पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 20 मई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : May 20th, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. चावल को पोषणयुक्त बनाने की व्यवस्था को लागू करने में वांछित गुणवत्ता मानक को बनाए रखने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी 

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि:

विषय: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

प्रारंभिक परीक्षा: पोषण युक्त चावल      

प्रसंग: 

  • खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कुपोषण, रक्ताल्पता और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने हेतु चावल को पोषणयुक्त बनाने की व्यवस्था लागू करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इस कार्यक्रम को सुगमता से लागू करने के लिए और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला के तहत वांछित गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा मार्च 2022 में एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार करके जारी कर दी गई है।

विवरण:  

  • पोषणयुक्त चावल कार्नेल (FRK) और पोषणयुक्त चावल के वांछित गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए इस मानक संचालन प्रक्रिया में इस महत्त्वाकांक्षी योजना जिसमें, पोषणयुक्त चावल के निर्माण से लेकर उसके योग्य लाभार्थियों तक वितरण की व्यवस्था है, के सभी हितधारकों की हर स्तर पर भूमिका और जिम्मेदारियों का स्पष्ट रूप से विवरण दिया गया है।
  • शुरुआत में FSSAI ने खाद्य सुरक्षा मानक (खाद्य पदार्थों को पोषक बनाना) विनियमन 2018 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक एवं खाद्य योजक) विनियमन 2011 आदि के तहत चावल समेत विभिन्न पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के मानक तय किए थे।  एफएसएसएआई ने एफआर के निर्माताओं का एक पैनल बनाया और उन्हें लाइसेंस दिया, तैयार उत्पाद की पैकेजिंग और स्टेंसिलिंग के लिए विभिन्न गुणवत्ता प्रमाणन मानक एवं दिशा-निर्देश तैयार किए, सैंपल एकत्र करने के दिशा-निर्देश तय किए और विभिन्न परिचालन उपलब्धियों के वास्ते चावल को पोषणयुक्त बनाने के लिए तकनीकी सहायता मुहैया कराई। एफएसएसएआई राज्य के तहत आने वाले नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन (NABL) द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी प्रयोगशालाओं की मैपिंग भी कर रहा है जो एफआरके/एफआर के विभिन्न गुणवत्ता मापदंडों की जांच करेगी।
  • FSSAI मानकों और खाद्य सुरक्षा प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं, प्रीमिक्स और उपकरण खरीद तथा पोषणयुक्त चावल के निर्माण, गुणवत्ता आश्वासन और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सूचना प्रदान करने वाले रिसोर्स हब के तौर पर काम करता है।

