UPSC IAS परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए NCERT पुस्तकें अति महत्वपूर्ण स्रोत हैं। ये पुस्तकें मूलभूत तथ्यों तथा अवधारणाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो UPSC के अध्ययन हेतु काफी महत्वपूर्ण है। हमेशा याद रखिये, NCERT UPSC की सबसे बड़ी कमजोरी है, जिसे आपको अपनी ताकत बनाने की आवश्यकता है।
NCERT की पुस्तकों द्वारा IAS परीक्षा की तैयारी किस प्रकार करें?
UPSC CSE के अभ्यर्थियों के लिए NCERT की पुस्तकें अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन पुस्तकों को पढ़कर, अभ्यर्थी स्वयं को विभिन्न विषयों से संबंधित मूल सिद्धांतों के साथ-साथ मूल अवधारणाओं से अवगत हो सकते हैं।
NCERT पुस्तकों का महत्व
- NCERT की पुस्तकें बहुत ही सरल भाषा में लिखी जाती हैं, जो बेहतर समझ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- इन पुस्तकों को अपने- अपने क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों द्वारा अनुसंधान और विकास में काफी समय समर्पित करने के बाद लिखा एवं प्रकाशित किया जाता है।
- NCERT पुस्तकों को सूचना का एक प्रामाणिक स्रोत माना जाता है, क्योंकि यह जानकारी संबंधित सरकारी एजेंसियों तथा प्रमुख संस्थानों द्वारा प्रदान की गई है।
- इन पुस्तकों में प्रकाशित सभी जानकारी सटीक एवं उचित है, क्योंकि बाजार में भेजे जाने से पूर्व इन पुस्तकों की कई बार जांच की जाती है।
- NCERT की पुस्तकें देश-भर के सभी ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों (समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ) में हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध हैं।
तैयारी हेतु NCERT पुस्तकों का अध्ययन किस प्रकार प्रारंभ करें?
- एक तरीका यह है कि कक्षा 6 की सभी पुस्तकों का कक्षावार अध्ययन कीजिए, तत्पश्चात उच्च कक्षाओं की पुस्तकों का अध्ययन कीजिए।
- दूसरा तरीका है कि NCERT की पुस्तकों का विषयवार अध्ययन कीजिए जैसे कि सामाजिक विज्ञान (कक्षा 6 से 10), इतिहास (कक्षा 11 और 12 दोनों पुरानी एवं नई NCERT), राजनीति विज्ञान (कक्षा 11 और 12), भूगोल (कक्षा 11 और 12) सामान्य विज्ञान (कक्षा 6 से 10) आदि।
कुल कितनी NCERT पुस्तकों का अध्ययन करना होता है?
- कक्षा 6 से 12 तक सभी विषयों को मिलाकर लगभग 30-40 पुस्तकें हैं।
कितना समय लगेगा?
- सभी 30-40 पुस्तकों के अध्ययन के साथ नोट्स बनाने में लगभग 2-2.5 महीने का समय लगेगा।
NCERT की पुस्तकों का अध्ययन इस प्रकार करें
- सर्वप्रथम एक उपयुक्त समय सारिणी (विशेषतः महीनेवार) बनाएं, जिसमें NCERT की पुस्तकों के अध्ययन तथा अन्य कार्यों हेतु उचित समय का आबंटन कीजिए।
- एक माह में किए जाने वाले कार्यों को हफ़्तों और फिर दिनों में विभाजित कीजिए।
- 1st रीडिंग:
- साइड में दिया गया कंटेंट या कार्टून पात्रों (छवि) के माध्यम से उल्लिखित सामग्री को छोड़ दीजिए।
- एक हाइलाइटर से पुस्तक की हार्ड कॉपी या सॉफ्ट कॉपी में महत्वपूर्ण बिंदुओं को चिह्नित कीजिए तथा सभी कठिन शब्दों/ वाक्यों को भी चिह्नित कीजिए।
- एक बार पढ़ने के पश्चात कठिन शब्दों / वाक्यों के अर्थ खोजिए और उन्हें एक नोटबुक में नोट करें।
- विभिन्न विषयों जैसे अर्थशास्त्र, इतिहास, राजव्यवस्था, भूगोल इत्यादि के लिए पृथक अनुभाग बनाए तथा कुछ पृष्ठ भी अतिरिक्त छोड़ दें, ताकि भविष्य में अन्य आवश्यक बिन्दुओं को इसमें जोड़ा जा सकें।
- किसी विषय या टॉपिक पर अधिक शोध न करें, केवल आवश्यक बिन्दुओं को नोट कीजिए और आगे बढ़ें।
- आप प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए प्रश्नों जैसे- रिक्त स्थान भरिए, सुमेलित कीजिए को भी हल करे, ताकि आप अब तक किए गए अध्ययन से अवगत हो सके।
- 2nd रीडिंग-
- इसका प्रारम्भ 2-3 दिनों के अंतराल के पश्चात प्रारंभ कीजिए।
- रीडिंग प्रारंभ करने से पूर्व, प्रथम रीडिंग में पढ़ी गई जानकारी को याद करने का प्रयत्न कीजिए, और मौखिक रूप से इस प्रकार रीवाइस कीजिए जैसे आप अपने समक्ष बैठे किसी व्यक्ति को बता रहे हो।
- महत्वपूर्ण पंक्तियों या बिंदुओं को चिह्नित करें।
- उन शब्दों को नोट कीजिए, जिन्हें समझने में आपको कठिनाई आ रही हो।
- चैप्टर के अध्ययन के पश्चात, कठिन शब्दों के अर्थ खोजें तथा उन्हें संबंधित अनुभाग में नोट करें एवं इसे नियमित आधार पर रीवाइस कीजिए।
- संपूर्ण NCERT के अध्ययन के पश्चात यदि आप संपूर्ण कंटेंट को याद करने में सक्षम हो, तब तीसरी बार रीडिंग की आवश्यकता नहीं है, और यदि आपको किसी विषय में कठिनाई हो तो आप पुनः अध्ययन कर सकते हैं।
- 3rd रीडिंग:
- इसे 2nd रीडिंग के समाप्त होने के 2-4 दिन पश्चात प्रारंभ कीजिए।
- इस बार रीडिंग को न्यूनतम समय में समाप्त कीजिए, और क्विक रीडिंग कीजिए, क्योंकि आप पहले ही पुस्तक को दो बार पढ़ चुके हैं। इससे आपके पढ़ने के कौशल में सुधार होगा, जो आपको रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के अनुभाग में सहायता करेगा।
- अत्यावश्यक कंटेंट को रेखांकित कीजिए।
- इस बार आप उन सामग्रियों को भी पढ़ सकते हैं जो साइड या कार्टून पात्रों (छवि) द्वारा उल्लिखित किया गया हैं, जिन्हें आपने पिछले रीडिंग में छोड़ दिया था।
NCERT अध्ययन के पश्चात क्या करें?
- NCERT- आधारित मॉक टेस्ट पेपर्स को अटेम्प्ट कीजिए।
- यदि कोई प्रश्न गलत हो गया है, तो उसका विश्लेषण करें और पढ़ते समय गलतियों का पता लगाएं (ज्यादातर मामलों में कारण प्रश्न को गलत समझा जाएगा या इसे गलत समझा जाएगा)।
नोट: UPSC के संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए केवल NCERT की पुस्तकें पर्याप्त नहीं हैं, परंतु ये पुस्तकें पाठ्यक्रम के अधिकांश भाग को कवर करती हैं, अतः इनका अध्ययन आवश्यक है।
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