पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 24 जून 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : June 24th, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. DRDO और भारतीय नौसेना ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च मिसाइल का ओडिशा तट से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: वर्टिकल लॉन्च मिसाइल, DRDO

संदर्भ:

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च मिसाइल का ओडिशा तट स्थित चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। 

विवरण:

  • वर्टिकल लॉन्च मिसाइल SRSAM पोत पर तैनात की जाने वाली हथियार प्रणाली है, जो समुद्र-स्किमिंग लक्ष्यों सहित सीमित दूरी के विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर कर सकती है।
  • इस प्रणाली का प्रक्षेपण एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य के प्रतिरूपी विमान के विरुद्ध सफलतापूर्वक किया गया। आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करते हुए और हेल्थ पैरामीटर का ध्यान रखते हुए इस वाहन के उड़ान पथ की निगरानी की गई। 
  • इस परीक्षण ने भारतीय नौसेना के पोतों पर स्वदेशी हथियार प्रणाली के एकीकरण को साकार किया है। यह भारतीय नौसेना बल को बढ़ाने वाला साबित होगा और प्रधानमंत्री  के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

 

2. सी-डॉट द्वारा गैलोर नेटवर्क के साथ एंड-टू-एंड 5-जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) उत्पादों और समाधानों के सहयोगात्मक विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर

सामान्य अध्ययन: 3

प्रौद्योगिकी:

विषय: सूचना प्रौद्योगिकी,

प्रारंभिक परीक्षा: एंड-टू-एंड 5-जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) उत्पाद 

संदर्भ

  • 5-जी के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के  प्रयास को आगे बढ़ाते हुए, सी-डॉट और गैलोर नेटवर्क्स ने एंड-टू-एंड 5-जी आरएएन उत्पादों और समाधानों के सहयोगात्मक विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 

विवरण

  • विभिन्न इकोसिस्टम भागीदारों के बीच तालमेल पर आधारित यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण पारस्परिक रूप से उत्पादक और टिकाऊ गठबंधनों के विकास की सुविधा प्रदान करेगा। यह एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा जिसके परिणामस्वरूप लागत प्रभावी 5जी उत्पादों और समाधानों की स्वदेशी डिजाइन, विकास, निर्माण और तैनाती होगी।
  • यह भारतीय अनुसंधान और विकास तथा उद्योग की तकनीकी दक्षताओं और पूरक शक्तियों को एक एकीकृत मंच पर लाएगा जिससे स्वदेशी बौद्धिक संपदा (IEP) परिसंपत्तियों का निर्माण होगा जो वैश्विक स्तर पर घरेलू प्रौद्योगिकियों की व्यापक उपलब्धता और व्यवसायीकरण के लिए नए मार्ग पैदा कर सकते हैं। 
  • सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक ने भारत के महान तकनीकी कौशल की अंतर्निहित क्षमता पर बल देने के माननीय प्रधानमंत्री की "गति शक्ति" और "आत्मनिर्भर भारत" की परिकल्पना पर प्रकाश डाला, जो स्थानीय अनुसंधान और विकास, उद्योग और स्टार्टअप की नई पहल में प्रकट होता है। उन्होंने नए नवाचार और प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम के विभिन्न प्रतिभागियों के बीच तालमेल प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया, जिससे समग्र स्वदेशी समाधानों का तेजी से विकास हो सके। उन्होंने देश के कोने-कोने में स्वदेशी 5-जी के प्रसार को सक्षम करने के लिए अनुसंधान और विकास तथा उद्योग के बीच इन उभरती साझेदारियों में आत्मविश्वास और भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि प्रभावी सहयोगी संपर्क अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों और समाधानों की विशाल क्षमता को प्रदर्शित करेंगे।
  • टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख अनुसंधान और विकास केंद्र है। सी-डॉट ने ऑप्टिकल, स्विचिंग और रूटिंग, वायरलेस, सुरक्षा और टेलीकॉम सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों के विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है। सी-डॉट ने अपना स्वदेशी 4-जी समाधान विकसित किया है और 5 जी के क्षेत्र में काम कर रहा है।
  • गैलोर नेटवर्क्स की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। यह वैश्विक संचार सेवा प्रदाताओं, उद्यमों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और सीधे बाजार क्षेत्रों के लिए कैरियर ग्रेड उत्पादों और सेवाओं का विकास कर रहा है। गैलोर नेटवर्क्स एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है जो जटिल अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म जैसे 5जी, IOT, क्लाउड/NFV-SDN  और 2जी-3जी और 4जी से लेकर परंपरागत नेटवर्क उत्पादों पर केंद्रित हैं।

 

