प्रमुख रीतिबद्ध कवियों का संक्षिप्त जीवन-वृत्त निम्नलिखित है:
कवि | जन्म-मृत्यु | जन्म स्थान |
चिन्तामणि त्रिपाठी | 1609-1685 | तिकवांपुर |
भूषण | 1613-1715 | तिकवांपुर |
मतिराम | 1617 | तिकवांपुर |
जसवंत सिंह | 1626-1688 | मारवाड |
सुखदेव मिश्र | कंपिला रायबरेली | |
तोष निधि | शृंगवेरपुर | |
कुलपति मिश्र | इटावा | |
देव (देवदत्त) | 1673-1767 | आगरा |
सैयद गुलामनबी | 1699-1750 | बिलग्राम |
रसलीन | (हरदोई) | |
भिखारीदास | प्रतापगढ़ | |
पदमाकर सिंह | 1753-1833 | बाँदा |
चिन्तामणि त्रिपाठी
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने चिन्तामणि त्रिपाठी को रीतिकाव्य का प्रवर्तक माना है।
- चिन्तामणि त्रिपाठी सिद्धान्ततः रसवादी आचार्य थे।
- चिन्तामणि त्रिपाठी के सहोदर मतिराम, भूषण और जटाशंकर त्रिपाठी थे।
भूषण
- भूषण वीर रस के कवि हैं। चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्र ने इन्हें 'कवि भूषण' की उपाधि दी थी।
- डॉ० गणपतिचन्द्र गुप्त ने भूषण का मूल नाम 'पतिराम या मनीराम' बताया है।
- आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इनका मूल नाम 'घनश्याम' बताया है
- महाराज छत्रसाल ने एक बार भूषण की पालकी को कन्धा लगाया था, जिस पर भूषण ने कहा था- "सिवा को बखानौ कि बखानौ छत्रसाल को। "
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा है-" भूषण के वीर रस के उद्गार सारी जनता के हृदय की सम्पति हुए। ""शिवाजी और छत्रसाल की वीरता के वर्णनों को कोई कवियों की झूठी खुशामद नहीं कह सकता।" वे हिन्दू जाति के प्रतिनिधि कवि हैं।
मतिराम
- मतिराम चिन्तामणि त्रिपाठी और भूषण के सहोदर माने जाते हैं।
- मतिराम ने अपने ग्रन्थों को अपने आश्रयदाताओं को समर्पित किया है।
- आचार्य शुक्ल ने 'वृत कौमुदी' या 'छंद सार को महाराज शंभुनाथ सोलंकी के लिए लिखा गया माना है।
- मतिराम का प्रथम ग्रन्थ फूल मंजरी है। किन्तु डॉ० बच्चन सिंह ने 'रसराज' को ही प्रथम ग्रन्थ माना है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा है, "मतिराम की सी रस स्निग्ध और प्रसाद पूर्ण भाषा रीति का अनुसरण करने वालों में बहुत ही कम मिलती है।"
जसवंत सिंह
- जसवंत सिंह हिन्दी साहित्य के प्रधान आचार्य या शिक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं। जसवंत सिंह ने साहित्यिक और आध्यात्मिक दो प्रकार की रचनाएँ लिखी हैं जो निम्नांकित हैं:
- ग्रन्थ
- भाषा भूषण
- प्रबोध चन्द्रोदय
- अपरोक्ष सिद्धान्त
- अनुभव प्रकाश
- आनन्द विलास
- सिद्धान्त बोध
- सिद्धान्त सार
हमें आशा है कि आप सभी UGC NET परीक्षा 2022 के लिए पेपर -2 हिंदी, रीतिकाल (रीतिबद्ध कवि) से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु समझ गए होंगे।
Thank you
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