पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 24 मई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : May 24th, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. प्रधानमंत्री की जापान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों, सम्मेलनों और राजनीति का प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: भारत-जापान के बीच 2+2 विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर की बैठक।

मुख्य परीक्षा: जापान की ओर से भारत में 5 ट्रिलियन येन के सार्वजनिक एवं निजी निवेश और वित्त पोषण से संबंधित अपने निर्णय को लागू करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करना चाहिए। व्याख्या कीजिए।   

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

उद्देश्य:

  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।  

विवरण:  

  • दोनों नेता रक्षा उत्पादन सहित द्विपक्षीय सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। 
    • दोनों नेताओं ने अगली 2+2 विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर की बैठक जापान में आयोजित करवाने पर सहमति व्यक्त की। 
  • दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की सराहना की। 
    • वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को अगले पांच वर्षों में जापान की ओर से भारत में 5 ट्रिलियन येन के सार्वजनिक एवं निजी निवेश और वित्त पोषण से संबंधित अपने निर्णय को लागू करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करना चाहिए। 
    • प्रधानमंत्री ने गतिशक्ति पहल के माध्यम से व्यवसाय करने में आसानी और लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला और भारत में जापानी कंपनियों से  अधिक से अधिक निवेश करने का आग्रह किया।  
  • दोनों नेताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की भी समीक्षा की  और इस परियोजना के लिए ऋण की तीसरी किश्त के एक्सचेंज ऑफ नोट पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। 
  • दोनों नेताओं ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। 
  • उन्होंने 5जी, बियॉन्ड 5जी और सेमीकंडक्टर्स जैसी महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की। 
  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने हरित हाइड्रोजन सहित स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में गहरे सहयोग पर भी सहमति व्यक्त की तथा इस संबंध में दोनों देशों के व्यापारिक संस्थानों के बीच और अधिक पारस्परिक सहयोग को प्रोत्साहित किया।
  • दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक जुड़ाव को और बढ़ावा देने पर सहमति जताई। 
  • इस संबंध में, दोनों नेताओं ने निर्दिष्ट कुशल श्रमिक (एसएसडब्ल्यू) कार्यक्रम के कार्यान्वयन में प्रगति पर गौर किया और इस कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। 
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड के टीकाकरण का प्रमाण-पत्र लेकर जाने वाले भारत के यात्रियों के लिए जापान में क्वारंटीन मुक्त प्रवेश की सुविधा हेतु यात्रा प्रतिबंधों में और अधिक ढील देने का मुद्दा उठाया। 
  • दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने की दृष्टि से उपयोगी है और इसके वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों द्वारा चिन्हित की गई विभिन्न परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन की उम्मीद जताई।
  • दोनों नेताओं ने हाल के वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार विमर्श किया। 
    • उन्होंने हिंद-प्रशांत से संबंधित अपने-अपने दृष्टिकोण में समानता को रेखांकित किया और एक स्वतंत्र, खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। 
    • इस संदर्भ में, उन्होंने क्वाड के समकालीन और रचनात्मक एजेंडा जैसे कि टीके, छात्रवृत्ति, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे के मामले में हुई प्रगति का स्वागत किया।

 

2. स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का शुभारंभ: 

सामान्य अध्ययन: 2

स्‍वास्‍थ्‍य: 

विषय: सामाजिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे। 

प्रारंभिक परीक्षा: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 

प्रसंग: 

  • आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) – एसएस 2023 के आठवें आयोजन का शुभारंभ किया। 

उद्देश्य:

  • अपने प्रेरक दर्शन के रूप में 'वेस्ट टू वेल्थ' की थीम के साथ डिजाइन किया गया, एसएस 2023 अपशिष्ट प्रबंधन में चहुमुखी दिशा में उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। 
  • सर्वेक्षण में तीन आर - रिड्यूस रिसाइकल एंड रीयूज के सिद्धांत को प्राथमिकता दी जाएगी, यानी कचरा कम करें, रीसायकल करें और पुन: उपयोग करें।  

विवरण:  

