उत्तर - जिसकी लाठी उसकी भैंस हिन्दी की एक जाना माना मुहावरा है।
"जिसकी लाठी उसकी भैंस" मुहावरे का कहानी में प्रयोग:
बहुत समय पहले एक गाँव में हीरा नाम का एक दूधवाला रहता था। वह सबको दूध बेचता था। दूधवाला अपनी भैंसों से बहुत प्यार करता था और उनकी देखभाल करता था। समय बीतने के साथ दूधवाले ने लोकप्रियता हासिल की।
हीरा के दूध की बिक्री भी उसकी शिष्टता और रहन-सहन के कारण बढ़ गई। डायमंड मिल्क का कारोबार दिन में दोगुना और रात में चौगुना होने लगा। क्योंकि हीरा के दूध में इतने ग्राहक थे, कुछ लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि दूध कैसे प्राप्त किया जाए। अपने ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए हीरा को और भैंस खरीदने की जरूरत थी।
हीरा भैंस खरीदने के लिए दूसरे गांव गई। हीरा ने भैंस की सबसे अच्छी नस्ल उन इलाकों से खरीदी जहां बड़ी संख्या में दूध देने वाले जानवर थे। वह भैंस लेकर अपने गांव वापस चला गया। रास्ते में एक डाकू मिलता है जो हीरे से भैंस को हथियाने के लिए अपनी छड़ी का उपयोग करता है।
जब डाकू के पास भैंस होती है, तो हीरा उससे छड़ी मांगने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करता है और सहजता से दूधवाले की बातचीत में प्रवेश करता है। हीरा के पास लाठी है, जिससे वह लुटेरे से अपनी भैंस को सफलतापूर्वक छुड़ा सकता है और खुशी से घर लौट सकता है। अब हम इसे कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस।
Summary:
जिसकी लाठी उसकी भैंस
जिसकी लाठी उसकी भैंस हिन्दी की एक जाना माना मुहावरा है जिसका प्रयोग निबंधों, लेखों आदि में प्राय: किया जाता है।
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