अनुच्छेद 311 (Article 311 in Hindi) - संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना

By Trupti Thool|Updated : April 18th, 2023

अनुच्छेद 311 (Article 311) नागरिक क्षमताओं में भारत सरकार के अधीन कार्यरत व्यक्ति को पद से हटाने या पद घटाने के बारे में वर्णन करता है। यह सिविल सेवकों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। यह उन्हें उनके खिलाफ दायर आरोपों का जवाब देने का मौका देता है।

अनुच्छेद 311 (Article 311 in Hindi)

संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत निम्न प्रावधान हैं -

अनुच्छेद 311 (1)

इस अनुच्छेद में कहा गया है कि एक व्यक्ति जो भारत सरकार (संघ या राज्य) की सिविल सेवा का सदस्य है उसे केवल उस प्राधिकारी द्वारा हटाया जाएगा जिसने उसे नियुक्त किया है।

अनुच्छेद 311 (2)

उस व्यक्ति को उसके खिलाफ दर्ज आरोपों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। उसे अपने तर्क के पक्ष को स्पष्ट करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

अनुच्छेद 311 (2) के तहत जांच की आवश्यकता कब नहीं होती?

यह कब लागू नहीं होता :

  • अनुच्छेद 311 (2) (ए): आरोप आपराधिक आरोपों (criminal charges) के तहत है।
  • अनुच्छेद 311 (2) (बी): यदि प्राधिकरण ने उसे पद से हटाने का अधिकार दिया है या उसे हटाने के लिए संतुष्ट है।
  • अनुच्छेद 311 (2) (सी): यदि राष्ट्रपति या राज्यपाल को लगता है कि राज्य की सुरक्षा के हित में जांच करना व्यावहारिक या सुविधाजनक नहीं है।

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