दूरी और दिशा की आधारभूत जानकारियॉ
इस लेख में हम आपको दूरी और दिशा की आधारभूत जानकारियॉ प्रदान कर रहे है। जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि इस भाग से संबंधित प्रश्नों में हमें दूरी और दिशा ज्ञात करनी है लेकिन इन प्रश्नो को हल करते समय हमे दो चीजो की अच्छी जानकारी होनी चाहिये-
- सामान्य दिशायें
- पाइथागोरस प्रमेय
1. सामान्य दिशायें- दूरी और दिशा के प्रश्नों को हल करते समय हमें यह ज्ञात होना चाहिये कि 8 दिशाये होती है।
यह चीज हमको हमेशा अपने दिमाग में रखनी चाहिये कि यदि व्यक्ति की दिशा नहीं दी गयी है तो हमेशा उस व्यक्ति की दिशा उत्तर दिशा माननी चाहिये।
2. पाइथागोरस प्रमेय- इस प्रमेय के अनुसार," एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग, लम्ब और आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है।" माना कि एक त्रिभुज है जिसका आधार P, ऊॅचाई q और कर्ण r है, अत: इस प्रमेय के अनुसार-
p2+q2=r2
अब आपके पास दूरी और दिशा के प्रश्नों को हल करने हेतु आधारभूत जानकारियॉ है। अत: नीचे दिये गये कुछ प्रश्नों को देखिये जिससे आप इन प्रश्नो को हल करने की सटीक विधि जान सके।
कुछ अन्य तथ्य
1. B,A के पूर्व में है।
2. B,A के पश्चिम में है।
3. B,A के उत्तर मे है।
4. B,A के दक्षिण में है।
5. B,A के उत्तर पूर्व में है।
6. B,A के उत्तर पश्चिम में है।
7. B,A के दक्षिण पूर्व में है।
8. B,A के दक्षिण पश्चिम में है।
निर्देश: अशोक दक्षिण की ओर चलना प्रारंभ करता है। 50 मीटर चलने बाद वह दायें मुड़ता है और 30 मीटर चलता है, फिर वह दाहिने मुड़ता है और 100 मीटर चलता है, फिर वह बाँये मुड़ता है और 30 मीटर चलता है और रूक जाता है। वह अपने प्रारंभिक बिंदु से कितनी दूर और किस दिशा में है?
हल- अशोक दक्षिण दिशा की तरफ चलना प्रारंभ करता है।
50 मीटर चलने के बाद....
...... वह दाहिने मुड़ता है.....
कुछ लोग दिशा के प्रश्नों में दाहिना और बाँया निर्धारित करने में भ्रमित हो जाते है। वे दाहिनी दिशा को दक्षिणावर्त और बाँयी दिशा को वामावर्त से निर्धारित कर लें। अत: तीर का मुख के द्वारा दाहिना(दक्षिणावर्त) दर्शाया गया है।
........और वह 30 मीटर और चलता है।
वह दाहिने मुड़ता है.....
.... और 100 मीटर चलता है।
फिर वह बाँये मुड़ता है......
और वह 30 मीटर चलता है..............
अब यह ज्ञात करने के लिये कि उसने कितनी दूरी तय की है, हम दो चीजों को देखते है-
- क्षैतिज विस्थापन
- ऊर्ध्वाधर विस्थापन
क्षैतिज विस्थापन- 30+30 = 60 मीटर
ऊर्ध्वाधर विस्थापन- 100-50 =50 मीटर
परिणामी विस्थापन- √(602+502) = √(3600+2500) = √6100 = 10√61 मीटर
अब प्रारंभिक बिंदु के सापेक्ष हमें दिशा पता लगानी है।दो बिंदुओं को जोड़ती हुई एक रेखा खीचेंगें जो हमें दिशा बतायेगी।
हम साफ देख सकते है कि अशोक उत्तर-पश्चिम दिशा में है।अत: इस प्रश्न का उत्तर है कि "अशोक उत्तर-पश्चिम दिशा में 10√61 मीटर चला।"
निर्देश: जय बिंदु X से अपनी वैन स्टार्ट करता है और पश्चिम दिशा में 10 कि0मी0 की दूरी तय करता है, फिर वह उत्तर दिशा की ओर मुड़ता है और 7 कि0मी0 की दूरी तय करता है , फिर वह दाहिने मुड़ता है और 25 कि0मी0 की दूरी तय करता है, फिर वह बाँये मुड़ता है और 6 कि0मी0 की दूरी तय करता है, एक बार फिर वह बाँये मुड़ता है और 15कि0मी0 की दूरी तय करता है और बिंदु Z पर रूक जाता है।
हल- जय बिंदु X से अपनी वैन स्टार्ट करता है और पश्चिम दिशा में 10 कि0मी0 की दूरी तय करता है।
फिर वह उत्तर दिशा की ओर मुड़ता है
और 7 कि0मी0 की दूरी तय करता है...
