महत्वपूर्ण क्षेत्रमिति (2 डी) सूत्र

By Neha Joshi|Updated : November 12th, 2020

In this article, we will be covering a very important topic from Geometry that is – Important Mensuration (2D) Formulas. This article will hold importance for all the candidates who are preparing for CTET, UPTET, TREET, MPTET or any other TET exam. The notes are prepared by experts who have deep insight into the examination syllabus and pattern, let's get started.

प्रिय पाठकों

प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत पूछे जाने वाले एडवांस मैथ्‍स के प्रश्‍नों को हल करने के लिए आपको चतुर्भुज और वृत्‍त के विभिन्‍न सूत्रों की समझ होना बहुत आवश्‍यक है। यहाँ हम आपको क्षेत्रफलत्रमिती के प्रश्‍नों को हल करने के लिए सूत्र और शार्टकट उपलब्‍ध करा रहे हैं।

                         चतुर्भुज और वृत्‍त के महत्वपूर्ण सूत्र

आयत:

एक चार विमीय आकृति जो दो समान्‍तर भुजाओं और चार समकोण से निर्मित होती है। विशेष रूप से, वह आकृति जिसमें एक जोड़ी रेखाएं दूसरी जोड़ी रेखाओं से बड़ी होती है।

 image001

आयत के विकर्ण एक दूसरे को बराबर भागों में बाँटते हैं और बराबर होते हैं।

आयत का क्षेत्रफलत्रफल ꞊  लम्‍बाई × चौड़ार्इ  ꞊ l × b

अथवा आयत का क्षेत्रफल ꞊ image002, यदि एक भुजा  ( l ) और विकर्ण ( d ) दिये  हों।

अथवा आयत का क्षेत्रफल ꞊ image003, यदि परिधि ( P ) और विकर्ण ( d ) दिये हों।

आयत की  परिमाप ( P ) ꞊ 2(लम्‍बाई + चौड़ार्इ  ) ꞊ 2( l + b )

अथवा आयत की  परिधि ꞊ image004 यदि एक भुजा  ( l ) और विकर्ण ( d ) दिये  हो

वर्ग :

चार सीधी भुजाओं से घिरी वह चतुर्भुजीय आकृति जिसमें चारों भुजाएं आपस में बराबर व समकोण पर स्थित होती हैं, वर्ग कहलाती है।  

 image005

वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और एक दूसरे को 900 पर काटते हैं

वर्ग का क्षेत्रफल (a):-

image006

 

वर्ग की परिधि = 4a; जो कि 4×भुजा  

image007

वर्ग के विकर्ण की लंबाई d हो तो 

image008

वृत्‍त :

image009

वृत्‍त, एक निश्चित बिन्‍दु किसी दूरी पर स्थित बिन्‍दु द्वारा चला गया पथ है कि उसकी निश्चित बिन्‍दु से दूरी सदैव नियत रहे।

निश्चित बिन्‍दु केन्‍द्र और निश्चित दूरी त्रिज्‍या कहलाती है।

(a)  वृत्‍त की परिधि = 2πr जहाँ r वृत्‍त की त्रिज्‍या है

(b) वृत्‍त का क्षेत्रफल = πr2 जहॉं r त्रिज्‍या है   ------>image013, जहॉं c परिधि है  ------> 1/2 (परिधि x त्रिज्या)

(c) वृत्‍त की त्रिज्‍या = (परिधि/2π)

 

वृत्‍तखण्‍ड:

वृत्‍तखण्‍ड दो त्रिज्‍याओं और उनके मध्‍य चाप द्वारा घिरी हुई आकृति है।

image003

यहाँ AOB एक वृत्‍तखण्‍ड है

चाप AB की लम्‍बाई = 2πrΘ/360°

वृत्‍तखण्‍ड ACBO का क्षेत्रफलत्रफल = ACBO=1/2[चाप AB×त्रिज्या]=πr×r×Θ/360°

रिंग या वृत्‍ताकार पथ:

R= बाहरी त्रिज्‍या

r= आंतरिक त्रिज्‍या

image005

क्षेत्रफल = π(R2-r2)

परिधि =2π (R+r)

समचतुर्भुज :

समचतुर्भुज एक चतुर्भुज होता है जिसकी चारों भुजायें बराबर होती हैं।

 image017

चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को  पर काटते हैं

समचतुर्भुज का क्षेत्रफल(A) =आधार × उँचाई = a × h

= image019विकर्णों का गुणनफल    -----> image020

जबकि d22  image021

image022

 समचतुर्भुज की परिमाप (P)

