नवरोज पारसी लोगों का नववर्ष माना जाता है। नवरोज का अर्थ ईरानी कैलेंडर के पहले महीने का पहला दिन होता है। नवरोज मनाने की परंपरा करीब 3000 साल पहले शुरू हुई थी। पारसी समुदाय के नववर्ष को पतेती, जमशेदी नवरोज और नवरोज जैसे कई नामों से पहचाना जाना जाता है। भारत में नवरोज उत्सव की शुरुआत बलबन की थी।
पारसी धर्म या 'जरथुस्त्र धर्म' विश्व के अत्यंत प्राचीन धर्मों में से एक है।
जिसकी स्थापना आर्यों की ईरानी शाखा के एक प्रोफेट जरथुष्ट्र ने की थी।
इसके धर्मावलंबियों को पारसी या जोराबियन कहा जाता है।
यह धर्म एकेश्वरवादी धर्म है।
इनके ईश्वर को 'आहुरा माज्दा' कहते हैं।
Summary:
भारत में नवरोज उत्सव की शुरुआत किसने की थी?
भारत में नवरोज उत्सव की शुरुआत बलबन की थी। नवरोज पारसी समुदाय का प्रमुख त्यौहार है। नवरोज के साथ ईरानी कैलेंडर और पारसी समुदाय के नए साल की शुरुआत होती है। भारत में पारसी समुदाय भी नवरोज को नए साल की शुरुआत के रूप में मनाते हैं।
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