दैनिक समाचार विश्लेषण- 29- जून 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : June 29th, 2022

समाचार पत्र विश्लेषण में यूपीएससी/आईएएस परीक्षा के दृष्टिकोण से 'द हिंदू' के सभी महत्वपूर्ण लेख और संपादकीय को शामिल किया जाता हैं।

Table of Content

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

 

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

हॉर्न ऑफ अफ्रीका में चीन का हस्तक्षेप:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव। 

प्रारंभिक परीक्षा : हॉर्न ऑफ अफ्रीका (Horn of Africa)

मुख्य परीक्षा : हॉर्न ऑफ अफ्रीका में चीन के हितों, उसकी परियोजनाओं और इस क्षेत्र में उसकी बढ़ती उपस्थिति का महत्व  ।

संदर्भ:

  • चीन और हॉर्न ऑफ अफ्रीका का पहला शांति, शासन और विकास का सम्मेलन इथियोपिया के अदीस अबाबा में आयोजित किया गया था।

हॉर्न ऑफ अफ्रीका (Horn of Africa):

  • अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र जिसमें सूडान, इरिट्रिया, इथियोपिया, जिबूती और सोमालिया जैसे देश शामिल हैं, को हॉर्न ऑफ अफ्रीका के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये देश सोमाली प्रायद्वीप के ऊपर एक सींग जैसे भूभाग पर स्थित हैं।
  • कुछ स्रोतों में हॉर्न ऑफ अफ्रीका की परिभाषा में केन्या, सूडान, दक्षिण सूडान और युगांडा के हिस्से या सभी शामिल हैं। 
  • यह क्षेत्र लाल सागर, अदन की खाड़ी और हिंद महासागर से घिरा हुआ है।
  • हॉर्न ऑफ अफ्रीका के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Horn of Africa 

byjusexamprepImage Source: ResearchGate

  • चीन के हित मुख्य रूप से चार क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, जैसे कि ढांचागत परियोजनाएं, वित्तीय सहायता, प्राकृतिक संसाधन और समुद्री हित।

ढांचागत परियोजनाएं (Infrastructural projects):

  • चीन ने इथियोपिया के अदीस अबाबा स्थित अफ्रीकी संघ मुख्यालय को $200 मिलियन की वित्तीय सहायता दी हैं।
  • चीन ने रेल क्षेत्र में कई तरह के निवेश किए हैं जैसे अदीस-जिबूती रेलवे लाइन का निर्माण जो लाल सागर में बंदरगाहों के साथ भूआबद्ध स्थल इथियोपिया को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
  • चीन ने केन्या में मोम्बासा-नैरोबी रेल लिंक का निर्माण और सूडान में भी रेलवे परियोजनाओं को सहायता दे रहा है।
  • इसके अलावा, इसने सोमालिया में अस्पतालों, सड़कों, स्कूलों और स्टेडियमों सहित कई ढांचागत परियोजनाओं का निर्माण किया है।
  • जिबूती में, 14 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को चीन द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
  • चीन का दावा है कि इथियोपिया में उसका एक सैन्य हार्डवेयर बाजार भी है।

वित्तीय सहायता (Financial assistance):

  • वित्तीय सहायता के मामले में, इथियोपिया अफ्रीकी देशों के बीच चीनी निवेश के शीर्ष प्राप्तकर्ताओं में से एक है और उस पर चीन का लगभग 14 बिलियन डॉलर बकाया है।
  • केन्या के द्विपक्षीय कर्ज में चीन की हिस्सेदारी करीब 67 फीसदी है।
  • वर्ष 2022 में, चीन ने इरिट्रिया को 15.7 मिलियन डॉलर का सहायता पैकेज देने का वादा किया हैं।

प्राकृतिक संसाधन (Natural resources) :

