प्रथम गवर्नर जनरल के महत्वपूर्ण तथ्य
ब्रिटेन एक छोटा सा द्वीपीय देश था परन्तु इसके बावजूद उसने सम्पूर्ण दुनिया में अपने आप को सबसे साम्राज्य के रूप में स्थापित कर लिया था। उसे संसार की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति कहा लगा। भारत में करीब 300 वर्षों ब्रिटिश शासन काल रहा। भारत में उसने ब्रिटिश गवर्नर-जनरल और वायसराय के माध्यम से नियंत्रण स्थापित किया। भारत के पहले गवर्नर-जनरल विलियम बैंटिक (William Bentinck) थे।
उन्हें भारत में महत्वपूर्ण सामाजिक और शैक्षिक सुधारों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें सती प्रथा का उन्मूलन, वाराणसी के घाटों पर महिलाओं के दाह संस्कार पर रोक, और कन्या भ्रूण हत्या और मानव बलि का दमन शामिल है। बेंटिंक प्रधान मंत्री विलियम बेंटिक, पोर्टलैंड के तीसरे ड्यूक और बकिंघमशायर की लेडी डोरोथी के दूसरे बेटे थे।
भारत के अन्य प्रथम पदाधिकारी
तत्कालीन भारत के अन्य मुख्य पदाधिकारी निम्न हैं
- बंगाल का गवर्नर-जनरल (1773-1833)- सर्वप्रथम जब ब्रिटिश भारत में आए तो बंगाल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। इसके लिए उन्होंने ‘बंगाल के गवर्नर’ (Governor of Bengal) के रूप में ‘रॉबर्ट क्लाइव’ (Robert Clive) को नियुक्त किया।
- भारत का गवर्नर-जनरल (1833-58)- भारत के पहले गवर्नर-जनरल विलियम बैंटिक (William Bentinck) थे।
- वायसराय (1858-1947) - लॉर्ड कैनिंग (Lord Canning) को ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के पहले वायसराय के रूप में चुना था।
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