Study notes on Approaches of Presenting Concepts

By Komal|Updated : January 22nd, 2021

Here is the article on the topic of 'Approaches to Presenting the Concepts' which falls under the Environment Studies Pedagogy section. Read and get exam ready.

Concepts:- are the procedures to arrive at a particular decision, concepts are basically pathway to convert raw mind into finished mind. For example:- concepts are developed to help kids at the initial stage to learn Alphabet by showing images correlation is being made A for Apple by showing images of Apple, B for Ball by showing images of Ball so this is the basic way what does concept meant.

यह लेख 'अवधारणाओं को प्रस्तुत करने के उपागम' विषय पर आधारित है जो पर्यावरण अध्ययन शिक्षाशास्त्र खंड के अंतर्गत आता है। इनका ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बनाइए।

अवधारणाएं:- अवधारणाएं एक विशेष निर्णय पर पहुंचने की प्रक्रिया होती है, किसी अपरिपक्व मस्तिष्क को परिपक्व मस्तिष्क में बदलने के लिए अवधारणाएं मूल रूप से एक मार्ग होती हैं। उदाहरण के लिए:- प्रारंभिक अवस्था में बच्चों को वर्णमाला सीखाने के लिए, चित्र दिखाकर वर्णमाला को बताने का प्रयास किया जाता है जैसे वर्णाक्षर A समझने के लिए बच्चों को A से Apple सिखाने के लिए एक सेब का चित्र दिखाकर उसका सहसंबंध बताना होगा, इसी प्रकार B से Ball सिखाने के लिए एक गेंद का चित्र दिखाते हुए उसका सहसंबंध बताना होगा। अर्थात यह संकल्पना को समझाने या बताने का मूल तरीका है|

'अवधारणाओं को प्रस्तुत करने के उपागम':-

1. सामान्य उपागम:- आनंदपूर्वक क्षणों और आनंद के साथ आसानी से चीजों को समझने के लिए प्रारंभिक चरण में उपागम सरल होना चाहिए। उदाहरण के लिए: - बच्चों को पौधों में पानी देने के लिए कहा जाना चाहिए जिससे की वे सभी फूलों के नाम तो सीख ही जाएंगे साथ ही उनके मस्तिष्क में यह संदेश भी विकसित हो सकेगा कि फूलों को नहीं तोड़ना चाहिए।

2. क्रीड़ा उपागम:- खेल एक आनंदपूर्ण, तर्क प्रस्तुत करने वाली, उल्लासपूर्ण, हर्षित और परस्पर संवादात्मक गतिविधि है। यह वह गतिविधि है जिसमें बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है। यह एक विधि है जो करने से सीखने के सिद्धांत का पालन करती है। उदाहरण के लिए:- बचपन में बच्चे रसोई संबंधी चीजों से खेलते हैं और बर्तन, गैस और चूल्हे से परिचित होते हैं। क्रीड़ा (Play way) शब्द का प्रयोग सबसे पहले कैडवीड कुक ने किया था और बाद में उनके शिष्य हेनरी फ्रोबेल ने।

3. परियोजना उपागम:- परियोजना उपागम एक स्व-केंद्रित पद्धति है और इसमें विशेष रूप से विस्तृत ज्ञान शामिल होता है क्योंकि इसमें एक बच्चा शिक्षक की कम सहायता के साथ सभी गतिविधि और कार्य करता है। उदाहरण के लिए:- जानवरों और पक्षियों के नाम का एक शब्दकोश तैयार करना बच्चे के लिए दो उद्देश्यों कि पूर्ति करेगा। इसकी सहायता से बच्चा जानवरों और पक्षियों का नाम जानने में सक्षम होगा तथा साथ ही अक्षरों की व्यवस्था की समझ रखने में भी सक्षम होगा।

4. अनवेषण उपागम:- यह उपागम मूल रूप से बच्चे के लिए या उनकी कल्पना से परे अज्ञात को पता लगाने के लिए है, इस चरण में विशेष रूप से बच्चे की द्वेषपूर्ण सोच को विकसित करने के सन्दर्भ में कुछ नवीन और अलग बताया जाता है। उदाहरण के लिए: - बच्चों को बीज अंकुरित करने के लिए कहा जाता है। अंकुरित चीजें वो बीज हैं जिनमें अंकुर निकलते हैं और अंकुरण प्रक्रिया को समझने के लिए जिसमें से नया पौधा बनता है।

