पीआईबी सारांश एवं विश्लेषण - 05 जुलाई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : July 5th, 2022

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) भारत सरकार से मीडिया तक समाचार प्रसारित करने वाली नोडल एजेंसी है। पीआईबी की विज्ञप्ति सिविल सेवा परीक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। पीआईबी सारांश और विश्लेषण उम्मीदवारों को समसामयिक मामलों के संबंध में समाचार और उसके संदर्भ में विशेष मुद्दों के महत्व को समझने में मदद करेगा।

Table of Content

1. रिमपैक अभ्यास का हार्बर चरण: 

सामान्य अध्ययन: 2,3

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,सुरक्षा:

विषय:  भारत के सुरक्षा हितों पर विभिन्न अंर्तष्ट्रीय सैनिक अभ्यासों,प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रभाव।  

प्रारंभिक परीक्षा: रिमपैक अभ्यास ।

प्रसंग: 

  • भारतीय नौसेना का स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा और पी8आई एलआरएमआरएएसडब्ल्यू विमान अमेरिका स्थित हवाई के पर्ल हार्बर में सबसे बड़े बहुपक्षीय नौसेना अभ्यासों में से एक- रिम ऑफ द पैसिफिक अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।

उद्देश्य:

  • इसे रिमपैक के रूप में भी जाना जाता है। 
  • इसका उद्देश्य मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-परिचालन और विश्वास का निर्माण करना है। 
  • इस अभ्यास के हार्बर चरण के तहत कई संगोष्ठियों, अभ्यास और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।   

विवरण:  

  • छह सप्ताह से अधिक चलने वाले इस अभ्यास में आईएनएस सतपुड़ा और एक पी8आई समुद्री गश्ती विमान हिस्सा ले रहे हैं। 
  • इस बहुआयामी अभ्यास में 28 देश, 38 युद्धपोत, 9 थल सेना, 31 मानव रहित प्रणाली, 170 विमान और 25,000 से अधिक कर्मी हिस्सा ले रहे हैं। 
  • इसके तहत समुद्री चरण 12 जुलाई, 2022 को शुरू होगा और 4 अगस्त, 2022 को समाप्त होगा।
  • वहीं, भारतीय नौसेना का पी8आई एलआरएमआरएएसडब्ल्यू विमान, विश्व के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास- द्विवार्षिक रिम ऑफ पैसिफिक (रिमपैक-22) के 28वें संस्करण में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के हवाई स्थित ज्वाइंट बेस पर्ल हार्बर के एएफबी हिकम पहुंचा है। 
  • पी8आई सात प्रतिभागी देशों के 20 एमपीआरए के साथ समन्वित बहुराष्ट्रीय, बहु-मंच उन्नत पनडुब्बी रोधी युद्ध अभियान में हिस्सा लेगा।

पृष्ठ्भूमि

  • रिम ऑफ द पैसिफिक अभ्यास (रिमपैक-Rim of the Pacific exercise ): रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज (रिमपैक) विश्व का सबसे बड़ा समुद्री सैन्य अभ्यास है।
  • इस अभ्यास का आयोजन अमेरिका के हवाई क्षेत्र में प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर किया जाता है। इस अभ्यास का पहली बार आयोजन वर्ष 1971 में किया गया था। 
  • रिमपैक अभ्यास की मेज़बानी एवं इसका नियंत्रण संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के प्रशांत बेड़े (जिसका मुख्यालय पर्ल हार्बर में स्थित है) द्वारा मरीन कॉर्प्स (Marine Corps), द कोस्ट गार्ड (The Coast Guard) तथा हवाई के गवर्नर के अधीन हवाई नेशनल गार्ड (Hawaii National Guard) बलों के सहयोग से किया जाता है।

 

2. 'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक': 

सामान्य अध्ययन: 2

शासन: 

विषय:  शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू।

प्रारंभिक परीक्षा: एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक।   

प्रसंग: 

  • केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा  'भारत में खाद्य पोषण और सुरक्षा' विषय पर आयोजित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान 'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' का पहला संस्करण जारी किया।

उद्देश्य:

  • यह "एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक" राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति और प्रगति के आधार पर तैयार किया गया है। 
  • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किए गए सुधारों पर प्रकाश डालता है और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों को दर्शाता है।  

विवरण:  

  • ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश 'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' में सामान्य श्रेणी के राज्यों में शीर्ष तीन राज्यों के रूप में उभरे; त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम विशेष श्रेणी के राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में शीर्ष तीन स्थान पर। 
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में 'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' में ओडिशा को शीर्ष स्थान पर रखा गया है, इसके बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है। 
  • विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा पहले स्थान पर और उसके बाद क्रमश: हिमाचल प्रदेश और सिक्किम हैं। 
  • इसके अलावा, 3 केंद्रशासित प्रदेशों में जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) - नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव शीर्ष स्थान पर है।
  • वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है, और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरणभी शामिल किया जायगा । 
  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिए सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है जिसमें टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को शामिल किया गया है । 
  • ये स्तंभ हैं: i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।  
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 5 जुलाई, 2013 को अधिनियमित किया गया था और इसी के उपलक्ष्य में पोषण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं, फसल विविधीकरण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और भंडारण क्षेत्र सुधारों पर विचार-विमर्श करने और चर्चा करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
  • भारत में अब वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा हो गया  है। 
  • आयुष्मान भारत कार्ड के लिए भविष्य में डिजिटाइज्ड,आधार से जुड़ी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।  

