गद्यांश में रिक्त स्थान की पूर्ति पर हिंदी भाषा की क्विज:20.09.2021
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Question 1
भाग्य परिवर्तन के लिए (1) ही एकमात्र सहारा है। केवल इच्छाओं द्वारा वांछित फल की (2) असंभव है। यदि व्यक्ति दिन में सपने देखता रहे, समुद्र के किनारे (3) धरकर बैठा रहे तो कोर्इ लाभ न होगा। परिश्रमी व्यक्ति ही गोता लगाकर अतुल संपत्ति पा सकता है। परिश्रम ही (4) की कुंजी है। यह मनुष्य को स्वावलंबी व (5) बनती है।
गद्यांश में संकेतित रिक्त स्थान (1) के लिए उपयुक्त शब्द होगा-
Question 2
भाग्य परिवर्तन के लिए (1) ही एकमात्र सहारा है। केवल इच्छाओं द्वारा वांछित फल की (2) असंभव है। यदि व्यक्ति दिन में सपने देखता रहे, समुद्र के किनारे (3) धरकर बैठा रहे तो कोर्इ लाभ न होगा। परिश्रमी व्यक्ति ही गोता लगाकर अतुल संपत्ति पा सकता है। परिश्रम ही (4) की कुंजी है। यह मनुष्य को स्वावलंबी व (5) बनती है।
Question 3
भाग्य परिवर्तन के लिए (1) ही एकमात्र सहारा है। केवल इच्छाओं द्वारा वांछित फल की (2) असंभव है। यदि व्यक्ति दिन में सपने देखता रहे, समुद्र के किनारे (3) धरकर बैठा रहे तो कोर्इ लाभ न होगा। परिश्रमी व्यक्ति ही गोता लगाकर अतुल संपत्ति पा सकता है। परिश्रम ही (4) की कुंजी है। यह मनुष्य को स्वावलंबी व (5) बनती है।
Question 4
भाग्य परिवर्तन के लिए (1) ही एकमात्र सहारा है। केवल इच्छाओं द्वारा वांछित फल की (2) असंभव है। यदि व्यक्ति दिन में सपने देखता रहे, समुद्र के किनारे (3) धरकर बैठा रहे तो कोर्इ लाभ न होगा। परिश्रमी व्यक्ति ही गोता लगाकर अतुल संपत्ति पा सकता है। परिश्रम ही (4) की कुंजी है। यह मनुष्य को स्वावलंबी व (5) बनती है।
Question 5
भाग्य परिवर्तन के लिए (1) ही एकमात्र सहारा है। केवल इच्छाओं द्वारा वांछित फल की (2) असंभव है। यदि व्यक्ति दिन में सपने देखता रहे, समुद्र के किनारे (3) धरकर बैठा रहे तो कोर्इ लाभ न होगा। परिश्रमी व्यक्ति ही गोता लगाकर अतुल संपत्ति पा सकता है। परिश्रम ही (4) की कुंजी है। यह मनुष्य को स्वावलंबी व (5) बनती है।
Question 6
संसार में संपूर्ण अज्ञान नाम की वस्तु नहीं होती। अज्ञान अक्सर परिस्थितियों के (6) बदलता रहता है। इसकी कोई एक सर्वमान्य (7) नहीं हो सकती पर इतना तो तय है कि जिस समय यह व्यक्ति के (8) पर हावी होता है, उस समय उसे यही लगता है कि वह (9) का सबसे बड़ा ज्ञानी है और उसके पास हर एक वस्तु की मान्यता का (10) है।
गद्यांश में संकेतित रिक्त स्थान (76) के लिए उपयुक्त शब्द होगा
Question 7
संसार में संपूर्ण अज्ञान नाम की वस्तु नहीं होती। अज्ञान अक्सर परिस्थितियों के (6) बदलता रहता है। इसकी कोई एक सर्वमान्य (7) नहीं हो सकती पर इतना तो तय है कि जिस समय यह व्यक्ति के (8) पर हावी होता है, उस समय उसे यही लगता है कि वह (9) का सबसे बड़ा ज्ञानी है और उसके पास हर एक वस्तु की मान्यता का (10) है।
Question 8
संसार में संपूर्ण अज्ञान नाम की वस्तु नहीं होती। अज्ञान अक्सर परिस्थितियों के (6) बदलता रहता है। इसकी कोई एक सर्वमान्य (7) नहीं हो सकती पर इतना तो तय है कि जिस समय यह व्यक्ति के (8) पर हावी होता है, उस समय उसे यही लगता है कि वह (9) का सबसे बड़ा ज्ञानी है और उसके पास हर एक वस्तु की मान्यता का (10) है।
Question 9
संसार में संपूर्ण अज्ञान नाम की वस्तु नहीं होती। अज्ञान अक्सर परिस्थितियों के (6) बदलता रहता है। इसकी कोई एक सर्वमान्य (7) नहीं हो सकती पर इतना तो तय है कि जिस समय यह व्यक्ति के (8) पर हावी होता है, उस समय उसे यही लगता है कि वह (9) का सबसे बड़ा ज्ञानी है और उसके पास हर एक वस्तु की मान्यता का (10) है।
Question 10
संसार में संपूर्ण अज्ञान नाम की वस्तु नहीं होती। अज्ञान अक्सर परिस्थितियों के (6) बदलता रहता है। इसकी कोई एक सर्वमान्य (7) नहीं हो सकती पर इतना तो तय है कि जिस समय यह व्यक्ति के (8) पर हावी होता है, उस समय उसे यही लगता है कि वह (9) का सबसे बड़ा ज्ञानी है और उसके पास हर एक वस्तु की मान्यता का (10) है।
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