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अनुच्छेद 16, Article 16 in Hindi – लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
By BYJU'S Exam Prep
Updated on: September 25th, 2023
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 (Article 16) सभी वर्गों को लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता प्रदान करने का प्रावधान करता है। ताकि हर वर्ग के नागरिकों को सरकारी नौकरियों में समान अवसर प्राप्त हो सकें।
Table of content
अनुच्छेद 16: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता (Equality of Opportunity in Matters of Public Employment)
16(1): राज्य के अधीन किसी पद नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
16(2): राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्म स्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा ।
16(3): इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नही करेगी जो किसी राज्य या संध राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के सबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है। [7वां संविधान संशोधन, 01-11-1956]
16(4): इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिको के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदो के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
16(4)(क): इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओ में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओ में किसी वर्ग या वर्गों के पदो पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलो में आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी ।[77वां संविधान संशोधन, और 85वां संविधान संशोधन (2001) , 17-06-1995]
16(4)(ख): इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को, जो खंड (4) या खंड (4क) के अधीन किए गए आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित हैं, किसी उत्तरवर्ती वर्ष या वर्षों में भरे जाने के लिए पृथक् वर्ग की रिक्तियों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग की रिक्तियों पर उस वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं, उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के संबंध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा ।[81वां संविधान संशोधन 09-06-2000]
16(5): इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी जो यह उपबंध करती है कि किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के कार्यकलाप से संबंधित कोई पदधारी या उसके शासी निकाय का कोई सदस्य किसी विशिष्ट धर्म का मानने वाला या विशिष्ट संप्रदाय का ही हो।
16(6): इस अनुच्छेद की कोई बात, राज्य को विद्यमान आरक्षण के अतिरिक्त तथा प्रत्येक प्रवर्ग में पदों के अधिकतम दस प्रतिशत के अध्यधीन, खंड (4) में उल्लिखित वर्गों से भिन्न नागरिकों के आर्थिक रूप से दुर्बल किन्हीं वर्गों के पक्ष में नियुक्तियों और पदों के आरक्षण के लिए कोई भी उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी। [103वां संविधान संशोधन, 14-01-2019]
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