पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 21 मई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : May 21st, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्टअप के लिए ‘एकल राष्ट्रीय पोर्टल’ 

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: बायोलॉजिकल रिसर्च रेगुलेटरी अप्रूवल पोर्टल(BioRRAP)      

प्रसंग: 

  • "एक राष्ट्र, एक पोर्टल"की भावना को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री ने बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया।

विवरण:  

  • पोर्टल ‘’BioRRAP’’ देश में जैविक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए नियामक अनुमोदन की मांग करने वाले सभी लोगों की जरूरत पूरी करेगा और इस प्रकार  ‘’ईज ऑफ साइंस के साथ-साथ ईज ऑफ बिजनेस’’ के लिए भी एक बड़ी राहत प्रदान करेगा।
  • भारत एक वैश्विक बायो-मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है तथा बायोलॉजिकल रिसर्च रेगुलेटरी अप्रूवल पोर्टल (‘BioRRAP) लॉन्च करने के बाद यह 2025 तक दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा।
  • यह पोर्टल हितधारकों को एक विशिष्ट BioRRAP आईडी के माध्यम से किसी विशेष अनुप्रयोग के लिए दी गई मंजूरी को भी अनुमति प्रदान करेगा। उन्होंने डीबीटी के इस विशिष्ट पोर्टल को भारत में ‘ईज ऑफ डूइंग साइंस एंड साइंटिफिक रिसर्च और ईज ऑफ स्टार्टअप’ की दिशा में एक कदम बताया। जैव-प्रौद्योगिकी तेजी से भारत में युवाओं के लिए अकादमिक और आजीविका के साधन के रूप में उभर रही है। वर्तमान में देश में 2700 से अधिक बायोटेक स्टार्ट-अप्‍‍स और 2500 से अधिक बायोटेक कंपनियां काम कर रही हैं।
  • यह पोर्टल अंतर विभागीय तालमेल को मजबूत करेगा तथा जैविक अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करने एवं उनके लिए अनुमति प्रदान करने वाली एजेंसियों के कामकाज में जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रभावकारिता का समावेश करेगा। जैव प्रौद्योगिकी विभाग को ‘BioRRAP पोर्टल शुरू करने के बारे में बधाई देते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि विभाग को अपनी प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाने के लिए अन्‍‍य तंत्र को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।
  • वर्तमान में एक पोर्टल पर शोध प्रस्ताव हेतु अपेक्षित नियामक अनुमोदन का पता लगाने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है इसलिए, ऐसे जैविक शोधों को अधिक विश्वसनीयता और मान्यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक वेब प्रणाली विकसित की है, जिसके तहत प्रत्येक अनुसंधान, जिसमें नियामक निरीक्षण की आवश्यकता होती है, उसकी पहचान "BioRRAP आईडी" नामक एक विशिष्ट आईडी द्वारा की जाएगी। यह पोर्टल एक गेटवे के रूप में काम करेगा और शोधकर्ता को नियामक मंजूरी के लिए अपने आवेदनों को अनुमोदन के चरणों को देखने और विशेष शोधकर्ता/संगठन द्वारा किए जा रहे सभी शोध कार्यों के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
  • भारत विश्व स्तर पर जैव प्रौद्योगिकी के 12 शीर्ष गंतव्यों में से एक है और यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा जैव प्रौद्योगिकी गंतव्य है। वर्ष 2025 तक वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी बाजार में भारतीय जैव प्रौद्योगिकी उद्योग का योगदान बढ़कर 19 प्रतिशत होने की उम्मीद है जो 2017 में केवल तीन प्रतिशत था। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में जैव अर्थव्यवस्था का योगदान में भी लगातार वृद्धि हो रही है तथा यह पिछले वर्षों में बढकर 2020 में 2.7 प्रतिशत हो गया जो 2017 में केवल 1.7 प्रतिशत था। वर्ष 2047 के शताब्दी वर्ष में यह 25 वर्षों की जैव-अर्थव्यवस्था यात्रा के बाद नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगा।
  • कोविड महामारी के दौरान यह देखा गया है कि अनुमोदन के लिए विभिन्न नियामक एजेंसियों को प्रस्तुत किए गए आवेदनों को लिंक करने की आवश्यकता है ताकि सभी आवेदनों की स्थिति के बारे में एक ही स्थान पर जानकारी प्राप्त हो सके। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि एक देश के रूप में हमारे पास सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में काम कर रहे हमारे शोधकर्ताओं द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों का भंडार भी होना चाहिए। इससे न केवल हमें अपनी वैज्ञानिक शक्ति और विशेषज्ञता को समझने में सहायता मिलेगी बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान के परिणाम प्राप्त करने के लिए सक्षम नीतियां बनाने में भी मदद मिलेगी।
  • जो BioRRAP विकसित किया गया है वह इस पोर्टल पर तैयार किए गए सभी शोध अनुप्रयोगों के लिए BioRRAP आईडी बनाता है तथा इस आईडी का उपयोग करके संबंधित नियामक एजेंसियों को आगे आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरू करनी है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल केवल शोध संबंधी गतिविधियों के लिए समर्पित है न कि उत्पाद विकास के लिए।

 

      प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:

2. आयुष मंत्रालय द्वारा सिक्किम और उत्तर पूर्व में प्रमुख पहल की घोषणा से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र को बढ़ावा  

  • केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने सिक्किम राज्य में सोवा रिग्पा, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा सहित पारंपरिक औषधीय अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख पहल की घोषणा की। मंत्री सिक्किम में हिमालय के लोगों की पारंपरिक और प्राचीन औषधीय पद्धति सोवा रिग्पा पर राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग ले रहे थे।
  • आयुष मंत्री ने घोषणा की कि सिक्किम में एक अंतर्राष्ट्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा कॉलेज की स्थापना की जाएगी जिससे पूर्वोत्तर भारत में चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। सोवा रिग्पा के महत्व और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए सिक्किम में 30 बिस्तरों वाला सोवा रिग्पा अस्पताल स्थापित किया जा रहा है। 
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयुष पहल को आगे बढ़ाते हुए, केंद्रीय मंत्री ने सिक्किम में सैटेलाइट संस्थान कार्यक्रम के तहत एक आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ राज्य में हर ग्राम पंचायत स्तर पर योग और कल्याण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इस क्षेत्र में आयुष आधारित विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय सोवा रिग्पा के लिए एक अनुसंधान परिषद स्थापित करने की संभावना तलाश रहा है।

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