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REET 2020 (Level - 1) Mini Mock Test :- 32

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Question 1

Maturation is –

Question 2

Piaget called the period of “infancy” –

Question 3

The diverse learner learns best when –

Question 4

Direction: Read the Comprehension (Poetry) carefully and answer the Question:

When I consider how my light is spent

Ere half my days, in this dark world and wide,

And that one talent, which is death to hide,

Lodged with me useless, though my soul more bent.

What is the meaning of word ‘ere’?

Question 5

Direction: Read the Comprehension (Poetry) carefully and answer the Question:

When I consider how my light is spent

Ere half my days, in this dark world and wide,

And that one talent, which is death to hide,

Lodged with me useless, though my soul more bent.

Use the suitable ‘conjunction’ to complete the following sentence:-

He was not only punished ______ fined.

Question 6

Direction: Read the Comprehension (Poetry) carefully and answer the Question:

When I consider how my light is spent

Ere half my days, in this dark world and wide,

And that one talent, which is death to hide,

Lodged with me useless, though my soul more bent.

Is ‘sweet’ in the following sentence a part of subject or predicate?

The mangoes in the basket are sweet.

Question 7

निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

वैदिक युग भारत का प्राय: सबसे अधिक स्वाभाविक काल था। यही कारण है कि आज तक भारत का मन उस काल की ओर बार-बार लोभ से देखता है। वैदिक आर्य अपने युग को स्वर्णकाल कहते थे या नहीं, यह हम नहीं जानते; किंतु उनका समय हमें स्वर्णकाल के समान अवश्य दिखाई देता है। लेकिन जब बौद्ध युग का आरंभ हुआ, वैदिक समाज की पोल खुलने लगी और चिंतकों के बीच उसकी आलोचना आरंभ हो गई। बौद्ध युग अनेक दृष्टियों से आज के आधुनिक आदोलन के समान था। ब्राह्मणों की श्रेष्ठता के विरुद्ध बुद्ध ने विद्रोह का प्रचार किया था, बुद्ध जाति-प्रथा के विरोधी थे और वे मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम मानते थे।

नारियों को भिक्षुणी होने का अधिकार देकर उन्होंने यह बताया था कि मोक्ष केवल पुरुषों के ही निमित्त नहीं है, उसकी अधिकारिणी नारियाँ भी हो सकती हैं। बुद्ध की ये सारी बातें भारत को याद रही हैं और बुद्ध के समय से बराबर इस देश में ऐसे लोग उत्पन्न होते रहे हैं, जो जाति-प्रथा के विरोधी थे, जो मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम समझते थे। किंतु बुद्ध में आधुनिकता से बेमेल बात यह थी कि वे निवृत्तिवादी थे, गृहस्थी के कर्म से वे भिक्षु-धर्म को श्रेष्ठ समझते थे। उनकी प्रेरणा से देश के हजारों-लाखों युवक, जो उन बाकी समाज का भरण-पोषण करने के लायक थे सन्यासी हो गए संन्यासक संस्था समाज विधि संस्था हैं।

प्रस्तुत गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।

Question 8

निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

वैदिक युग भारत का प्राय: सबसे अधिक स्वाभाविक काल था। यही कारण है कि आज तक भारत का मन उस काल की ओर बार-बार लोभ से देखता है। वैदिक आर्य अपने युग को स्वर्णकाल कहते थे या नहीं, यह हम नहीं जानते; किंतु उनका समय हमें स्वर्णकाल के समान अवश्य दिखाई देता है। लेकिन जब बौद्ध युग का आरंभ हुआ, वैदिक समाज की पोल खुलने लगी और चिंतकों के बीच उसकी आलोचना आरंभ हो गई। बौद्ध युग अनेक दृष्टियों से आज के आधुनिक आदोलन के समान था। ब्राह्मणों की श्रेष्ठता के विरुद्ध बुद्ध ने विद्रोह का प्रचार किया था, बुद्ध जाति-प्रथा के विरोधी थे और वे मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम मानते थे।

नारियों को भिक्षुणी होने का अधिकार देकर उन्होंने यह बताया था कि मोक्ष केवल पुरुषों के ही निमित्त नहीं है, उसकी अधिकारिणी नारियाँ भी हो सकती हैं। बुद्ध की ये सारी बातें भारत को याद रही हैं और बुद्ध के समय से बराबर इस देश में ऐसे लोग उत्पन्न होते रहे हैं, जो जाति-प्रथा के विरोधी थे, जो मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम समझते थे। किंतु बुद्ध में आधुनिकता से बेमेल बात यह थी कि वे निवृत्तिवादी थे, गृहस्थी के कर्म से वे भिक्षु-धर्म को श्रेष्ठ समझते थे। उनकी प्रेरणा से देश के हजारों-लाखों युवक, जो उन बाकी समाज का भरण-पोषण करने के लायक थे सन्यासी हो गए संन्यासक संस्था समाज विधि संस्था हैं।

बुद्ध का जातिप्रथा से मत था-

Question 9

निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

वैदिक युग भारत का प्राय: सबसे अधिक स्वाभाविक काल था। यही कारण है कि आज तक भारत का मन उस काल की ओर बार-बार लोभ से देखता है। वैदिक आर्य अपने युग को स्वर्णकाल कहते थे या नहीं, यह हम नहीं जानते; किंतु उनका समय हमें स्वर्णकाल के समान अवश्य दिखाई देता है। लेकिन जब बौद्ध युग का आरंभ हुआ, वैदिक समाज की पोल खुलने लगी और चिंतकों के बीच उसकी आलोचना आरंभ हो गई। बौद्ध युग अनेक दृष्टियों से आज के आधुनिक आदोलन के समान था। ब्राह्मणों की श्रेष्ठता के विरुद्ध बुद्ध ने विद्रोह का प्रचार किया था, बुद्ध जाति-प्रथा के विरोधी थे और वे मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम मानते थे।

नारियों को भिक्षुणी होने का अधिकार देकर उन्होंने यह बताया था कि मोक्ष केवल पुरुषों के ही निमित्त नहीं है, उसकी अधिकारिणी नारियाँ भी हो सकती हैं। बुद्ध की ये सारी बातें भारत को याद रही हैं और बुद्ध के समय से बराबर इस देश में ऐसे लोग उत्पन्न होते रहे हैं, जो जाति-प्रथा के विरोधी थे, जो मनुष्य को जन्मना नहीं, कर्मणा श्रेष्ठ या अधम समझते थे। किंतु बुद्ध में आधुनिकता से बेमेल बात यह थी कि वे निवृत्तिवादी थे, गृहस्थी के कर्म से वे भिक्षु-धर्म को श्रेष्ठ समझते थे। उनकी प्रेरणा से देश के हजारों-लाखों युवक, जो उन बाकी समाज का भरण-पोषण करने के लायक थे सन्यासी हो गए संन्यासक संस्था समाज विधि संस्था हैं।

गद्यांश के आधार पर बुद्ध थे?

Question 10

Rohan covers first 40 km with 36 km/h and next 40 km with 45 km/hr. What is the average speed in m/s?

Question 11

A person purchased a mobile phone for Rs 10,000 and sold it for Rs 10,800. Find the profit percent.

Question 12

If a:b = 7 : 3 and b:c = 5 : 9, then find a:b:c.

Question 13

Which of the following is a contagious disease?

Question 14

Which one of the following is a group of roots?

Question 15

The process of curd production from milk is known as
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