोनो किनारो को मिलाते है। ये सभी प्राथमिक यातायात व्यवस्थायें, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनायी और संभाली जाती है। हाइवे पक्की सड़के है जो दूरगामी स्थानो को जोड़ती है। अबाधित यातायात चलन के प्रकार से ये बनायी जाती है। जैसे – ये 80 मीटर चौड़ी, अलग-अलग यातायात पंक्तियॅा, पुल, फ्लाइओवर और अबाधित यातायात चलन हेतु द्धिमार्गीय रास्ता बनाया जाता है।
भारत सरकार की योजनायें –
- उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के लिये गतिशील सड़क विकास कार्यक्रम फेस-3 के अंतर्गत है जिसमें 10000 कि0मी0(6200 मील) की 4लेन के साथ 4000(2500 मील) कि0मी0 की 4 लेन के निर्माण हेतु सहमति प्रदान की गयी है।
- राष्टीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम फेस-4 के अर्न्तगत 20000 कि0मी0(1200 मील) की फुटपाथ सहित 2 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग हैा
- जी क्यू की 6लेन और कुछ अंदर चुनिन्दा मार्ग जो कि 65000 कि0मी0(4000 मील) की दूरी के है,राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम फेस-5 के अंतर्गत है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम फेस-6 के अंतर्गत 1000 कि0मी0(620 मील) दूरी के एक्सप्रेस वे का विकास किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम फेस-7 के अन्तर्गत रिंग रोड, बाईपास, सर्विस सड़क का विकास किया जा रहा है।
दक्षिण क्षेत्र
एनएच 13- सोलापुर-बीजापुर-चित्रदुर्गा | 691 कि0मी |
एनएच 17- पनवेल-मापुसा-मैंगलोर- कोजीकोड | 1269 कि0मी0 |
एनएच 18- कुरनूल-कालकडा-चित्तूर | 369 कि0मी0 |
एनएच 45- चेन्नई-तिरूचिरापल्ली-डिंडीगुल | 460 कि0मी0 |
एनएच 46- रानीपेट्टाटी-अरकोट-वेल्लोर-कृषनागिरी | 132 कि0मी0 |
एनएच 47- सलेम-कोल्लम-तिरूवंथपुरम- कन्याकुमारी | 640 कि0मी0 |
एनएच 48- मैंगलोर-हस्सन- सोलुर-नेलामंगला | 328 कि0मी0 |
एनएच 63- अंकोला-हुगली-बेल्लारी-गूटी | 432 कि0मी0 |
एनएच 66- कृषनागिरी-नत्तुर- किलियानुर-पुदुचेरी | 244 कि0मी0 |
एनएच 67- कोयंबटूर-करूर-थंजावुर- नागापट्टीनाम | 555 कि0मी0 |
एनएच 68- सलेम-अत्तुर-एलवानासुर-उलुंदरपेट्टल | 134 कि0मी0 |
एनएच 202- हैदराबाद-घानपुर-नागाराम- भोलापलपटनम | 280 कि0मी0 |
एनएच 205- अनंतपुर-तिरूपरती- नागारी-चेन्नई | 442 कि0मी0 |
एनएच 206- होनावर-सागर-कदूर-बनावर-तुमुकर | 363 कि0मी0 |
एनएच 208- कोल्लम- शिवागिरी-कल्लूपट्टी-मुदरई | 195 कि0मी0 |
एनएच 209- बैंगलोर-पोल्लची-पलानी- डिंडीगुल | 456 कि0मी0 |
एनएच 210- तिरूचिरापल्ली-किरानुर-देवीपट्टनम | 160 कि0मी0 |
1. राष्ट्रीय राजमार्ग13- यह हाइवे महाराष्ट्र के शोलापुर से मैंगलोर तक जाता है।
2. राष्ट्रीय राजमार्ग17- यह हाइवे महाराष्ट्र के पनवेल से कोच्चि के कन्याकुमारी तक जाता है।
3. राष्ट्रीय राजमार्ग-18 – यह हाइवे गोविन्दपुर धनवाद से होता हुआ बालेश्वर, उड़ीसा तक जाता है।
- यह धनबाद शहर, महूदा,चास,पुरूलिया,बलरामपुर,जमशेदपुर और बालेश्वर से होता हुआ जाता है।
