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नगर निगम के कार्यों का वर्णन करें|

By BYJU'S Exam Prep

Updated on: November 9th, 2023

नगर निगम के कार्यों मेंअस्पतालों, पेय जलापूर्ति, जलनिकास, बाजार के लिए स्थान आदि की पूर्ति करना आता है। जब किसी मोहल्ले या किसी क्षेत्र को स्वशासन का अधिकार दिया जाता है, तब वहां नगर निगम का अधिकार क्षेत्र कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो एक निश्चित स्थान पर रह रहे लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की व्यवस्था ही नगर निगम का कार्य है।

नगर निगम के प्रमुख कार्य

शहरों को आवश्यक सामुदायिक सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था के निगम अधिनियम, 1835 के तहत नगर निगमों का गठन किया जाता है। नगर अध्यक्ष नगर निगम का प्रमुख होता है। शहरी क्षेत्र में जिसकी जनसंख्या 10 लाख या उससे ऊपर होती है, उस महानगर के विकास के लिए जो सरकार कार्य करती है, उसे नगर निगम के नाम से जाना जाता है।

नगर निगमों का कानूनी रूप से गठन तब होता है जब कोई कस्बा, टाउनशिप या गांव स्वशासन प्राप्त करता है। यह एक कानूनी दस्तावेज जारी करने के माध्यम से पूरा किया जाता है जिसे नगरपालिका चार्टर के रूप में जाना जाता है, जो बताता है कि प्रशासन कैसे चलाया जाता है और शीर्ष नगरपालिका अधिकारी कैसे चुने या नियुक्त किए जाते हैं।

कई स्थानीय सरकारों के प्रशासनिक संगठन को नगर निगम के रूप में जाना जाता है। यह अक्सर एक नगर परिषद या एक जिला, गांव, बस्ती या अन्य स्थानीय सरकारी निकाय के अधीनस्थ होता है। इनके सदस्यों का चुनाव आम जनता द्वारा ही किया जाता है। नगर निगम के कार्य कुछ इस प्रकार से हैं

  • नगर की सफाई करना
  • पीने के पानी की व्यवस्था
  • सड़क और अस्पताल बनाना तथा उसकी मरम्मत करना।
  • सड़कों पर रोशनी का प्रबंध करना।
  • जन्म एवं मृत्यु का निबंधन करना

Summary:

नगर निगम के कार्यों का वर्णन करें?

अस्पतालों, पेय जलापूर्ति, जलनिकास, बाजार के लिए स्थान आदि की पूर्ति करना नगर निगम के कार्यों में आता है। नगर में सफाई से लेकर सड़कों पर रौशनी की व्यवस्था करना और जन्म-मृत्यु निबंधन आदि मुख्य कार्यों में आते हैं।

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