अनुच्छेद 300 (Article 300 in Hindi) - वाद और कार्यवाहियाँ

By Brajendra|Updated : September 14th, 2022

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 300 वाद और कार्यवाहियाँ से सम्बंधित है। भारत सरकार भारत संघ के नाम से मुकदमा कर सकती है और एक राज्य की सरकार राज्य के नाम से मुकदमा कर सकती है। और संसद के अधिनियम द्वारा किए जा सकने वाले किसी भी प्रावधान के अधीन हो सकती है।

अनुच्छेद 300: वाद और कार्यवाहियाँ (Suits and Proceedings)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300 के अनुसार-

(1) भारत सरकार भारत संघ के नाम से वाद ला सकेगी या उस पर वाद लाया जा सकेगा और किसी राज्य की सरकार उस राज्य के नाम से वाद ला सकेगी या उस पर वाद लाया जा सकेगा और ऐसे उपबंधों के अधीन रहते हुए, जो इस संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के आधार पर अधिनियमित संसद के या ऐसे राज्य के विधान-मंडल के अधिनियम द्वारा किए जाएँ, वे अपने-अपने कार्यकलाप के संबंध में उसी प्रकार वाद ला सकेंगे या उन पर उसी प्रकार वाद लाया जा सकेगा जिस प्रकार, यदि यह संविधान अधिनियमित नहीं किया गया होता तो, भारत डोमिनियन और तत्स्थानी प्रांत या तत्स्थानी देशी राज्य वाद ला सकते थे या उन पर वाद लाया जा सकता था।
(2) यदि इस संविधान के प्रारंभ पर--
(क) कोई ऐसी विधिक कार्यवाहियाँ लंबित हैं जिनमें भारत डोमिनियन एक पक्षकार है तो उन कार्यवाहियों में उस डोमिनियन के स्थान पर भारत संघ प्रतिस्थापित किया गया समझा जाएगा; और
(ख) कोई ऐसी विधिक कार्यवाहियाँ लंबित हैं जिनमें कोई प्रांत या कोई देशी राज्य एक पक्षकार है तो उन कार्यवाहियों में उस प्रांत या देशी राज्य के स्थान पर तत्स्थानी राज्य प्रतिस्थापित किया गया समझा जाएगा।

भारतीय संविधान के अन्य अनुच्छेद

Article 111 in Hindi

Article 22 in Hindi

Article 226 in Hindi 

Article 32 in Hindi

Article 19 in Hindi

Article 143 in Hindi

 

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