5. प्रेक्षण उपागम:- इस उपागम में, बच्चे को एक शिक्षक के मार्गदर्शन में रखा जाता है। बच्चे को कुछ रचनात्मक बनाने हेतु विषयों और चीजों को सौंपा जाता है। यह उपागम बच्चों में जन्मजात प्रतिभा को विकसित करने के लिए उपयोगी है क्योंकि कुछ बच्चे शर्मीले होते हैं और अपनी छिपी हुई प्रतिभा और गुणों का प्रयोग करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए- दीवाली उत्सव, दशहरा, क्रिसमस जैसे विषय उन्हें दिए जाते हैं और उन्हें इससे संबंधित किसी चीज़ को चित्रित करने के लिए कहा जाता है।

6. हस्तलिपि उपागम :- इस उपागम में, बच्चे के लेखन में सुधार को मुख्य केंद्र माना जाता है, जिन बच्चों की लिखावट आकर्षक नहीं होती है उन्हें अधिक सफाई से और आकर्षक तरीके से लिखने हेतु कुछ सुझाव दिए जाते हैं। उदाहरण के लिए: - अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों के लिए स्कूलों में लिखावट प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।

7. मौखिक आवृत्ति उपागम:- इस उपागम में नरम कौशल संचार (soft skill communication) को विकसित करने के लिए अपने बोले जाने वाले कौशल को बेहतर बनाने हेतु बोलने के कौशल पर विचार किया जाता है, यह उपागम दर्शकों के सामने बोलने के डर पर काबू पाने और हकलाने में सुधार करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए:- कविता पाठ प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता और प्रस्तुत मौके पर बिना किसी तैयारी के किसी विषय पर बोलना।

8. प्रश्नोत्तर उपागम:- इस उपागम में तर्क और व्यापक कौशल में सुधार किया जाता है तथा बच्चों के बीच कौशल का विकास करने हेतु अभिसारी और विचलित सोच को बढ़ाया जाता है। उदाहरण के लिए: - शिक्षा की अवधि के दौरान एक बच्चे को बहु विकल्प प्रश्नों का उत्तर देने, रिक्त स्थान भरने, एक-शब्द में उत्तर और प्रश्नों के लंबे उत्तर देने के लिए कहा जाता है। उदाहरण के लिए- उत्तर देने के कौशल को बढ़ाने हेतु स्कूल में ओलंपियाड का आयोजन किया जाता है।

9. कथावादन उपागम:- इस उपागम में संकल्पनाएँ सीखने का केंद्र हैं, कहानी का उपयोग बच्चों में महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करने के लिए किया जाता है ताकि उनकी कल्पना कौशल में सुधार हो सके। कभी-कभी उन्हें पूरा करने के लिए तथ्य भी दिए जाते हैं जो पूरी तरह से बच्चे की कल्पना और विचार शक्ति पर निर्भर करता है।

10. सहपाठ्यचारी उपागम:- इस उपागम में, बच्चें में सर्वांगीण विकास के लिए सभी गतिविधियों को मिलाया जाता है ताकि बच्चे भोजन साझा करके यात्राओं के आयोजन के द्वारा एक दूसरे के प्रति अपने मन में सद्भाव उत्पन्न कर सकें। माता-पिता और दादा-दादी के लिए सम्मान विकसित करने हेतु ग्रैंड पेरेंट्स डे समारोह का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चों के मन में उनके प्रति भावना विकसित की जा सके। ऐतिहासिक स्थानों की एक छोटी सी यात्रा ताकि बच्चे को भारत के ऐतिहासिक स्थानों यानी इंडिया गेट, लाल किला, ताज महल आदि के बारे में ज्ञान प्राप्त हो सके।

इस लेख में, हमने संकल्पनाओं को प्रस्तुत करने और उत्कृष्टता को बढ़ाने के तरीकों के माध्यम से बच्चों के बीच कौशल विकसित करने हेतु उपागमों पर चर्चा की है। विषय से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिए हमसे बेझिझक संपर्क कीजिए, हम आपकी सहायता करने के लिए तैयार हैं।

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