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने भारत नवीन कार आकलन कार्यक्रम (New Car Assessment Programme-NCAP) शुरू करने के लिए GSR अधिसूचना के प्रारूप को मंजूरी दी

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने भारत- नवीन कार आकलन कार्यक्रम (New Car Assessment Programme-NCAP) शुरू करने को लेकर GSR अधिसूचना के प्रारूप को मंजूरी दी है। इसके तहत भारत में ऑटोमोबाइल को क्रैश टेस्ट (टक्कर परीक्षण) में उनके प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।
  • भारत- NCAP सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए देश में मूल उपकरण निर्माता के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुए एक उपभोक्ता- केंद्रित मंच के रूप में काम करेगा, जिससे ग्राहक स्टार- रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का चयन कर सकेंगे।
  • क्रैश टेस्ट के आधार पर भारतीय कारों की स्टार रेटिंग से न केवल वाहनों में संरचनात्मक और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल की निर्यात- पात्रता को बढ़ाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • भारत- NCAP के परीक्षण प्रोटोकॉल को मौजूदा भारतीय नियमों में फैक्टरिंग ग्लोबल क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा। यह ओईएम को भारत की अपनी घरेलू परीक्षण सुविधाओं में अपने वाहनों का परीक्षण करने की अनुमति देता है।
  • भारत- NCAP, भारत को विश्व में नंबर 1 ऑटोमोबाइल केंद्र बनाने के मिशन के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा।

 

2. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों के प्रदर्शन संबंधी मानक निर्धारित किए

  • भारतीय मानक ब्यूरो, जो कि भारत की राष्ट्रीय मानक निकाय है, ने विद्युत चालित सड़क वाहनों के लिथियम-आयन ट्रैक्शन बैटरी पैक एवं सिस्टम (प्रदर्शन परीक्षण) के परीक्षण संबंधी विनिर्देशों के लिए मानक प्रकाशित किए हैं।
  • इस मानक में बैटरी पैक एवं सिस्टम के उच्च शक्ति या उच्च ऊर्जा वाले अनुप्रयोग के लिए प्रदर्शन, विश्वसनीयता एवं विद्युत कार्यक्षमता की बुनियादी विशेषता से संबंधित परीक्षण प्रक्रिया शामिल है। यह मानक एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए वास्तविक जीवन से जुड़े विभिन्न परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
  • सुरक्षा और प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दो महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। वाहनों के प्रणोदन हेतु ऊर्जा के एक स्रोत के रूप में उपयोग की जाने वाली बैटरी सिस्टम की जरूरतें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स या स्थिर उपयोग के लिए उपयोग की जाने वाली बैटरी से काफी भिन्न होती है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन ऐसे वाहन होते हैं, जो इलेक्ट्रिक मोटर और रिचार्जेबल बैटरी से चलते हैं। पिछले एक दशक में, बाजार में दृश्यता एवं उपलब्धता की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ी है। उपभोक्ता की सुरक्षा तथा विश्वसनीयता एवं सुरक्षा की दृष्टि से, ऊर्जा भंडारण प्रणाली किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन (EV ) का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती है। वजन के अनुपात में उच्च शक्ति की जरूरत के कारण अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग होता है।
  • इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बैटरियों के सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखते हुए, भारतीय मानक ब्यूरो विभिन्न यात्री एवं माल ढोने वाले वाहनों (एल, एम और एन श्रेणी) की बैटरियों से संबंधित दो और मानक प्रकाशित करने की प्रक्रिया में है।

 

3. भारतीय वायुसेना मिस्र की वायु सेना के साथ सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम में भाग लेगी

  • भारतीय वायु सेना मिस्र (काहिरा के पश्चिम एयरबेस) में 24 जून से लेकर 24 जुलाई 2022 तक मिस्र के वायु सेना वेपन स्कूल में सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम में भाग लेगी, जिसमें भारत के तीन सुखोई-30 एमकेआई विमान, दो सी-17 विमान और भारतीय वायु सेना के 57 कर्मचारी (सी-17 टुकड़ी सहित) हिस्सा लेंगे।
  • यह पहल विभिन्न संघर्ष परिदृश्यों को देखते हुए एक बड़े वायु सैन्य बल के माध्यम से युद्ध के माहौल में युद्धक विमानों के साथ अभ्यास का एक अनूठा कार्यक्रम है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाना और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान करना है।
  • वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में यह अभ्यास भारतीय वायुसेना की पहुंच तथा इसकी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह HAL द्वारा भारत में निर्मित सुखोई-30 MKI और लड़ाकू विमान के कलपुर्जों तथा यांत्रिक घटकों के स्वदेशीकरण की देश की विशेषज्ञता को दर्शाने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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