पोषणयुक्त चावल 

  • चावल को पोषणयुक्त बनाना एक प्रक्रिया है, जिसमें चावल में लौह तत्व, फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को चावल में मिलाया जाता है और यह रक्ताल्पता जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक बहुत प्रभावी, निवारक और कम लागत वाली रणनीति है। वैश्विक और भारतीय संदर्भों में इस प्रकार के विभिन्न अध्ययन किए गए हैं जिनसे साबित होता है कि रक्ताल्पता की समस्या से निपटने के लिए पोषण युक्त चावल एक बेहद प्रभावी साधन है।
  • आहार विविधीकरण और फलों तथा सब्जियों पर अधिक निर्भरता सूक्ष्म पोषक तत्वों का एक अन्य स्रोत है लेकिन आबादी के एक बड़े तबके के लिए यह कर पाना हमेशा संभव नहीं है। केंद्र, देश के विभिन्न भागों में पोषणयुक्त चावल को भोजन में शामिल करने के लाभों के विषय में कई जागरूकता कार्यक्रम चलाने की दिशा में प्रयासरत है। राज्य सरकारों को भी अपने राज्य के लोगों में इस संबंध में फैले मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को संवेदनशील बनाने की सलाह दी गई है। पीडीएस के जरिए पोषणयुक्त चावल का वितरण करने के लिए केन्द्र प्रायोजित पायलट योजना की शुरुआत के बाद से देश के कई राज्य पीडीएस के जरिए इस पोषणयुक्त चावल का वितरण प्रभावी तौर पर कर रहे हैं और इसमें उन्हें चुनौती भी नहीं आई है। हालांकि जागरूकता के अभाव में अभी तक पोषणयुक्त चावल और इसके लाभों को समुचित तौर पर समझा नहीं गया है। 
  • पैकेजिंग सामग्री के संबंध में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमन के संदर्भ में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई)/राज्य एजेंसियों जैसी खरीद एजेंसियां एफएसएसएआई के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही हैं और बोरियों पर +F का लोगो तथा थैलेसीमिया से ग्रस्त लोगों को चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही पोषणयुक्त चावल खाना चाहिए का संदेश छापा जा रहा है।
  • पोषणयुक्त बनाने की प्रक्रिया के तहत खाद्य पदार्थ में अनिवार्य सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे विटामिन और खनिज की मात्रा को बढ़ाया जाता है ताकि इसकी पोषण गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और स्वास्थ्य को कम से कम नुकसान पहुँचे एकं जन स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके। 2008 के कोपेनहेगन कन्सेंसस स्टेटमेंट के तहत पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों को विकासशील देशों के लिए शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में से एक बताया गया था। पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ दरअसल भारत के लिए नए नहीं हैं। भारत में आयोडीन युक्त नमक, जो कि पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ का ही एक प्रकार है, की खपत बढ़ने से आयोडीन की कमी से होने वाली गोइटर जैसी बीमारियों में काफी कमी आई है। रक्ताल्पता की समस्या से बहुत कम समय में निपटने के लिए पोषणयुक्त चावल एक बहुत ही निवारक एवं पूरक साधन है।

 

      प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:

2. NIF द्वारा इनक्यूबेट किए गए स्टार्ट-अप ने अमेजन संभव '22 अवार्ड जीता

  • राजस्थान के एक नवप्रवर्तन करने वाले सुभाष ओला, जिन्होंने भाप को रिसाइकल करके बॉयलरों में ऊर्जा बचाने की तकनीक विकसित की है, को अमेजन संभव उद्यमिता चुनौती 2022 के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है और उनके ही उद्यम "जीनियस एनर्जी क्रिटिकल इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड" को वर्ष का स्टार्टअप पुरस्कार मिला है।“
  • इस प्रौद्योगिकी को पहले खोया और अन्य दुग्ध उत्पाद तैयार करने  के लिए विकसित किया गया था और बाद में कपड़ा, दूध और भोजन, फार्मा, प्लाईवुड, पेपर मिल, चमड़ा उद्योग, रसायन उद्योग, गर्म पानी बॉयलर जनरेटर, प्लास्टिक रीसायकल, कपड़े धोने और अस्पतालों इत्यादि के लिए प्रयुक्त किया गया।
  • यह विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी को अनुकूलित करता है और उपयोग की गई ऊर्जा को बचाने के लिए इसे उद्योग विशेष  के मौजूदा बॉयलर बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत करता है। प्रयुक्त भाप को विशेष उपकरणों में गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से घनीभूत पानी के साथ बॉयलर में  प्रयोग किया जाता है। क्लोज-सर्किट डिज़ाइन लीकेज को बढ़ाता है  जिससे अतिरिक्त पानी की आवश्यकता कम हो जाती है।
  • जीनियस एनर्जी क्रिटिकल इनोवेशन, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्टार्टअप है जिसका इन्क्यूबेशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), सरकार के एक स्वायत्त निकाय, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन–एनआईएफ द्वारा किया गया था। यह विभिन्न उद्योगों में ग्राहकों को उनकी ऊर्जा जरूरतों के लिए सेवा प्रदान करता हैI लागत कम करने में उनकी मदद करने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी करता है।

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