  • चीन के प्रमुख हितों में इस क्षेत्र में तेल और कोयले की प्रचुर मात्रा का दोहन शामिल है।
  • चीन ने मोम्बासा के तेल टर्मिनल (केन्या) में $400 मिलियन से अधिक का निवेश किया है।
  • चीन ने इथियोपिया में सोने, लौह अयस्क, कीमती पत्थरों, रसायनों, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे अन्य खनिजों में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
  • चीन दक्षिण सूडान में निवेश कर रहा है जो 1995 से पेट्रोलियम उत्पादों का एक समृद्ध स्रोत है।

समुद्री हित (Maritime interests):

  • अपनी मुख्य भूमि के बाहर चीन का पहला और एकमात्र सैन्य अड्डा जिबूती में है।
  • चीन ने इरिट्रिया के तट को विकसित करने की इच्छा भी दिखाई है।
  • अमेरिका का अनुमान है कि चीन केन्या और तंजानिया में सैन्य ठिकानों का निर्माण करके इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाना चाहता है।

हॉर्न ऑफ अफ्रीका में चीन की हालिया परियोजनाएं:

  • जनवरी 2022 में,चीन के विदेश मंत्री ने अफ्रीकी देशों में ढांचागत निवेश बढ़ाने पर चीन के फोकस को दोहराया और चीन की कर्ज-जाल कूटनीति के आरोपों को खारिज कर दिया।

चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि अफ्रीका में चीन के उद्देश्यों में निम्न शामिल हैं:

महामारी पर नियंत्रण :

  • चीन-अफ्रीका सहयोग मंच (FOCAC) के परिणामों को लागू करना।
  • साझा हितों को कायम रखना और आधिपत्य वाली राजनीति से लड़ना।

चीन-अफ्रीका सहयोग मंच (Forum on China-Africa Cooperation (FOCAC)):

  • FOCAC का गठन वर्ष 2000 में किया गया था।
  • चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के गठन का उद्देश्य समान परामर्श, समझ बढ़ाना, आम सहमति का विस्तार करना, मित्रता को मजबूत करना और सहयोग को बढ़ावा देना हैं।
  • FOCAC हॉर्न के ढांचागत और सामाजिक विकास में चीन की भूमिका को बढ़ावा देता है।
  • अब तक चार FOCAC शिखर सम्मेलन हो चुके हैं और नवीनतम सम्मेलन2021 में डाकार, सेनेगल में आयोजित किया गया था।
  • डाकार, अफ्रीका महाद्वीप के राष्ट्र सेनेगल की राजधानी तथा प्रमुख बंदरगाह है।
  • आज तक हुए इन चार सम्मेलनों में डाकार एक्शन प्लान, चीन-अफ्रीका सहयोग विजन 2035, जलवायु परिवर्तन पर चीन-अफ्रीकी घोषणा और FOCAC के आठवें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की घोषणा शामिल हैं।
  • COVID-19 महामारी के समय, चीन ने इथियोपिया और युगांडा को लगभग 3,00,000 और केन्या और सोमालिया को 2,00,000 टीके दान किए थे।
  • चीन की वैक्सीन डिप्लोमेसी से भी सूडान और इरिट्रिया को मदद मिली है।
  • चीन ने स्वास्थ्य क्षेत्र को बदलने, गरीबी को कम करने, व्यापार और निवेश बढ़ाने और डिजिटल नवाचार को बढ़ाने के उद्देश्य से "चीन-अफ्रीका सहयोग विजन 2035" भी शुरू किया है।
  • यह दृष्टिकोण हरित विकास, क्षमता निर्माण, लोगों से लोगों के आदान-प्रदान में सुधार और महाद्वीप में शांति और सुरक्षा तथा आवाजही को सुगम बनाने पर भी केंद्रित है।

हॉर्न ऑफ अफ्रीका के देशों द्वारा चीनी उपस्थिति पर प्रतिक्रिया:

  • चीन की परियोजनाओं से घिरे होने की चिंता के बावजूद, अफ्रीका की सरकारों ने चीन के साथ बातचीत करने में काफी हद तक दिलचस्पी दिखाई है।
  • इथियोपिया में टाइग्रे संघर्ष के दौरान, इथियोपियाई प्रशासन ने इथियोपिया की संप्रभुता का सम्मान करने के लिए चीन की सराहना की हैं।
  • इसके अलावा, केन्या ने देश में चीनी परियोजनाओं का समर्थन किया है और माना है कि चीन-अफ्रीका साझेदारी पारस्परिक रूप से लाभप्रद है।
  • युगांडा ने यह भी कहा है कि चीन अमेरिका या यूरोप की तरह अपने बाजारों तक पहुंच प्रदान करता है।
  • पूर्वी अफ्रीकी समुदाय (EAC-East African Community) के महासचिव ने यह भी कहा कि ईएसी लोगों की समृद्धि के लिए पूर्वी अफ्रीका में काम करने के लिए चीनी निवेशकों का स्वागत करेगा।

अफ्रीका के हॉर्न में चीन के हस्तक्षेप का महत्व:

  • अफ्रीका के लिए,चीनी निवेश एक स्थिर वातावरण तैयार कर आगे की राह सुगम बनाता है, जो उसके शांति और विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  • इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के संघर्ष के लिए चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है,क्योंकि इस क्षेत्र में कई चीनी नागरिक काम कर रहे हैं साथ ही यह क्षेत्र व्यापार और राजस्व के मामले में भी चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • अफ्रीका में शांति की ओर चीन का कदम उसके "गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांत" में बदलाव का संकेत देता है।
  • साथ ही,हाल के घटनाक्रम से पता चलता है कि चीन अफ्रीका में बहुआयामी विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। 
    • इस क्षेत्र में उसके द्वारा किये जा रहे ये काम वैश्विक नेता के रूप में उसकी हैसियत का प्रतीक हैं।
  • अफ्रीका के लिए, चीन की उपस्थिति को पश्चिमी और यूरोपीय शक्तियों के विकल्प के रूप में देखा जाता है, जिनकी अफ्रीकी सरकारों ने कड़ी आलोचना की है।
  • इन अफ्रीकी देशों ने चीन और रूस जैसे देशों के साथ सम्बन्ध मजबूत किए हैं  क्योंकि वे लोकतंत्र के पश्चिमी मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

सारांश:

  • चीन ने हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका में अपने विस्तारित हस्तक्षेप के माध्यम से संदेश दिया है कि उसने न केवल इस क्षेत्र में बल्कि पूरे अफ्रीका में दब दबे के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं। वहीँ दूसरे ओर इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति भारत-अफ्रीका संबंधों को प्रभावित करेगी और भारत को क्षेत्रीय, द्विपक्षीय और लोगों से लोगों के स्तर पर अफ्रीका के साथ जुड़ने के अपने प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता होगी।

 

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।  

 

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।   

 

E. संपादकीय-द हिन्दू 

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

सरकारी नौकरियों की पुनर्बहार:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था में योजना, जुटाना, संसाधनों, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: भारत में सरकारी नौकरियों से संबंधित मुद्दे और सिफारिशें।

सरकारी नौकरियों की दुर्दशा:

  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2019 में प्रत्येक घंटे एक भारतीय व्यक्ति ने बेरोजगारी, गरीबी या दिवालियेपन के कारण आत्महत्या की है।
  • हरियाणा ने मई 2022 में महामारी के दौरान कार्यरत लगभग 2,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों (नर्स, स्वीपर, सुरक्षा गार्ड और पैरामेडिक्स) नौकरी से निकाल दिया है।
  • दिल्ली के कई अस्पतालों ने सैकड़ों नर्सों, पैरामेडिक्स, लैब तकनीशियनों और अन्य संविदा कर्मियों की छंटनी की है।
  • इसके अतिरिक्त, 2022 में, असम में लगभग 8,300 पंचायत और ग्रामीण विकास संविदा कर्मियों ने इसका विरोध किया।
  • छत्तीसगढ़ के राज्य ऊर्जा विभाग के लगभग 200 संविदा कर्मचारियों को 2022 में गिरफ्तार किया था।
  • भारत में कई बेरोजगार व्यक्तियों ने रेलवे रोजगार प्रक्रिया में कथित समस्याओं के बारे में जनवरी 2022 में तथा हाल ही में, अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन किया।