फिर वह दाहिने मुड़ता है..........
और 25 कि0मी0 की दूरी तय करता है........
फिर वह बाँये मुड़ने के बाद 6 कि0मी0 की दूरी तय करता है.....
एक बार फिर वह बाँये मुड़ता है......
और 15 कि0मी0 चलता है और बिंदु Z पर रूक जाता है।
प्रश्न– बिंदु Z पर रूकने से पहले वैन किस दिशा में जा रही थी?
- उत्तर
- पूर्व
- पश्चिम
- दक्षिण
हल- हम स्पष्टता देख सकते है कि बिंदु Z पर रूकने से पहले वैन पश्चिम दिशा की ओर जा रही थी।
इसलिये सही उत्तर C है।
प्रश्न– जय बिंदु X से कितनी दूर स्थित है?
- 23 कि0मी0
- 25 कि0मी0
- 17 कि0मी0
- 50 कि0मी0
- इनमें से कोई नहीं
हल- क्षैतिज विस्थापन - 10-25+15 = 0 कि0मी0
ऊर्ध्वाधर विस्थापन - 7+6 = 13 कि0मी0
अत: परिणामी विस्थापन- √(02+132) = √169 = 13 कि0मी0
विस्थापन की दिशा उत्तर है।
प्रश्न : बिन्दु B बिन्दु A के पूर्व में 40√2 मी दूर है। बिन्दू C बिन्दु B की 225डिग्री वामावर्त उत्तर दिशा में 50 मी दूरी पर है। बिन्दु D बिन्दु C के उत्तर पूर्व में 30 मी दूर है। राहुल ने बिन्दु A से चलना प्रारम्भ किया, बिन्दु A के पूर्व में चलकर बिन्दु B को पार करके वह बिन्दु E पर पहुंचा। वह दांयीं ओर मुड़ा और कुछ दूर चलने के बाद वह बिन्दु D पर पहुंचा। उसके द्वारा तय की गयी दूरी ज्ञात कीजिये?
आइए पहले कुछ लाइनें बनाएं और बिंदु लें, एफ और जी जैसे कि लाइन सीएफ बीई के लिए लंबवत है और लाइन डीजी लाइन सीडी का विस्तार है, जो जी पर मिलती है जब बीई लाइन को बिंदु ई की पूर्व दिशा में बढ़ाया जाता है।
आवश्यक लंबाई है AB + BE + ED, हम जानते है किAB 40m है . हमें BE और ED खोजना है |
BE और ED के लिए :-
त्रिभुज BCG में, Angle C 90 degree है , angle B और G 45 degrees है , और CG की पूर्ण लम्बाई 50m है |
BG ² = BC2 + CG2 (PT theorem)
BG2 = 502 + 502 = 2*502
BG = 50 √2
DG की लम्बाई CG – CD = 50 – 30 = 20m.
त्रिभुज DEG में
DE/DG = Sin45
DE/20 = 1/ √2, DE = 20/ √2 = 10√2
EG/DG = Cos45
EG/20 = 1/√2, EG = 20/√2 = 10√2
BE की लम्बाई = BG – EG = 50√2 - 10√2 = 40√2
उसके द्वारा कवर कुल दूरी = AB + BE + ED = 40 √2 + 40 √2 + 10 √2 = 90 √2
दिशा निर्धारण की छाया आधारित अवधारणाएं
सुबह में (सूर्योदय के दौरान) -
पूर्व दिशा में सूर्य उगता है। सूर्योदय / सुबह के समय, यदि कोई मनुष्य खड़ा होता है, तो मनुष्य की छाया हमेशा पश्चिम पर पड़ती है।
शाम को (सूर्यास्त के दौरान)
पश्चिम दिशा में सूर्य उगता है। सूर्यास्त / शाम के समय, यदि कोई मनुष्य खड़ा होता है, तो मनुष्य की छाया हमेशा पूर्व में पड़ती है |
12 बजे
इस समय कोई छाया नहीं होती है । इस समय, सूर्य हमारे सिर से बिल्कुल ठीक ऊपर होता है, इसलिए 12'o बजे दोपहर के समय कोई छाया नहीं बनती है |
दिशा और निर्देश से संबंधित कुछ विशेष बिंदु
- हमेशा सामान्य दिशायें याद रखें।
- पाइथागोरस प्रमेंय का प्रयोग केवल समकोण त्रिभुज में होगा।
- हमेंशा प्रश्नों को उत्तरोत्तर ढंग से हल करे।
- दिशा और दूरी का पता लगाने के लिये अंत में प्रारंभिक और अंतिम बिंदु को मिलाते हुए एक रेखा खीचें।
- यदि किसी भी प्रश्न में संबंधित दिशायें दी हों जैसे- P,Q के उत्तर में है, तो आप P और Q की दिशा का पता लगाने के लिये सामान्य दिशाओं का प्रयोग कर सकतें है।
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