  • स्वच्छता सर्वेक्षण सिर्फ एक मूल्यांकन उपकरण के बजाय एक प्रेरक औजार के रूप में विकसित हुआ है। 
  • इन वर्षों में, स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है।
    • स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां आयोजन - 'आजादी @ 75 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022' एक ऐतिहासिक सर्वेक्षण था, क्योंकि यह आजादी का अमृत महोत्सव के साथ था।
  • प्रधानमंत्री ने कचरा मुक्त शहरों की दृष्टि से 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का शुभारंभ किया। 
    • एसएस 2023 की थीम 'वेस्ट टू वेल्थ' है और यह स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 अपशिष्ट प्रबंधन में सर्कुलरिटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो मिशन के तहत प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। 
    • एसएस 2023 में, कचरे के स्रोत पृथक्करण, अपशिष्ट उत्पादन से मेल खाने के लिए शहरों की अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि और डंपसाइट में जाने वाले कचरे को कम करने के लिए अतिरिक्त महत्व दिया गया है। 
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के माध्यम से शहरों के भीतर वार्डों की रैंकिंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।  
  • उपरोक्त के अलावा शहरों का 'खुले में शौच' (येलो स्पॉट) और 'खुले में थूकने' (रेड स्पॉट) के मुद्दों पर समर्पित संकेतकों पर भी मूल्यांकन किया जाएगा । 
  • इसके अलावा, इस वर्ष आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों की पिछली गलियों की सफाई को भी बढ़ावा दे रहा है।
  • आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार के लिए शहरों को प्रोत्साहित करने और बड़े पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रतिस्पर्धी ढांचे के रूप में स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में शुरू किया गया था। 
  • स्वच्छ सर्वेक्षण शहरों में मिशन को गति देने में वर्षों से सहायक रहा है। इसने शहरों के बीच स्वच्छता मानकों पर अपने निष्पादन में सुधार करने के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है, जिससे नागरिकों के लिए स्वच्छता सेवाओं के वितरण में सुधार हुआ है। 
  • 2016 में केवल 73 शहरों में दस लाख से अधिक आबादी के साथ शुरू हुई स्वच्छ सर्वेक्षण की यात्रा, 2017 में 434 शहरों, 2018 में 4,203 शहरों, 2019 में 4,237 शहरों, एसएस 2020 में 4,242 शहरों, एसएस 2021 में 4,320 शहरों और एसएस 2022 में 62 छावनी बोर्ड सहित 4,355 शहरों के साथ कई गुना बढ़ गई है।

 

3. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने संशोधित ‘आभा’ मोबाइल एप्लीकेशन की घोषणा की: 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी संस्थान हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। 

प्रारंभिक परीक्षा: आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा)  

प्रसंग: 

  • प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएएम) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) मोबाइल एप्लीकेशन के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने की घोषणा की है। 

उद्देश्य:

  • आभा के उन्नत संस्करण में नया यूज़र इंटरफेस (यूआई) है और उसमें अन्य व्यावहारिक चीजों को जोड़ा गया है, ताकि लोग किसी भी समय और कहीं भी अपना स्वास्थ्य रिकॉर्ड देख सकें। 
  • आभा एप्प को पहले एनडीएचएम हेल्थ रिकॉर्ड्स एप्प के नाम से जाना जाता था।   

विवरण:  

  • इस एप्लीकेशन में यह सुविधा है कि स्वास्थ्य सम्बंधी जो रिकॉर्ड एबीडीएम आधारित हेल्थ लॉकरों में रखे हैं, उन्हें भी डिजिटल रूप में इससे जोड़ा जा सकता है, जैसे नैदानिक रिपोर्टें, डॉक्टर के दवाई के पर्चे, कोविन टीकाकरण प्रमाणपत्र, आदि। 
  • आभा एप्प नागरिकों को अपना समग्र स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने की सुविधा देगा।
    • मरीज अपने आभा एड्रेस की मदद से सेकंडों में अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच सकते हैं।  
    • यह उन्हें एक ही स्थान पर उनके स्वास्थ्य का पूरा विवरण उपलब्ध करा देगा तथा कहीं भी, कभी भी अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को साझा करने में उनकी मदद करेगा। 
    • इससे उनके रिकॉर्ड के खो जाने का अंदेशा नहीं रहेगा। 

 

4. प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ बैठक की: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय संबंध: 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते ।  

मुख्य परीक्षा: भारत-अमरीकी संबंधों पर प्रकाश डालिये।   

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन के साथ 24 मई 2022  को टोक्‍यो में मुलाकात की। 

उद्देश्य:

