नीलगाय में कौन सा समास होता है?
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 13th, 2023
नीलगाय एक जंगली जानवर है। नीलगाय का समास विग्रह है नील है जो गाय। यहाँ दोनों ही शब्द महत्वपूर्ण हैं। यहाँ नीलगाय में कर्मधारय समास है। हिंदी व्याकरण के परिभाषा के अनुसार, वह समास जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो, वह कर्मधारय समास कहते हैं। यह समास के 6 भेदों में एक है।
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कर्मधारय समास के उदाहरण हैं
- पीताम्बर – पीत है जो अंबर
- नीलगगन – नीला है जो गगन
- महावीर – महान है जो वीर
- महापुरुष – महान है जो पुरुष
- नीलगाय- नीली है जो गाय
- भुजबंद- भुज है जो बंद
- प्राणप्रिय- प्राणों के समान प्रिय
- मृगतृष्णा – मृग रूपी तृष्णा
- पुत्ररत्न – पुत्र रूपी रतन
- कृष्णसर्प – कृष्ण है जो सर्प
समास किसे कहते हैं?
समास की परिभाषा के अनुसार दो या दो से अधिक शब्दों या पदों से मिलकर बने शब्दों के समूह से एक नया शब्द बनता है, जिसे समास कहते हैं। उदाहरण के लिए शिवालय जिसका समास विग्रह शिव का आलय यानि शिव का घर।
Summary
नीलगाय में कौन सा समास होता है?
नीली है जो गाय, यह समास विग्रह है नीलगाय शब्द का। जिस समास का पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो वह कर्मधारय होगा। अत: नीलगाय में कर्मधारय समास है।