 

3. एक नई सामग्री की खोज की गई है जो इंफ्रारेड प्रकाश को नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है: 

सामान्य अध्ययन: 3

ऊर्जा: 

विषय: पारंपरिक एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार एवं निवेश बढ़ाना,आमजन को इसके लिए प्रोहत्साहित करना।  

प्रारंभिक परीक्षा:  नवीकरणीय ऊर्जा,इंफ्रारेड प्रकाश।

प्रसंग: 

  • वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई सामग्री की खोज की है जो उच्च दक्षता के साथ इंफ्रारेड प्रकाश का उत्सर्जन, खोज और संशोधन करके इसे सौर और थर्मल ऊर्जा संरक्षण तथा ऑप्टिकल संचार उपकरणों के लिए उपयोगी बना सकती है।

उद्देश्य:

  • विद्युत चुम्बकीय तरंगें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं, जिनका उपयोग बिजली उत्पादन, दूरसंचार, रक्षा और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों, सेंसरों और स्वास्थ्य सेवाओं में किया जाता है। 
  • वैज्ञानिक ऐसी विशेष सामग्रियों का इस्तेमाल तरंगों में सटीक रूप से परिवर्तन करने के लिए उपयोग करते हैं। 
  • इनके आयाम मानव बालों की तुलना में हजारों गुना छोटे होते हैं। 
    • विशेष रूप से इंफ्रारेड प्रकाश की सभी वेबलैंग्थ (विद्युत चुम्बकीय तरंगों) का उपयोग करना आसान नहीं है क्योंकि इसका पता लगाना और संशोधित करना बहुत मुश्किल है।  

विवरण:  

  • इंफ्रारेड प्रकाश अनुप्रयोगों के लिए बौद्धिक क्षमता और अत्याधुनिक सामग्रियों की जरूरत होती है जो उच्च क्षमता के साथ वांछित स्पेक्ट्रल रेंज में उत्तेजना, मॉड्यूलेशन और खोज को सक्षम बना सकती हैं। 
  • कुछ मौजूदा सामग्रियां इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रल रेंज में लाइट मैटर क्रियाओं के लिए होस्ट के रूप में काम कर सकती हैं। 
  • ऐसी सामग्रियों की परिचालन स्पेक्ट्रल रेंज भी औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण लघु वेबलैंग्थ इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रल रेंज को कवर नहीं करती है।
  • बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), जो विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है। 
  • इस संस्थान के शोधकर्ताओं ने सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) नामक नई सामग्री की खोज की है जो उच्च दक्षता के साथ इंफ्रारेड प्रकाश का उत्सर्जन, खोज और संशोधन कर सकती है।
  • इस संस्थान ने पोलरिटोन उत्तेजन नामक एक वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया है, जो अनुरूप सामग्री में होती है इसमें प्रकाश या तो सामूहिक मुक्त इलेक्ट्रॉन दोलनों से या ध्रुवीय जाली कंपन के साथ हल्के रूप में जुड़ जाते हैं। 
  • यह सफलता हासिल करने के लिए पोलरिटोन (एक अर्ध-कण) को उत्तेजित करने के लिए भौतिक गुणों को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया है और इन्फ्रा रेड प्रकाश का उपयोग करके सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड में मजबूत प्रकाश-पदार्थ इंटरैक्शन प्राप्त किया।
  • एससीएन में ये असाधारण पोलरिटोन का उपयोग सौर और थर्मल ऊर्जा संरक्षण में किया जा सकता है।
  • स्कैंडियम नाइट्राइड की तरह यह सामग्री एक ही परिवार से सम्बंधित होने के कारण गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) के रूप में आधुनिक कॉम्पलिमेंट्री-मैटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (सीएमओएस) या सी-चिप तकनीक के साथ अनुरूप है इसलिए ऑन-चिप ऑप्टिकल संचार उपकरणों के लिए इसे आसानी से एकीकृत किया जा सकता है।
  • "इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर स्वास्थ्य सेवा, रक्षा और सुरक्षा से ऊर्जा प्रौद्योगिकियों तक इन्फ्रारेड स्रोतों, उत्सर्जक और सेंसरों की बहुत मांग है। 
    • स्कैंडियम नाइट्राइड में इंफ्रारेड पोलरिटोन पर हमारा काम ऐसे कई उपकरणों में इसके अनुप्रयोगों को सक्षम बनाएगा।  

 

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।

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