गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2022, Dynamic Ground Water Resources Assessment Report 2022 in Hindi
- गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 437.60 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है और वार्षिक भूजल निकासी 239.16 BCM है।
- गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट में इस वर्ष भारत में भूजल पुनर्भरण में वृद्धि के संकेत दिए गए हैं।
- भारत कुल वैश्विक निकासी के एक-चौथाई भाग के साथ भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्त्ता देश है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शहर अपनी जल आपूर्ति का लगभग 48% भूजल से पूरा करते हैं।
- गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट, 2022 के अनुसार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दादरा और नगर हवेली, दमन एवं दीव राज्यों में भूजल निष्कर्षण का स्तर 100% से भी अधिक है।
- गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़, लक्षद्वीप और पुद्दुचेरी में भूजल निष्कर्षण की स्थिति सामान्य हैं जो 60-100% के मध्य है।
- गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अन्य राज्यों में भूजल निकासी का स्तर गंभीर अवस्था में जहाँ भूजल निकासी का स्तर 60% से भी नीचे है।
- भारत सिंचाई के लिये मुख्य रूप से भूजल पर निर्भर है और यह भूजल की कुल वैश्विक मात्रा के एक बड़े हिस्से का उपयोग कर रहा है जिससे भविष्य में भूजल संकट की समस्या भारत में उत्पन्न हो सकती है।
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भूजल की कमी से होने वाली समस्याएँ | Problems Caused By Depletion of Ground Water
- अप्रबंधित भूजल उपयोग और बढ़ती आबादी के परिणामस्वरूप अनुमानित 3.1 बिलियन लोगों के लिये वर्ष 2050 तक मौसमी जल की कमी और लगभग 1 बिलियन लोगों के लिये सामान्य जल की कमी हो सकती है
गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2022 PDF
- इसके अलावा जल और खाद्य सुरक्षा संबंधी खतरे भी उत्पन्न हो सकते हैं तथा अच्छे बुनियादी ढाँचे के विकास के बावजूद शहरों में गरीबी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
गतिशील भूजल संसाधन - सरकार की योजनाएं | Gatisheel Bhujan Sansadhan Ke Liye Sarkar Ki Yojna
- अटल भूजल योजना (अटल जल): यह सामुदायिक भागीदारी के साथ भूजल संसाधनों के सतत् प्रबंधन के लिये विश्व बैंक की सहायता से 6000 करोड़ रुपए की केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- जल शक्ति अभियान (JSA): इन क्षेत्रों में भूजल की स्थिति सहित जल की उपलब्धता में सुधार हेतु देश के 256 जल संकटग्रस्त ज़िलों में वर्ष 2019 में इसे शुरू किया गया था।
इसमें पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण, पारंपरिक जल निकायों के कायाकल्प, गहन वनीकरण आदि पर विशेष ज़ोर दिया गया है। - जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम: CGWB द्वारा जलभृत मानचित्रण कार्यक्रम (Aquifer Mapping Programme) शुरू किया गया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के साथ जलभृत/क्षेत्र विशिष्ट भूजल प्रबंधन योजना तैयार करने हेतु जलभृत की स्थिति और उनके लक्षण व वर्णन को चित्रित करना है। - कायाकल्प और शहरी परिवर्तन हेतु अटल मिशन (AMRUT): मिशन अमृत शहरों में शहरी बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि जल की आपूर्ति, सीवरेज़ और सेप्टेज प्रबंधन, बेहतर जल निकासी, पर्यावरणीय अनुकूल स्थान और पार्क व गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन आदि।
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