सरकारी नौकरियों के मुद्दे:

  • पहला, सरकार रिक्त पदों को तेजी से नहीं भर रही है।
  • आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2021 में सभी स्तरों पर सरकार में 60 लाख से अधिक रिक्तियां थीं।
  • सरकार ने 1.5 वर्षों में मिशन-मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती करने की मांग की है। हालाँकि, यह संख्या समस्या के आकार से कम है।
  • दूसरा, जहां रिक्तियों को भरा जा रहा है वहाँ भी इनका झुकाव संविदात्मक नौकरियों की तरफ हैं।
  • इंडियन स्टाफिंग इंडस्ट्री रिसर्च 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में, लगभग 43% सरकारी कर्मचारियों की नौकरी गैर-स्थायी या संविदात्मक आधार पर थीं। 2018 तक, इस श्रेणी में सरकारी कर्मचारियों की हिस्सेदारी बढ़कर 59% हो गई थी।
  • कुछ राज्यों ने संविदात्मक रोजगार बढ़ाने पर जोर देने की मांग की है, जहां ऐसे कर्मचारियों को भत्ते और विशिष्ट लाभ नहीं दिए जाते हैं।
  • ऐसे कर्मचारियों को केवल पांच साल के बाद और कठोर प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद ही नियमित किया जाता है।
  • मृत कर्मचारी के किसी आश्रित को, यदि ऐसे पदों पर नियुक्त किया जाता है, तो उसे भी इसी तरह के मूल्यांकन से गुजरना होगा।

सुझाव:

सार्वजनिक सेवा का विस्तार:

  • सरकार को संविदात्मक रोजगार बढ़ाने के बजाय सार्वजनिक सेवाओं में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।
  • सार्वजनिक सेवा प्रावधान का विस्तार करने से उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार और कुशल श्रमिकों की संख्या बढ़ेगी जो हमें सामाजिक स्थिरता प्रदान करेगी।
  • उदाहरण के लिए, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के परिणामस्वरूप सामाजिक संपत्ति का उत्पादन होगा।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा सहित एक व्यापक बुनियादी सेवा कार्यक्रम के लिए एक अभियान आयुष्मान भारत जैसे बीमा-आधारित मॉडल का पूरक होगा।
  • दूसरी ओर, इस तरह के व्यय, अंततः उपभोक्ता मांग को बढ़ाएंगे और भारत के कस्बों और गांवों में आम तौर पर उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे।

रोजगार के अवसर:

  • उच्च रोजगार सृजन क्षमता वाले उद्योगों पर ध्यान केंद्रित कर, नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन पर विचार करें - उदाहरण के लिए, रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन, सौर पैनल मॉड्यूल निर्माण और दीर्घकालिक सर्विसिंग वाले मॉड्यूल।
  • इस बीच, अपशिष्ट-जल शोधन क्षमता बढ़ने की जबरदस्त संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार का सृजन होगा।
  • इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त कर्मियों की आवश्यकता होगी, जिसके परिणामस्वरूप 'हरित रोजगार' का सृजन होगा।
  • इसके अलावा, हमें शहरी खेती को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए, जिसमें पर्माकल्चर, बागवानी और नर्सरी प्रबंधन में रोजगार के अवसर हैं।

निष्कर्ष:

  • सार्वजनिक क्षेत्र को अधिक चिकित्सकों, शिक्षकों और इंजीनियरों की आवश्यकता है, जबकि डेटा प्रविष्टि क्लर्कों की आवश्यकता कम है।
  • प्रशासनिक सुधार आयोग के प्रस्तावित सुधार हमारा पहला कदम होना चाहिए।
  • वर्तमान में एक सक्षम कुशल सिविल सेवा के क्षमता निर्माण की जरूरत है जिसका उद्देश्य एक भ्रष्ट-मुक्त कल्याण प्रणाली प्रदान करना तथा एक समकालीन अर्थव्यवस्था का संचालन करना  एवं उत्तरोत्तर बेहतर सार्वजनिक सामान वितरण करना है।
  • हमारे लोकाचार को बेहतर पारिश्रमिक के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करना चाहिए।

