पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 25 मई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : May 25th, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास बोंगोसागर

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: विभिन्न सैन्य अभ्यास।

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय नौसेना और बांग्लादेश की नौसेना के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास बोंगोसागर। 

संदर्भ:

  • भारतीय नौसेना और बांग्लादेश की नौसेना के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'बोंगोसागर' का तीसरा संस्करण बांग्लादेश के पोर्ट मोंगला में आयोजित किया जा रहा है। 

विवरण:

  • इस अभ्यास का हार्बर चरण 24 से 25 मई तक चलेगा, जिसके बाद 26 से 27 मई तक बंगाल की उत्तरी खाड़ी में समुद्री चरण आयोजित किया जाएगा।
  • बोंगोसागर अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री अभ्यासों और जंगी कार्रवाई के व्यापक स्पेक्ट्रम में संचालन के माध्यम से उच्च स्तर की पारस्परिकता तथा संयुक्त परिचालन कौशल को विकसित करना है।
  • भारतीय नौसेना का पोत कोरा, एक स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल कार्वेट और एक स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत सुमेधा इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। बांग्लादेश की नौसेना का प्रतिनिधित्व बीएनएस अबू उबैदाह और अली हैदर कर रहे हैं, ये दोनों ही गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हैं।
  • बोंगोसागर अभ्यास के बंदरगाह चरण के दौरान समुद्र में अभ्यास के संचालन पर सामरिक स्तर की योजना चर्चा के अलावा पेशेवर और सामूहिक बातचीत तथा मैत्रीपूर्ण खेल गतिविधियां शामिल हैं। 
  • अभ्यास का समुद्री चरण दोनों नौसेनाओं के जहाजों को गहन सतही युद्ध अभ्यास, हथियारों का इस्तेमाल, फायरिंग अभ्यास, नाविक योजना विकास और सामरिक परिदृश्य में समन्वित हवाई संचालन में भाग लेने की सुविधा प्रदान करेगा।

 

2. परम पोरुल सुपरकंप्यूटर

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी - विकास एवं अनुप्रयोग और दैनिक जीवन पर प्रभाव। 

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: सुपरकंप्यूटर के बारे में और राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन। 

संदर्भ:

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), तिरुचिरापल्ली में परम पोरुल सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया गया। 

परम पोरुल सुपरकंप्यूटर के बारे में:

  • परम पोरुल, NIT तिरुचिरापल्ली में राष्ट्र को समर्पित एक अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर है। 
  • इसे इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एक संयुक्त पहल - राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत विकसित किया गया है। 
  • परम पोरुल सुपरकंप्यूटिंग सुविधा राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के चरण 2 के तहत स्थापित की गई है, जहां इस प्रणाली को तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकांश घटकों का निर्माण और संयोजन देश के भीतर किया गया है। इसके साथ ही मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक का भी इसमें इस्तेमाल किया गया है।
  • यह सिस्टम विभिन्न वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों की कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए सीपीयू नोड्स, जीपीयू नोड्स, हाई मेमोरी नोड्स, हाई थ्रूपुट स्टोरेज और हाई परफॉर्मेंस इनफिनिबैंड इंटरकनेक्ट से लैस है। 
  • परम पोरुल सिस्टम उच्च शक्ति के इस्तेमाल की प्रभावशीलता प्राप्त करने और इस तरह परिचालन लागत को कम करने के लिए डायरेक्ट कॉन्टैक्ट लिक्विड कूलिंग तकनीक पर आधारित है। 
  • अनुसंधानकर्ताओं के लाभ के लिए विभिन्न वैज्ञानिक डोमेन जैसे मौसम और जलवायु, जैव सूचना विज्ञान, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, आणविक गतिशीलता, सामग्री विज्ञान, कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स इत्यादि से कई अनुप्रयोगों को सिस्टम पर स्थापित किया गया है। अनुसंधानकर्ताओं के लिए यह अत्याधुनिक कंप्यूटिंग प्रणाली अत्यंत मददगार साबित होगी।
  • NIT, तिरुचिरापल्ली स्वास्थ्य, कृषि, मौसम, वित्तीय सेवाओं जैसे सामाजिक हित के क्षेत्रों में अनुसंधान कर रहा है। एनएसएम के तहत स्थापित सुविधा इस अनुसंधान को मजबूत करेगी। नई उच्च-निष्पादन वाली कम्प्यूटेशनल सुविधा अनुसंधानकर्ताओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर समस्याओं को हल करने में सहायता करेगी।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन:

  • राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन नेशनल नॉलेज नेटवर्क (NKN) के साथ सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड बनाने के लिए सुपर कंप्यूटर को जोड़कर देश में अनुसंधान क्षमताओं में सुधार के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था।
  • देश भर के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग इकाईयों का एक ग्रिड स्थापित किया जाएगा। इसमें आयातित और स्वदेश निर्मित सुपर कंप्यूटर दोनों ही शामिल होंगे। 
  • इसे प्रगत संगणन विकास केंद्र (C-DAC), पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत, अब तक देश भर में 24 पेटाफ्लॉप की गणना क्षमता वाले 15 सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं। इन सभी सुपरकंप्यूटरों का निर्माण भारत में किया गया है और यह स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ काम कर रहे हैं।

 

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

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