Important International Economic Organisations

By Hemant Kumar|Updated : February 14th, 2020

The main purpose of forming International Economic Organizations is to promote trade along with strengthening economic prosperity as it was lacking in earlier days.

Historical Background

अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठनों के गठन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक समृद्धि को मजबूत करने के साथ व्यापार को बढ़ावा देना है, क्योंकि पहले इसकी कमी थी।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • दुनिया के विभिन्न देशों में असहमति के साथ-साथ अधिक असमानता भी मौजूद थी।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय भुगतानों के लिए समर्थन की प्रणाली प्रदान करने हेतु बनाया गया था।
  • एक समय था जब अंतरराष्ट्रीय भुगतान सोने के मानकों के अनुसार किए जाते थे, क्योंकि सोने को भुगतान का मानक माना जाता था और हर अंतरराष्ट्रीय व्यापार का भुगतान सोने के मानक के माध्यम से किया जाता था।
  • अंतर्राष्ट्रीय देशों को मजबूत अंतर्राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों के साथ-साथ सुदृढ़ सहयोग प्रदान करने के लिए इन आर्थिक संगठनों की स्थापना की गई।
  • आर्थिक संगठन ने मुकदमों की सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित की।
  • जब अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता है, तो दोनों देशों के बीच कुछ मात्रा में मुकदमेबाजी या कानूनी मुद्दे शामिल होते हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अभाव में ऐसा सुचारू रूप से नहीं हो रहा था।
  • इन आर्थिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के गठन का एक मुख्य उद्देश्य गोल्ड स्टैंडर्ड सिस्टम को हटाना था।
  • सभी देश इस प्रक्रिया को विकसित करना चाहते थे ताकि वे आसानी से भुगतान कर सकें।
  • 1914 के प्रथम विश्व युद्ध में, स्व-विकासशील अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
  • दूसरे शब्दों में, यह भी कहा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उथल-पुथल मौजूद थी।
  • प्रथम विश्व युद्ध में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के विकास की आवश्यकता दिखी।
  • युद्ध में भी मुद्रास्फीतिजनित मंदी देखी गई जिसका अर्थ है, एक ऐसी स्थिति जब मुद्रास्फीति के साथ-साथ बेरोजगारी भी बढ़ती है।

महामंदी (ग्रेट डिप्रेशन)

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1928-1930 का महामंदी (द ग्रेट डिप्रेशन) का दौर आया।
  • इसमें दुनिया की अर्थव्यवस्था में काफी उथल-पुथल देखी गई।
  • 1944 में, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली विकसित की गई थी।
  • आई.एम.एफ. (IMF) अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विवादों और भुगतानो को नियंत्रित कर सकता था।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना का उद्देश्य यह भी माना जाता है कि विभिन्न देशों के बीच व्यापार का सुगम प्रवाह सुनिश्चित करने की अत्यधिक आवश्यकता थी।
  • अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठन की उत्पत्ति अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विवादों और भुगतानों को नियंत्रित करने हेतु हुई।
  • एक ऐसी प्रणाली विकसित की गई जिसने विभिन्न राष्ट्रों के बीच मुनाफे का समान वितरण सुनिश्चित किया।
  • 1944 में अमेरिका के न्यू हैंपशायर के ब्रेटन वुड्स में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन किया गया।
  • इस सम्मेलन में आई.एम.एफ. और विश्व बैंक नाम के दो विशाल संगठनों का जन्म हुआ।
  • इस प्रकार युग्म आई. एम. एफ. और विश्व बैंक के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर का भी जन्म हुआ।

 ब्रेटन वुड्स इंस्टीट्यूशन

  • यहां यह ज्ञात किया जा सकता है कि प्रथम विश्व युद्ध के शुरू होने का मुख्य कारण वित्तीय संकट ही था।
  • यह माना जाता है कि महामंदी के कारण शत्रुता बढ़ी और अंतत युद्ध हुआ।
  • एक और युद्ध को प्रतिबंधित करने के लिए, यह देशों के लिए समय की मांग थी कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक रूप से लंबे समय तक चलने वाले समाधान अपनाएं।

ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में दो शर्तें

  • इसमें दोनों विश्व युद्धों के साझा अनुभव शामिल थे कि WWII के शुरू होने के पीछे का मुख्य कारण WWI के बाद होने वाली आर्थिक समस्याओं से निपटने में विफलता थी।
  • इसमें कुछ देशों के हाथों में सत्ता थी। इस प्रकार, एक और विश्व युद्ध के प्रकोप को रोकने के लिए, विभिन्न देशों के बीच सत्ता वितरित करना आवश्यक था।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष  

  • अंतर्राष्ट्रीय निधि संसाधनों को एकत्र करके बनाई गई थी ताकि संकट के दौरान इसका उपयोग किया जा सके।
  • आई.एम.एफ. भुगतान संकट के साथ-साथ मुद्रा संकट के दौरान भी मदद प्रदान करता है।
  • यह वैश्विक स्तर पर मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • यह वित्तीय स्थिरता को भी सुरक्षित करता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाता है।
  • यह उच्च रोजगार के साथ-साथ टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
  • दुनिया भर में गरीबी कम करता है।
  • सदस्य राष्ट्रों को विशेष आहरण अधिकार (SDR) प्रदान करता है।