=4a, 4× भुजा

image023

 जहाँ d1और d2 विकर्ण हैं

समचतुर्भुज की भुजा(a)

 image024

समान्‍तर चतुर्भुज :

एक चतुर्भुज जिसकी आमने सामने की भुजा बराबर और समान्‍तर हो समान्‍तर चतुर्भुज कहलाता है। समान्‍तर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को बराबर भागों में बॉंटते हैं

समान्‍तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × लम्‍बवत उँचाई = b × h

Area of a parallelogram

समान्‍तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = image026

जहाँ a और b संलग्‍न भुजायें हैं, d विकर्ण की लम्‍बाई है  =image027

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समान्‍तर चतुर्भुज में विकर्णो के वर्गों का योगफल = 2(दो संलग्‍न भुजाओं के वर्गों का योगफल ) जो कि

image029

समान्‍तर चतुर्भुज की परिमाप (P) = 2(a+b)

जहाँ a और b समान्‍तर चतुर्भुज की संलग्‍न भुजायें हैं।

समलम्‍ब चतुर्भुज :

समलम्‍ब एक 2 विमीय चार भुजाओं वाली ज्‍यामिति आकृति हैं जिसकी दो भुजायें समान्‍तर होती है। समान्‍तर भुजायें आधार कहलाती हैं, जबकि अन्‍य भुजायें किनारा कहलाती है। ट्रैपेजायड शब्‍द की उत्‍पत्ति ‘ट्रैपेजियम शब्‍द से हुई है जो अंग्रेजी भाषा में 1500 ई0 से प्रयोग में है और जिसका लैटिन अर्थ छोटी मेज’ होता है

image030

समलम्‍ब का क्षेत्रफल = 1/2 (समान्‍तर भुजाओं का योग × समान्‍तर भुजाओं के बीच की लम्‍बवत दूरी)

image031

image032      

जहॉं l = b – a यदि b > a  l = a – b यदि a > b और   -----> image033

समलम्‍ब की ऊँचाई(h) -----> image034

 

आयत के बीच में बना रास्‍ता :

image006

रास्‍ते की चौड़ाई X है

रास्‍ते का क्षेत्रफल = (l+b-x)x

परिमाप = 2(l+b-2x)

बाहरी रास्‍ता:

image007

क्षेत्रफल = (l+b+2x)2x

परिमाप = 4(l+b+2x)

भीतरी रास्‍ता

क्षेत्रफल =  (l+b-2x)2x  

परिमाप = 4(l+b-2x)

 कुछ उपयोगी शार्ट ट्रिक

  • यदि 2 विमीय चित्र को परिभाषित करने में X% का परिवर्तन होता है तब उसकी परिधि में भी X% का परिवर्तन होगा।
  • यदि किसी चतुर्भुज की सभी भुजाओं में X% का परिवर्तन होता है तब उसके विकर्ण में भी X% का परिवर्तन होगा।
  • r त्रिज्‍या वाले किसी अर्ध वृत्‍त में बने बड़े से बड़े त्रिभुज का क्षेत्रफल = r2.
  • r त्रिज्‍या वाले किसी वृत्‍ताकार पहिये द्वारा d दूरी तय करने में लगाये गये 

         चक्‍करों की संख्‍या = d/2πr

  • यदि आयत की लम्‍बाई और चौड़ाई में क्रमश: x% और y% की वृद्धि होती है तो आयत का क्षेत्रफल

         (x+y+xy/100)% बढ़ेगी

  • यदि आयत की लम्‍बाई और चौड़ाई में क्रमश: x% और y% की कमी होती है तो आयत का क्षेत्रफल

        (x+y-xy/100)% कम होगा

  • यदि आयत की लम्‍बाई x% बढ़ती है तो क्षेत्रफल बराबर करने के लिए चौड़ाई (100x/100+x)% कम करनी होगी
  • यदि 2 विमीय आकृति की प्रत्‍येक विमायें अथवा भुजाओं में x% का परिवर्तन होता है तो उसके क्षेत्रफल में x(2+x/100)% का परिवर्तन होगा

यहा बढ़ने पर X धनात्‍मक और कमी पर X ऋणात्‍मक होगा।

धन्यवाद

BYJU'S Exam Prep Team

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