सारांश: 

  • कभी रोजगार का सबसे सुरक्षित और सुखद रूप मानी जाने वाली सरकारी नौकरियां अब अपनी चमक खो रही हैं, इसका श्रेय बड़े पैमाने पर संविदात्मक रोजगार को दिया जाता है। संविदात्मक रोजगार का विस्तार करने के बजाय, सरकारों को सार्वजनिक सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए।

 

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था एवं शासन:

एक समस्यात्मक प्रावधान:

विषय: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।

प्रारंभिक परीक्षा: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5)।

मुख्य परीक्षा: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) का महत्वपूर्ण मूल्यांकन।

पृष्टभूमि:

  • हाल ही में, महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्यों को विधान परिषद का चुनाव करने के लिए विधानसभा में बुलाया गया।
  • मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों के सिलसिले में जेल में बंद सदस्यों ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें चुनाव में वोट डालने के लिए अस्थायी रूप से रिहा किया जाना चाहिए।
  • पहले धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत एक विशेष न्यायाधीश, फिर बॉम्बे उच्च न्यायालय तथा अंत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज कर दिया था।
  • जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62(5) के तहत दोनों विधयकों को वोट डालने से रोका गया।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) क्या है?

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेगा यदि वह कारावास या निर्वासन के दण्डादेश के अधीन या कारावास के परिरूद्ध है या पुलिस की कानूनी हिरासत में है।
  • इस उपधारा के प्रावधान किसी ऐसे व्यक्ति पर लागू नहीं होंगे जो उस समय लागू किसी भी कानून के तहत निवारक निरोध के अधीन है।
  • धारा 62(5) दोषसिद्धि होने पर मताधिकार से वंचित करने का प्रावधान नहीं है जबकि कारावास का प्रावधान है।
  • नतीजतन, विचाराधीन कैदी तथा ऋण चुकाने में विफल रहने पर जेलों में बंद व्यक्ति भी मतदान नहीं कर सकते है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के मुद्दे

  • एक व्यक्ति जिसे दोषी ठहराया गया है तथा जिसने जमानत प्राप्त कर ली है, वह 1951 के RPA अधिनियम की धारा 62(5) के तहत मतदान कर सकता है। यह धारा 62(5) को संविधान के अनुच्छेद 14 (सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता) के विपरीत है।
  • वैध होने के लिए, एक कानून को अनुच्छेद 14 के तहत मूलभूत शर्तों को पूरा करना चाहिए, जब की यह दो समूहों के साथ असमान व्यवहार करता प्रतीत होता है। धारा 62(5) व्यक्तियों के एक निश्चित समूह को वोट देने के अधिकार से वंचित करके उनके साथ भेदभाव करती है।
  • कुछ गंभीर अपराधों के दोषी  या कम से कम समय के लिए दंडित होने वाले व्यक्तियों को इस प्रावधान के तहत वंचित कर दिया गया है।

वैश्विक उदाहरण:

  • उदाहरण के लिए, UK में, केवल चार वर्ष या उससे अधिक की जेल की सजा पाए अपराधी मतदान नहीं कर सकते है।
  • जर्मनी में, केवल कुछ राजनीतिक अपराधों के दोषी व्यक्तियों को ही मताधिकार से वंचित किया जाता है।
  • जहां कानून ने पहले सभी कैदियों को मतदान से प्रतिबंधित कर दिया था (उदाहरण के लिए कनाडा), संवैधानिक अदालतों ने हस्तक्षेप किया तथा मनमानी एवं अनुपातहीन होने के कारण इसे रद्द कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट का अवलोकन:

  • अतीत में, सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि इस प्रावधान का इरादा 'आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों' को उनमें भाग लेने से वंचित करना तथा चुनावों की अखंडता को बनाए रखना है।
  • हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रावधान की संवैधानिकता पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।
  • इस बदलाव का कारण यह है कि इस उदाहरण से वंचित मतदाता आम नागरिक के रूप में नहीं बल्कि संवैधानिक पदाधिकारियों के रूप में कार्य करने की मांग कर रहे थे।

निष्कर्ष:

  • धारा 62(5) संवैधानिक परीक्षण में विफल रही है।
  • सुप्रीम कोर्ट को सभी परिस्थितियों के आलोक में मामले पर पुनर्विचार करना चाहिए तथा संसद को इस खंड को अधिक स्पष्ट करना चाहिए जो केवल दोषियों के विशिष्ट समूहों को छूट देता है।
  • लोकल विधायक अप्रत्यक्ष रूप से विधायकों के मतदान के माध्यम से विधान परिषद चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। दो विधायकों को मतदान से रोककर, अदालत अनजाने में उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित कर देती है।

सारांश: 

  • RPA अधिनियम की धारा 62 के तहत वर्तमान प्रावधान ने एक ऐसे विचाराधीन व्यक्ति से वोट देने का अधिकार छीन लिया है जो निर्दोष हो सकता तथा एक अपराधी नागरिक जो जमानत पर बाहर है अर्थात जिसका अपराध निर्धारित किया गया है, को वोट देने का अधिकार है।

 

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।  

 

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

1. पोरबंदर में तट रक्षक स्क्वाड्रन:

  • तटरक्षक बल ने पोरबंदर में एयर एन्क्लेव में स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH)-एमके III के 835 स्क्वाड्रन (सीजी) को चालू किया।
  • ALH हेलीकॉप्टरों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
  • ALH Mk-III हेलीकॉप्टर उन्नत रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर, शक्ति इंजन, एक पूर्ण ग्लास कॉकपिट, एक उच्च-तीव्रता वाली सर्चलाइट, उन्नत संचार प्रणाली और एक स्वचालित पहचान प्रणाली जैसे अत्याधुनिक उपकरणों और खोज व बचाव (एसएआर) होमर से लैस हैं। 
  • ये विशेषताएं हेलीकॉप्टरों को समुद्री जासूसी करने और दिन और रात दोनों समय जहाजों के संचालन के दौरान विस्तारित रेंज पर एसएआर को अंजाम देने में सक्षम बनाती हैं।
  • गंभीर रूप से बीमार रोगियों के स्थानांतरण की सुविधा के लिए विमान में एक भारी मशीन गन के साथ-साथ एक चिकित्सा गहन देखभाल इकाई के साथ एक आक्रामक मंच से अपनी भूमिकाओं को बदलने की क्षमता निहित है।

 

2. प्रतिबंधों के बीच रूस से भारत के आयात में वृद्धि:

  • जनवरी-अप्रैल 2022 की अवधि में रूस से भारत को कच्चे तेल के आयात में 286% और कोयले के आयात में 345% की वृद्धि हुई हैं।
  • भारत की ईंधन जरूरतों जैसे कच्चा तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस आदि का लगभग 7.5% अप्रैल 2022 में रूस से आयत किया गया था, जबकि पिछले वर्षों में यह केवल 2% या उससे कम था।
  • रूस अब भारत का छठा सबसे बड़ा आयात भागीदार है,तथा पिछले वर्षों में इसका स्थान 20 वां था।

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Image Source: The Hindu

 

H. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. अफ्रीका में चीन की बढ़ती भू-राजनीतिक उपस्थिति का परीक्षण कीजिए और इस बात पर प्रकाश डालें कि अफ्रीका में भारतीय और चीनी भागीदारी किस प्रकार इरादे, विधियों और परिणामों में भिन्न है। (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस II - अंतर्राष्ट्रीय संबंध)। 

प्रश्न 2. सरकार को संविदात्मक रोजगार का विस्तार करने के बजाय सार्वजनिक सेवाओं को बढ़ावा देना चाहिए। कथन की पुष्टि कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) (जीएस II - शासन)

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