- धनबाद खनिज खानों के लिये प्रसिद्ध है और धनबाद में कुछ बड़ी खानें है जिसके कारण इसको भारत की खनिज राजधानी कहा जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 18 हमें धनबाद से जाडता है जो खनिजों के आवागमन में मदद करता है तथा पैसे और समय की बचत के साथ लाभांश को बढ़ाता है।
4. राष्ट्रीय राजमार्ग-45 – यह हाइवे चेन्नई से तमिलनाडू के डिन्डीगुल तक जाता है।
5. राष्ट्रीय राजमार्ग-46 – यह हाइवे पूर्ण रूप से तमिलनाडू के रानीपेत्ताती से कृषनागरी तक जाता है।
- कृषनागरी आमों के लिये प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग 46 इस शहर से आमों को अन्य शहरों तक ले जाने में मदद करता है और यहॅा के लोगों की जीविका बनता है।
6. राष्ट्रीय राजमार्ग-47 – यह हाइवे तमिलनाडु के सेलम से कन्याकुमारी तक जाता है।
- सेलम के चारो ओर का क्षेत्र खनिज अयस्कों और कॅाफी के लिये प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग 47 इस शहर से जुड़कर यहॅा के लोगो को खनिज अयस्को और कॅाफी के व्यापार को ले जाने में मदद करता है।
67. राष्ट्रीय राजमार्ग-48 - यह हाइवे मैंगलोर से कर्नाटक के नेरमंगला तक जाता है।
8. राष्ट्रीय राजमार्ग-63 - पहले इस हाइवे को एनएच 16 के नाम से जाना जाता था और ये कर्नाटक के अंकोला से शुरू होकर आंध्र प्रदेश के गूटी में खत्म होता है।
- अंकोला अपने आमों के लिये प्रसिद्ध है,जिन्हे इशाद नाम से जाना जाता है और ये प्रचुर मात्रा में काजू उत्पादन के लिये भी प्रसिद्ध है और इसके आवागमन में एनएच 63 मदद करता है।
9. राष्ट्रीय राजमार्ग-66 - यह पहले एनएच 17 के नाम से जाना जाता था। यह हाइवे कृषनागिरी से पुदुचेरी तक जाता है।
एनएच 66 आमों के व्यापार में कृषनागरी की मदद करता है।न्यू मैंगलोर तट, कर्नाटक का एक मात्र तट है। एनएच 66 इससे होकर गुजरता है।
10. राष्ट्रीय राजमार्ग- 67 - पीले यह एनएच 63 के नाम से जाना जाता था।
- यह हाइवे एनएच 48 के पास कर्नाटक के हुबली से शुरू होकर आंध्र प्रदेश के कृष्णापत्तनम तट सड़क तक जता है।
11. राष्ट्रीय राजमार्ग-68 - यह हाइवे सेलम से तमिलनाडु के उलुंदरपेट्टल तक जाता है।
12. राष्ट्रीय राजमार्ग-202- यह हाइवे नागालैंड के मोकोकचंग को मणिपुर के इम्फाल से जोड़ता है।
13. राष्ट्रीय राजमार्ग-205 - यह हाइवे आंध्रप्रदेश के अनंतपुर से चेन्नई तक जाता है।
- अनंतपुर विश्व प्रसिद्ध हस्तनिर्मित सिल्क साडि़यो के लिये प्रसिद्ध है और सिल्क साडि़यों के व्यापार का मुख्य केंद्र है।एनएच 205 इस शहर को चेन्नई से जोड़ता है जो व्यापार को सुगमता से चलाता है और यातायात के खर्च को कम करता है।
14. राष्ट्रीय राजमार्ग-206 - यह पूर्ण रूप से कर्नाटक में होनावर से तुमकर तक जाता है।
- होनावर, कर्नाटक में एक तट कस्बा है जहॉ से एनएच 206 गुजरता है।
15. राष्ट्रीय राजमार्ग-208 - यह हाईवे केरल के कोल्लम से तमिलनाडुके मुदरई तक जाता है।
- कोल्लम काजू उत्पादन और नारियल के लिये प्रसिद्ध है। एनएच 208 यहॉ से गुजरता है।
16. राष्ट्रीय राजमार्ग-209 - यह हाईवे बैंगलोर से तमिलनाडु के डिंडीगुल तक जाता है।
17. राष्ट्रीय राजमार्ग-210 - यह हाइवे पूर्ण रूप से तमिलनाडु में तिरूचिरापल्ली से देवीपत्तीनम तक जाता है।
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