दैनिक समाचार विश्लेषण- 18- मई 2022

By Kriti Gupta (BYJU'S IAS)|Updated : May 18th, 2022

समाचार पत्र विश्लेषण में यूपीएससी/आईएएस परीक्षा के दृष्टिकोण से 'द हिंदू' के सभी महत्वपूर्ण लेख और संपादकीय को शामिल किया जाता हैं।

Table of Content

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।  

 

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

 

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

प्रतिबंध के लाभ: दो महीने में कैसे बदल गई गेहूं निर्यात की कहानी:

विषय: प्रमुख फसलें - देश के विभिन्न हिस्सों में फसल पैटर्न। 

प्रारंभिक परीक्षा: गेहूं उत्पादन और निर्यात के मामले में भारत की स्थिति।

मुख्य परीक्षा: भारत में गेहूं का निर्यात बढ़ाने में बाधाएं।  

प्रसंग:

  • केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया हैं।

पृष्ठ्भूमि:

  • भारत का गेहूं निर्यात:
    • रूस-यूक्रेन के संघर्ष ने वैश्विक गेहूं आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया हैं,क्योंकि ये दोनों देश अकेले वैश्विक गेहूं के एक बड़े हिस्से का उत्पादन करते हैं।
    • इस घटनाक्रम ने भारत को वैश्विक कमी को पूरा करने के लिए गेहूं के निर्यात को बढ़ाने का अवसर प्रदान किया हैं।
    • मौजूदा आयातकों को,भारत गेहूं का निर्यात बढ़ाने के अलावा भारतीय गेहूं के लिए नए बाजार स्थापित करने के लिए अन्य देशों के साथ समझौता करने की कोशिश कर रहा हैं।
    • इस दिशा में भारत ने गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान जैसे देशों में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी भेजा था।
    • वित्तीय वर्ष 2021-2022 में गेहूं का निर्यात 7.85 मिलियन टन होने का अनुमान था, जो पिछले वर्ष के 2.1 मिलियन टन से चौगुना था। 
    • प्रतिस्पर्धी मूल्य, स्वीकार्य गुणवत्ता, अधिशेष गेहूं की उपलब्धता और भू-राजनीतिक कारणों से भारत से गेहूं के निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है।
    • इस वित्त वर्ष में 3 अरब डॉलर मूल्य के लगभग 10 मिलियन टन निर्यात होने की उम्मीद जताई जा रही है।

गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण:

  • उत्पादन और खरीद में कमी:
    • पूरे उत्तर भारत में मार्च और अप्रैल में अत्यधिक तापमान दर्ज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं का उत्पादन कम हो गया है, जो गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध का एक मुख्य कारण है।
    • प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में से एक, पंजाब में लंबी अवधि तक तापमान औसत की तुलना में सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है।
    • ज्ञातव्य है कि इस राज्य में अप्रैल माह में वास्तविक अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा है।
    • जून माह में समाप्त होने वाले फसल वर्ष में गेहूं के उत्पादन का अनुमान पिछले 111.32 मिलियन टन (एमटी) से घटकर 105 मीट्रिक टन कर दिया गया है।
    • गेहूं की खरीद भी पिछले वर्षों की तुलना में कम रही है। उत्पादन अनुमानों में कमी और गेहूं की खरीद में भारी गिरावट ने इस बात की चिंता बढ़ा दी है कि इससे घरेलू खपत प्रभावित हो सकती है।

घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी :

  • गेहूं और गेहूं के आटे की घरेलू कीमत थोक और खुदरा मुद्रास्फीति दोनों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के साथ बढ़ रही है।
  • यह देखते हुए कि देश में गेहूं महत्वपूर्ण खाद्यान्नों में से एक है, अतः इसके मूल्य में होने वाली वृद्धि भारतीय परिवारों पर बोझ को बढ़ा रही है।

खाद्य सुरक्षा चिंताएं:

  • गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने की भारत की पहल का खाद्य सुरक्षा प्रचारकों ने विरोध किया है,और अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया है।
  • वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वर्तमान में आंतरिक खपत के लिए गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता और घरेलू स्तर पर कीमतों की स्थिरता सुनिश्चित करना,निर्यात बढ़ाने के बजाय सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
  • उनका तर्क है कि निर्यात में वृद्धि घरेलू खपत की कीमत पर नहीं की जानी चाहिए।

सारांश:

  • हालाँकि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का भारत का निर्णय वैश्विक खाद्य सुरक्षा परिदृश्य के लिए बुरी खबर होगी, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हुआ है,लेकिन गेहूं की सस्ती कीमतों पर पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने की मजबूरियों को देखते हुए यह सही निर्णय है।

 

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

 

E. संपादकीय-द हिन्दू 

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

प्रतीकवाद और उससे आगे:

विषय: भारत और उसके पड़ोसी संबंध।

प्रारंभिक परीक्षा: भारत-नेपाल संबंध, कालापानी मुद्दा तथा बौद्ध धर्म

मुख्य परीक्षा: भारत की पड़ोस नीति एवं नेपाल का महत्व तथा संबंधों की भावी संभावना।