एस.डी.आर. (विशेष आहरण अधिकार)

  • इसे इंटरनेशनल रिजर्व एसेट के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
  • इसे 1961 में बनाया गया था।
  • आई.एम.एफ. देशों के बीच विनिमय के रूप में एस.डी.आर. की सुविधा प्रदान करता है।
  • एस.डी.आर. का मूल्य पांच अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के आधार पर मूल्यांकन किया जा सकता है।

विश्व बैंक

  • 1944 में स्थापित, विश्व बैंक समूह का मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी में है।
  • विश्व बैंक दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • विश्व बैंक समूह में ऐसे पांच संस्थान हैं जिनका संचालन उनके सदस्य देश करते हैं।
    • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD)
    • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
    • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
    • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)
    • निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
  • विश्व बैंक के निर्माण का मुख्य उद्देश्य पुनर्निर्माण के साथ-साथ विकास है।
  • शुरूआत में, इसे IDRB (अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवंविकास बैंक) के नाम से जाना जाता था।
  • इसे विश्व युद्धों के बाद यूरोप के पुनर्निर्माण के लिए बनाया गया था।
  • विश्व बैंक समूह ने 2030 तक प्राप्त करने हेतु दुनिया के लिए दो लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
    • प्रतिदिन $1.90 से कम में जीवन यापन करने वाले लोगों के प्रतिशत को 3% से कम करके उच्च गरीबी को समाप्त करना।
    • निचले 40% देशों की आय में वृद्धि को बढ़ावा देकर साझा समृद्धि को बढ़ावा देना।

एशियाई विकास बैंक

  • एशियाई देशों ने एशियाई विकास बैंक का निर्माण एशियाई प्रशांत क्षेत्र में आने वाले विकासशील देशों की सामाजिक प्रगति के साथ-साथ आर्थिक प्रगति के उद्देश्य के लिए किया है।
  • 1966 में स्थापित इसका स्वामित्व 66 सदस्यों के पास है जिसमें 49 एशियाई क्षेत्र से हैं।
  • बैंकों का ऋण मुख्य रूप से ऊर्जा, परिवहन, संचार, वित्त, उद्योग और सामाजिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों से संबंधित है।
  • एशियाई विकास बैंक (ADB) इस क्षेत्र में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के अपने प्रयासों को बनाए रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और स्थाई प्रशांत और एशिया की परिकल्पना करता है।

जी-20

  • इसे केंद्रीय बैंकों के गवर्नर के साथ-साथ सरकार के अंतरराष्ट्रीय मंच के रुप में वर्णित किया गया है।
  • बीस देशों का समूह या जी-20, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। जी-20 हर महाद्वीप से विकसित तथा विकासशील दोनों देशों के नेताओं को एक साथ लाता है।
  • सामूहिक रूप से, G20 सदस्यों को दुनिया के आर्थिक उत्पादन का लगभग 80%, वैश्विक आबादी का दो तिहाई और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के तीन चौथाई प्रतिनिधित्व करते हैं। साल भर में, G20 देशों के प्रतिनिधि वित्तीय एवं सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु इकट्ठा होते हैं।
  • 1999 में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के स्तर पर शुरू होने वाले ग्रुप 20 में मैक्रो फाइनेंशियल मुद्दों पर उच्च स्तरीय चर्चा के लिए इकट्ठा होते थे। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर जी-20 को सदस्य देशों के नेताओं को शामिल करने हेतु इसका स्तर और बढ़ाया गया।
  • वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के स्तर पर 1999 में उत्पन्न जी-20 मैक्रो-वित्तीय मुद्दों पर उच्च स्तरीय चर्चाओं के लिए एकत्र हुआ। 2008 वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर, जी-20 सदस्य देशों के नेताओं को शामिल करने हेतु बढ़ाया गया था।
  • जी-20 का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास और अन्य परस्पर संबंधित विषयों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है।

आसियान

  • इसका विस्तृत रुप एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) है।
  • इसका मुख्यालय इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित है।
  • मुख्य रूप से म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, लाओस, फिलीपींस और ब्रुनेई दारुस्सलाम सहित दस सदस्य राष्ट्र हैं।
  • इसका गठन 1967 में दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में सांस्कृतिक विकास के साथ शांति, सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने हेतु किया गया था।
  • आसियान के मूल सिद्धांतों में सभी राष्ट्र-राज्यों के लिए पारस्परिक सम्मान, किसी अन्य राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, विवादों को शांति से निपटाना, सदस्य देशों के बीच प्रभावी सहयोग के साथ बल के उपयोग पर रोक शामिल है।

आर.सी.ई.पी.

  • आर.सी.ई.पी. का विस्तृत रुप क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी है।
  • इसके सदस्य राज्यों में आसियान+3+3 शामिल हैं।
  • दूसरे शब्दों में, इसका अर्थ, चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के साथ दस आसियान देश हैं।
  • यह मुख्य रूप से मुक्त व्यापार समझौते के उद्देश्य हेतु बनाया गया था।
  • इसका उद्देश्य लाभकारी आर्थिक साझेदारी समझौते पर पहुंचना है।

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