एसएससी परीक्षा में कवर करने के लिए, इतिहास का यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिसके सवालों की एक अच्छी संख्या को परीक्षा में शामिल किया गया है। लगभग 5-8 प्रश्नों को इतिहास से पूछा जाता है इसलिए निश्चित रूप से यह महत्वपूर्ण है कि आप आगामी एसएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह से इस विषय का अध्ययन कर लें। यहां शेरशाह सूरी पर मध्यकालीन इतिहास के नोट्स दिए गए हैं जो आपके लिए बेहद महत्त्पूर्ण है।
शेरशाह सूरी
- शेरशाह का मूल नाम फरीद था।
- वह हिसार फ़िरोसा में पैदा हुआ था।
- उसका पिता हसन खान था
- उसका परिवार अफगानिस्तान से भारत आया था।
- उसने बेहार के बहरखान लोहानी की नौकरी में प्रवेश किया जिससे उसने शेरखान का खिताब प्राप्त किया, एक शेर की एक हाथ से हत्या करने के लिए।
- बाद में वह बाबर के मुगल दरबार का एक सदस्य बन गया।
- 1539 में चौसा की लड़ाई में, शेरखान ने पहली बार हुमायूं को पराजित किया और अपना नाम शेरशाह रख लिया।
- बाद में 1540 में उसने पूरी तरह से हुमायूं को कन्नौज की लड़ाई में हराया और सूरी राजवंश की स्थापना की।
- कलंजर में बुंदेलखंड के शासक राजा कीरत सिंह जी के खिलाफ अपने तोपखाने के संचालन का निर्देशन करते समय, शेरशाह अपने ही तोपखाने से अचानक आग से गंभीर रूप से घायल हो गया और 22 मई, 1545 को उसका निधन हो गया।
- शेरशाह ने सोहरगाँव से अटक तक ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण कराया (कोलकाता से अमृतसर)।
- उसने भारत में पहली बार राष्ट्रीय राजमार्ग की अवधारणा शुरू की।
- अब ग्रांड ट्रंक रोड को शेरशाह सूरी मार्ग के रूप में जाना जाता है। इसका एक हिस्सा जो दिल्ली से अमृतसर के लिए जाता है उसे राष्ट्रीय राजमार्ग -1 के रूप में जाना जाता है।
- ग्रांड ट्रंक रोड को 'लांग वॉक' के नाम से भी जाना जाता है।
- वह चांदी का रूपया शुरू करने वाला पहला शासक था (एक रूपया 64 दाम के बराबर था) और सोने का सिक्का अशरफी था।
- उसने दिल्ली में पुराना किला बनवाया (इसका निर्माण हुमायूं द्वारा शुरू किया गया था) और सासाराम बिहार में अपने लिए ही मोउसोलयूम (कब्र) बनवाई।
- उसने खूनी दरवाजा का भी निर्माण (रक्त से सना हुआ गेट) कराया जो दिल्ली में फिरोज़शाह कोटला का गेटवे है।
- हिंदी कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने उसके शासनकाल के दौरान अपनी पद्मावत, को पूरा किया।
- उसकी राजस्व प्रणाली बहुत अच्छी थी और इसलिए अकबर के प्रशासनिक सुधारों में भी उसी के तरह के मॉडल पर कार्य कर रहे थे। उसको अकबर के अग्रदूत के रूप में भी माना जाता है।
- शेरशाह के बाद उसके पुत्र इस्लाम शाह द्वारा शासन संभाला गया था। अंतिम सूरी शासक सिकंदर शाह सूरी था। जो 1555 में सरहिन्द की लड़ाई में हुमायूं से हार गया था।
धन्यवाद
संदीप बालियान
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