संदर्भ: 

  • इस लेख में बुद्ध जयंती के अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी की लुंबिनी यात्रा के संबंध में एक अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है।

यात्रा के बारे में:

  • भारत के प्रधान मंत्री की यात्रा धार्मिक कूटनीति के द्वारा भारत-नेपाल संबंधों की मजबूती हेतु एक प्रतीकात्मक प्रयास था।
  • दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने लुंबिनी मठ में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र की आधारशिला रखी।
  • संयुक्त रूप से बुद्ध की शिक्षाओं के मूल्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने तथा प्रचारित करने के उद्देश्य से एक साझा दृष्टिकोण के साथ इस केंद्र की स्थापना की गई है। साथ ही इसका उद्देश्य वैश्विक समस्याओं का साझा समाधान खोजना भी है।
  • इस केंद्र की स्थापना नेपाल में चीन के उभरते प्रभाव को चुनौती देने हेतु की गई है।
  • लुंबिनी को गौतम बुद्ध के जन्मस्थान के रूप में मान्यता देने के भारतीय प्रधान मंत्री के दावे का स्वागत और बुद्ध के वास्तविक जन्मस्थान से संबंधित मुद्दों को कुछ हद तक हल किया गया।
  • इस यात्रा के साथ दोनों सरकारों के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
  • अरुण -4 जलविद्युत परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • कुल मिलाकर, यह यात्रा कालापानी विवाद (Kalapani Dispute) के कारण प्रतिकूल स्थिति के बाद भारत-नेपाल संबंधों को दोबारा बहाल करने का एक प्रयास है।

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चित्र स्रोत: timesofindia.com

 लुंबिनी का महत्व:

  • यह दोनों देशों के बीच उन मजबूत सांस्कृतिक संबंधों की प्रतीक है जिन्हें 1950 में हस्ताक्षरित शांति और मित्रता संधि द्वारा पोषित किया गया था।
  • लुंबिनी को पवित्र स्थान माना जाता है तथा बौद्ध परंपरा के अनुसार, रानी महामायादेवी ने यहाँ लगभग 623 ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम को जन्म दिया था।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी के बगीचों में हुआ था जो बाद में एक तीर्थ स्थान में तब्दील हो गया।
  • लुंबिनी को नेपाल में सबसे पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • यह यात्रा लुंबिनी में वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के एक महत्वपूर्ण समय पर हुई, जिसका आयोजन नेपाल सरकार के तत्वावधान में लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा किया गया था।
  • कला और संस्कृति के आलोक में, बौद्ध धर्म (Buddhism) भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग रहा है और नेपाल के साथ इसके राजनयिक संबंधों का एक प्रमुख सूत्र रहा है। लुंबिनी ऐसे सांस्कृतिक संबंधो का प्रमाण रहा है।
  • सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज की सार्वभौमिक अपील लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा की जाएगी और इसे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा। IBC संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक अनुदान प्राप्तकर्ता निकाय है।
  • IBC का मुख्यालय नई दिल्ली में है जिसे 2013 में स्थापित किया गया था तथा यह एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संरक्षक निकाय के रूप में कार्य करता है जो दुनिया भर में बौद्धों को एक साझा मंच प्रदान करता है।
  • लुंबिनी में प्रतीकात्मक बौद्ध केंद्र, भारत और नेपाल के बीच समृद्ध मित्रता को दर्शाएगा तथा यह नेपाल का पहला शुद्ध शून्य उत्सर्जन भवन होगा। भारत के लिए इस तरह की पहलों में आगे रहना एक महत्वपूर्ण क्षण है।

भावी नीति:

  • विशेषज्ञों का एक समूह है जो मानता है कि भारतीय प्रधान मंत्री की नेपाल यात्रा एक आवश्यक कदम था, लेकिन इस क्षेत्र में बढ़ते चीनी प्रभाव के बीच इसने सीमित उद्देश्यों को ही केवल पूरा किया इसलिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसके द्वारा भारत को नेपाल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहिए।
  • भारत को सहयोग के नए रास्ते खोजने की जरूरत है जिसके द्वारा संबंधों को गतिशीलता प्रदान करने हेतु विकासात्मक, आर्थिक एवं भू-राजनीतिक विषयों को शामिल किया जा सके।
  • भारत-नेपाल मैत्री के पुनरुद्धार को नेपाल में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ाया जाना चाहिए जिसमें जलविद्युत परियोजनाएं, परिवहन और संपर्क आदि शामिल हैं जिससे नागरिकों को लाभ होगा।
  • यह भारत सरकार के लिए विकास, प्रगति और अवसरों में नेपाल शासन की भागीदारी बढाने में सहायक होगी।

भारत-नेपाल संबंधों (India - Nepal Relations) के बारे में और लिंक में पढ़ें: 

सारांश: 

