दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC)
SAARC की पृष्ठभूमि
1970 के दशक में बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने दक्षिण एशियाई देशों के एक व्यापार गुट के सृजन का प्रस्ताव किया था । मई 1980 में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार फिर रखा गया था। अप्रैल 1981 में सातों देश के विदेश सचिव कोलम्बो में पहली बार मिले थे और इनकी समिति ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए पाँच व्यापक क्षेत्रों की पहचान की। तथा एक चार्टर तैयार किया।
चार्टर में परिभाषित किए गए उद्देश्य निम्न हैं:
- दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए
- क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने और सभी व्यक्तियों को स्वाभिमान के साथ रहने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने का अवसर प्रदान करने के लिए
- दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना
- आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाने के लिए
- आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए
- अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए
- आपस में साझा हित के मामलों पर अन्तरराष्ट्रीय मंचों में सहयोग को मजबूत करने के लिए
- समान लक्ष्य और उद्देश्य के साथ अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के लिए
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग पर इस घोषणा को 1983 में नई दिल्ली में विदेश मन्त्रियों द्वारा अपनाया गया। बैठक के दौरान मन्त्रियों ने नौ सहमत क्षेत्रों, अर्थात्, कृषि, ग्रामीण विकास, दूरसंचार, मौसम, स्वास्थ्य और जनसंख्या क्रियाएँ में, परिवहन, डाक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और खेल, कला और संस्कृति में एकीकृत कार्ययोजना की शुरुआत की। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के द्वारा चार्टर को औपचारिक रूप से स्वीकार किए जाने के साथ हुई थी। 13 नवम्बर 2005 को भारत के प्रयास से इस क्षेत्रीय समूह में अफ़गानिस्तान को शामिल किया गया और 3 अप्रैल 2007 को आठवाँ सदस्य बन गया।
SAARC का सचिवालय
- इसका सचिवालय नेपाल के काठमांडू में स्थित है।
- संगठन का संचालन सदस्य देशों के मन्त्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए देशों के वर्णमाला क्रम की अनुसार की जाती है।
- वर्तमान महासचिव श्रीलंका के एशला रुबाँन वेराकून हैं।
SAARC के प्रेक्षक देश
वर्तमान में सार्क के 9 प्रेक्षक सदस्य देश हैं-
1. ऑस्ट्रेलिया
2. चीन
3. ईरान
4. जापान
5. मॉरिशस
6. म्यान्मार
7. दक्षिण कोरिया
8. संयुक्त राज्य अमेरिका
9. यूरोपीय संघ
SAARC संगठन के कार्य क्षेत्र
- उर्जा, परिवहन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- मानव संसाधन विकास एवं पर्यटन
- कृषि एवं ग्रामीण विकास
- पर्यावरण, प्राकृतिक आपदा एवं बायो टेक्नोलॉजी
- आर्थिक, व्यापार एवं वित्त
- सामाजिक मुद्दे
- सूचना एवं गरीबी उन्मूलन
- शिक्षा, सुरक्षा एवं संस्कृति और अन्य
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