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गद्यांश पर हिंदी भाषा की क्विज:22.10.2021

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Question 1

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में किसकी स्थापना की गई ?

Question 2

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
भारतीय वन्य जीव बोर्ड पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ किसके प्रति जागरूकता पैदा करता है ?

Question 3

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
वन्य जीव अधिनियम 1972, ने किसको सुदृढ दर्जा प्रदान किया है ?

Question 4

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हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
उद्यानों और अभ्यारण्यों ने प्रजातियों के लिए क्या विकास किया, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है ?

Question 5

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हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
किसके विनाश एवं हत्या को रोकने के लिए इतने प्रयास किये हैं?

Question 6

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
सरकार के अतिरिक्त और कौन हैं जो पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है ?

Question 7

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हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
वन्य जीवन संरक्षण के कार्य में भागीदारी करने वाली सबसे पुरानी समिति कौन सी है और उसकी स्थापना कब हुई ?

Question 8

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
विरासत के संरक्षण के महत्व को निर्माताओं ने प्रत्येक नागरिक के लिए कौन से कर्तव्य को अनिवार्य बना दिया है ?

Question 9

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
विरासत के सम्मान के साथ-साथ किसमें सुधार करने के लिए प्रेरित किया है ?

Question 10

निर्देश: निम्नलिखित गधांश को सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये तथा प्रश्नों के उत्तर दीजिये l
हमारी प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 1952 में भारतीय वन्य जीव बोर्ड की स्थापना की गई l यह सरकार को वन्य जीवों के संरक्षण और बचाव के लिए साधनों के सम्बन्ध में तथा राष्ट्रीय उद्यान पक्षी विहार और चिड़ियाघर के निर्माण के सम्बन्ध में परामर्श देने के साथ-साथ वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करता है l वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम,1972, ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों और आरक्षित क्षेत्रों को मुदृढ दर्जा प्रदान किया है l इसके प्रावधानों के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में रास्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों की स्थापना की गई है l इन उद्यानों और अभ्यारण्यों ने विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक बास बचाए और बनाए है, जिनसे उनका बचाव और अस्तित्व सुनिश्चित हुआ है l विशेष पौधों और पशुओं को संकटापन्न सूची में डाल दिया गया है ताकि उनके विनाश एवं हत्या को रोका जा सके l साकार के अतिरिक्त अन्य कई समितिया और संस्थाएं हैं जो पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण के कार्य को सक्रियता से कर रही है l बम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति सबसे पुराणी है जिसकी स्थापना 1883 ई. में हुई थी l हमारी विरासत के संरक्षण के महत्त्व की अनुभव करते हुए संविधान निर्माताओं ने अनिवार्य बना दिया कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह हमारी सामाजिक संस्कृति की सम्रद्धि विरासत का सम्मान एवं संरक्षण करें तथा वनों, झीलों, नदियों, वन्य जीवों सहित पर्यावरण को बचाए और उसमे सुधार करें तथा प्राणियों के लिए करूँ भाव रखे l संविधान ने यह भी निर्धारित किया कि राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा कलात्मक या ऐतिहासिक स्थल तथा वस्तु को खराब, विरूपित, विनाश होने, बेचने अथवा निर्यात से बचाना राज्य का दायित्व होगा l
राष्ट्रीय महत्व के प्रत्येक स्मारक अथवा ऐतिहासिक स्थल तथा विनाश हटाने बेचने अथवा निर्यात से बचाना किसका दायित्व होगा ?
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Oct 23PO, Clerk, SO, Insurance