  • यह बैठक दोनों नेताओं के बीच नियमित उच्च-स्तरीय बातचीत की निरंतरता का प्रतीक है। 
  • दोनों नेताओं की सितम्‍बर 2021 में वाशिंगटन डीसी में व्यक्तिगत मुलाकात हुई थी और उसके बाद जी20 और सीओपी26 शिखर सम्मेलन में बातचीत की थी। 
  • हाल ही में 11 अप्रैल, 2022 को उनके बीच वर्चुअल बातचीत हुई थी।  

विवरण:  

  • भारत-अमेरिका व्यापक रणनीतिक वैश्विक साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन और नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है। 
  • दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडा में सभी क्षेत्रों में हुई प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
  • दोनों नेताओं ने निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए जो यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन को साझा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे सम्‍पूर्ण स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा, एसएमई, बुनियादी ढांचा आदि में भारत में निवेश में सक्षम बनाता है।
  • दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका परिणामोन्मुखी सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर पहल की शुरुआत की। 
  • भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और यू.एस. नेशनल सिक्‍योरिटी काउंसिल के सह-नेतृत्व में, आईसीईटी एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी/6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्‍टर जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की सरकारों के बीच शिक्षा और उद्योग में घनिष्ठ संबंध स्थापित होंगे।
  • यह देखते हुए कि रक्षा और सुरक्षा सहयोग भारत-अमेरिका द्विपक्षीय एजेंडा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, दोनों पक्षों ने चर्चा की कि वे सहयोग को और कैसे मजबूत कर सकते हैं। 
  • इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में निर्माण करने के लिए अमेरिकी उद्योग को भारत के साथ साझेदारी करने के लिए आमंत्रित किया।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने बढ़ते सहयोग को आगे ले जाते हुए, भारत और अमेरिका ने संयुक्त जैव चिकित्सा अनुसंधान को जारी रखने के लिए लंबे समय से चले आ रहे वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम (वीएपी) को 2027 तक बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीकों और संबंधित तकनीकों का विकास हुआ।
  • दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया जो पारस्परिक लाभ का हो सकता है।
  • दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित पारस्परिक हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
  • प्रधानमंत्री ने समृद्धि के लिए इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के शुभारंभ का स्वागत किया और कहा कि भारत संबंधित राष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक लचीले और समावेशी आईपीईएफ को आकार देने के लिए सभी भागीदार देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
  • नेताओं ने अपनी उपयोगी बातचीत जारी रखने और भारत-अमेरिका साझेदारी को उच्च स्तर पर ले जाने के अपने साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

 

5. क्वाड नेताओं का संयुक्‍त बयान: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों, सम्मेलनों और राजनीति का प्रभाव।   

प्रारंभिक परीक्षा: क्वाड संघठन

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मई 2022 को जापान के टोक्यो में चार देशों के प्रमुखों (क्वाड लीडर्स) की शिखर बैठक में भाग लिया।

उद्देश्य:

  • टोक्यो में क्वाड की चौथी बैठक के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍‍द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन - एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए, जो समावेशी और लचीला है, अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए टोक्यो में एकत्र हुए हैं।
  • चार देशों के प्रमुखों की यह दूसरी व्यकिगत बैठक थी, जबकि क्वाड की अब तक कुल चार बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। 
  • मार्च, 2021 में पहली वर्चुअल बैठक; सितंबर, 2021 में वाशिंगटन डीसी में शिखर बैठक और मार्च, 2022 में तीसरी वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी थी।        
  • क्वाड की चौथी बैठक में नेताओं ने हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन किया, धमकी या बल प्रयोग के बिना विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास और नौवहन तथा किसी स्थान के ऊपर से उड़ने (ओवरफ्लाइट) की स्वतंत्रता का समर्थन किया जो सभी हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की शांति, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। 

विवरण:  

इस संयुक्त वक्तव्य के दौरान निम्न बिंदुओं पर चर्चा की गई:

  1. शांति और स्थिरता 
  2. कोविड-19 और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा 
  3. आधारभूत संरचना 
  4. जलवायु 
  5. साइबर सुरक्षा 
  6. महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां 
  7. क्वाड फेलोशिप 
  8. अंतरिक्ष 
  9. समुद्री क्षेत्र में जागरूकता और एचएडीआर 
  • राजनेताओं ने एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिन्द -प्रशांत क्षेत्र तथा संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। 
  • उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों और यूरोप में संघर्ष पर अपने दृष्टिकोण साझा किये। 
  • प्रधानमंत्री ने शत्रुता की समाप्ति, वार्ता और कूटनीति को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर भारत की सुसंगत व सैद्धांतिक स्थिति पर प्रकाश डाला। 
  • राजनेताओं ने वर्त्तमान में चल रहे क्वाड सहयोग और भविष्य के प्रति उनके दृष्टिकोण पर भी चर्चा की।
  • राजनेताओं ने आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी इच्छा दोहराई, छद्म आतंकवादियों  के उपयोग की निंदा की और आतंकवादी समूहों को किसी भी लोजिस्टिक्स, वित्तीय या सैन्य सहायता से इनकार करने के महत्व पर जोर दिया, जिसका उपयोग सीमा पार के हमलों सहित आतंकवादी हमलों को शुरू करने या योजना बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • जनेताओं ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए क्वाड के जारी प्रयासों की समीक्षा करते हुए, भारत में बायोलॉजिकल-ई सुविधा की बढ़ी हुई विनिर्माण क्षमता का स्वागत किया और डब्ल्यूएचओ द्वारा ईयूएल अनुमोदन पर शीघ्र फैसला लिए जाने का आह्वान किया, ताकि टीकों का वितरण शुरू किया जा सके। 
  • नेताओं ने क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप के तहत अप्रैल, 2022 में थाईलैंड और कंबोडिया को भारत द्वारा मेड इन इंडिया टीकों की 525,000 खुराक को उपहार स्वरुप दिए जाने का स्वागत किया। 
  • एक क्वाड जलवायु परिवर्तन कार्रवाई तथा शमन पैकेज (क्यू-चैम्प) की घोषणा; हरित शिपिंग, हरित हाइड्रोजन समेत स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु व आपदा सहनीय अवसंरचना की दिशा में प्रयासों को मजबूत करने के लिए की गई थी। 
  • प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के देशों को जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के सहयोग से कॉप26 की प्रतिबद्धताओं के साथ सहायता करने के महत्व को दोहराया।
  • चारों देश, क्षेत्र की महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के लिए हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का समन्वय करेंगे। 
    • प्रधानमंत्री ने विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए क्वाड के अधिक से अधिक सहयोग का आह्वान किया और भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए देश में अपनायी जा रही अवसंरचना पर चर्चा की।
  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में आपदाओं के खिलाफ अधिक प्रभावी और समय पर जबावी प्रतिक्रिया को सक्षम करने के लिए राजनेताओं द्वारा मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पर एक क्वाड पार्टनरशिप की घोषणा की गई।
  • राजनेताओं ने जलवायु से जुड़ी घटनाओं, आपदा की तैयारी और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग की निगरानी में मदद करने के लिए क्वाड उपग्रह डेटा पोर्टल के माध्यम से क्षेत्र के देशों को पृथ्वी पर्यवेक्षण डेटा के लिए संसाधन उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की। 
    • समावेशी विकास के लिए अंतरिक्ष आधारित डेटा और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में अपनी दीर्घकालिक क्षमताओं को देखते हुए भारत इस प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
  • क्वाड लीडर्स ने एक नई, भारत-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता पहल का स्वागत किया, जिससे देशों को एचएडीआर घटनाओं का जवाब देने और अवैध मछली पकड़ने से निपटने से जुड़ी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • राजनेताओं ने अपनी बातचीत और परामर्श जारी रखने और 2023 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित की जाने वाली शिखर बैठक की प्रतीक्षा करने पर सहमति व्यक्त की।

 

6. प्रधानमंत्री ने जापान-भारत संघ (जेआईए) के साथ बैठक की: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों, सम्मेलनों और राजनीति का प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: जापान-भारत संघ (जेआईए)। 

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मई, 2022 को जापान के टोक्यो में जापान के पूर्व प्रधानमंत्रियों - योशिरो मोरी और शिंजो आबे से मुलाकात की। 

उद्देश्य:

  • योशिरो मोरी जापान-भारत संघ (जेआईए) के वर्तमान अध्यक्ष हैं, जबकि शिंजो आबे शीघ्र ही इस भूमिका को संभालेंगे। 
  • 1903 में स्थापित जेआईए, जापान के सबसे पुराने मैत्री संघों में से एक है।  

विवरण:  

  • प्रधानमंत्री ने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत और जापान के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में योशिरो मोरी के नेतृत्व में जेआईए द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।
  • प्रधानमंत्री ने शिंजो आबे को उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएं दीं और जेआईए द्वारा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका जारी रखने की आशा की।
  • नेताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के व्यापक कैनवास के साथ-साथ शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत और जापान के साझा दृष्टिकोण पर भी चर्चा की। 
  • सांस्कृतिक और जन-जन के बीच संबंधों को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई।

 

7. विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ) ने अपने 5 साल पूरे किए: 

सामान्य अध्ययन: 3

अर्थव्यवस्था: 

विषय:विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी संस्थान हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।  

प्रारंभिक परीक्षा:विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ)     

प्रसंग: 

  • विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को बंद करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के बाद से विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ) ने अपने 5 साल पूरे कर लिए हैं। 

लाभ:

  • पिछले 5 वर्षों में 853 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों का निपटारा किया गया; विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ) के अस्तित्व में आने के बाद से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 39% की वृद्धि हुई है।   

विवरण:  

  • विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को बंद किए जाने के बाद से 853 एफडीआई प्रस्तावों का निपटारा विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ) के माध्यम से किया गया है। 
    • एफआईपीबी को बंद करने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 मई, 2017 की अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। 
    • विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के समापन  के बाद, मौजूदा एफडीआई नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा – एफईएमए) विनियमों के तहत विदेशी निवेश के लिए सरकार की स्वीकृति देने का कार्य संबंधित प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को सौंपा गया था  तथा  इसके लिए  वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को नोडल विभाग बनाया गया।
  • इसके बाद से एफडीआई प्रस्तावों को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी)  द्वारा संचालित विदेशी निवेश सुविधा पोर्टल (एफआईएफ पोर्टल) पर ही जमा करवाना आवश्यक था।
  • एफआईएफ पोर्टल पर जमा किए गए प्रस्तावों को संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय को अग्रेषित करने के साथ-साथ एफडीआई नीति/एफईएम विनियमों के अनुसार आवश्यक टिप्पणियों के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को प्रेषित करने के अलावा आवश्यक सुरक्षा स्वीकृतियों के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) को भी भेजा जाता है।
  • एफआईएफ पोर्टल के माध्यम से फाइल किए जाने वाले दस्तावेजों सहित एफडीआई प्रस्तावों को आगे की प्रक्रिया में लाने के लिए डीपीआईआईटी ने 29 जून, 2017 एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)  निर्धारित और  तैयार की थी और जिसमें 09 जनवरी, 2020 को फिर से संशोधन किया गया था।
  • उसके बाद से न केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हुई है, बल्कि भारत में एफडीआई लाने वाले देशों की संख्या भी बढ़ी है। 
    • वित्त वर्ष 2014-15 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह मात्र 45.15 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो 2016-17 में बढ़कर 60.22 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और कोविड-19 महामारी और हाल ही में रूस-यूक्रेन संघर्ष के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान यह सर्वाधिक बढ़कर 83.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। 
    • वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 101 देशों से एफडीआई की सूचना मिली है, जबकि इससे पहले के पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) के दौरान 97 देशों से इसकी सूचना मिली थी। 

 

8. प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ बैठक की: 

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां,अंर्तष्ट्रीय संघठनों, सम्मेलनों और राजनीति का प्रभाव। 

मुख्य परीक्षा: दोनों देशों के बीच व्‍यापार और निवेश, रक्षा निर्माण, हरित हाइड्रोजन सहित अक्षय ऊर्जा ऊर्जा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि अनुसंधान, खेल के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत बहुआयामी सहयोग की समीक्षा कीजिए।  

प्रसंग: 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के टोक्यो में 24 मई, 2022 को क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया।

विवरण:  

  • प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री अल्‍बनीज को चुनाव में उनकी जीत के लिए बधाई दी। 
  • दोनों नेताओं ने व्‍यापार और निवेश, रक्षा निर्माण, हरित हाइड्रोजन सहित अक्षय ऊर्जा ऊर्जा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि अनुसंधान, खेल और जन-जन के बीच संबंधों सहित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत बहुआयामी सहयोग की समीक्षा की। 
  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति को जारी रखने की अपनी इच्छा की पुष्टि की।

 

      प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

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