  • भारत-नेपाल साझेदारी को केवल सांस्कृतिक संबंधों पर जोर देने से परे अधिक सार्थक आर्थिक और भू-राजनीतिक क्षेत्रों में विस्तारित करने की आवश्यकता है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूती से आगे भी बढ़ेंगे।

 

F. प्रीलिम्स तथ्य:

1. मुद्रास्फीतिजनित मंदी (Stagflation):

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

प्रारंभिक परीक्षा: मुद्रास्फीतिजनित मंदी; फिलिप्स वक्र। 

  • मुद्रास्फीतिजनित मंदी (Stagflation) स्थिर आर्थिक उत्पादन और उच्च मूल्य मुद्रास्फीति (मुद्राप्रसार) द्वारा चिह्नित एक आर्थिक स्थिति को संदर्भित करती है।
  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 1970 के दशक के दौरान मुद्रास्फीतिजनित मंदी देखी गई थी,जब तेल की कीमतों में वृद्धि और नकारात्मक आर्थिक विकास के कारण उच्च मुद्रास्फीति पैदा हो गई थी।
  • अर्थशास्त्री कीनेसियन के पारंपरिक आर्थिक मॉडल के अनुसार, एक अर्थव्यवस्था या तो उच्च मुद्रास्फीति या स्थिर आर्थिक उत्पादन का अनुभव कर सकती है, लेकिन दोनों स्थितियां एक ही समय में एक साथ  संभव नहीं हैं।
  • यह फिलिप्स वक्र में की गई टिप्पणियों के अनुरूप भी है जिसमें बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के बीच एक नकारात्मक संबंध बताया हैं।
  • फिलिप्स वक्र के अनुसार, जब बेरोजगारी अधिक होती है, तो मुद्रास्फीति कम होती है और जब बेरोजगारी कम होती है, तो मुद्रास्फीति अधिक होती है।

 

2. हिंद-प्रशांत को सुरक्षित रखना नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य: राजनाथ

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

रक्षा और आंतरिक सुरक्षा:

प्रारंभिक परीक्षा: प्रोजेक्ट-15बी; प्रोजेक्ट-17ए

प्रसंग:

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में दो फ्रंटलाइन युद्धपोतों का अनावरण किया।

विवरण:

  • लॉन्च किए गए दो जहाजों में निम्नलिखित शामिल हैं।
  • सूरत - विध्वंसक। यह प्रोजेक्ट-15बी विध्वंसक श्रेणी का चौथा और आखिरी जहाज है।
  • विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक, जिन्हें P-15B के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है।
  • वर्तमान में भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक का एक वर्ग है।
  • उदयगिरि- स्टेल्थ फ्रिगेट। यह प्रोजेक्ट-17ए का तीसरा जहाज है।
  • भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा नीलगिरि-श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट्स, जिन्हें प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण किया जा रहा है।
  • इन दोनों जहाजों को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
  • रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व को बताते हुए ,भारत के लिए मजबूत नौसैनिक बल के रूप में विकसित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
  • उन्होंने सर्वसम्मति-आधारित सिद्धांतों, नियम-आधारित और स्थिर समुद्री व्यवस्था का समर्थन करते हुए भारत-प्रशांत को खुला और सुरक्षित रखने के भारत के संकल्प पर बल दिया।

 

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

1. '2019 में विश्व में 6 में से 1 मौत प्रदूषण के कारण हुई':

  • 'द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ' में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदूषण के कारण 2019 में लगभग नौ मिलियन मौतें हुईं अर्थात दुनिया भर में छह में से एक की मौत प्रदूषण के कारण हुई है।
  • हालाँकि अत्यधिक गरीबी (जैसे घर के अंदर का वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण) से जुड़े प्रदूषण स्रोतों से होने वाली मौतों की संख्या में गिरावट आई है, जबकि औद्योगिक प्रदूषण (जैसे परिवेशी वायु प्रदूषण और रासायनिक प्रदूषण) के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है।
  • 2019 में द लैंसेट की एक रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के कारण 2019 में लगभग 1.67 मिलियन भारतीयों की मौत हुई है।

 

2. 'बहु आयामी क्षेत्रों में चुनौतियों के लिए तैयार रहें':

  • तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में भाषण देते हुए, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वर्तमान में तेजी से जटिल होते अप्रत्याशित भू-राजनीतिक वातावरण में भारत कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा हैं।
  • उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ड्रोन और साइबर युद्ध के बढ़ते प्रयोग के साथ संघर्षों की मिश्रित प्रकृति के कारण रक्षा क्षेत्र में आदर्श बदलाव आया है,और भारत को उसी के अनुसार भविष्य कि योजना बनानी चाहिए।
  • उपराष्ट्रपति ने रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

3. भारत को तेल आपूर्ति करने वाले देशों में रूस चौथे स्थान पर:

  • अप्रैल, 2022 में रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है।
  • मार्च में रूस भारत का 10वां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश था। 
    • ऐसा प्रतीत होता है कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भारत को रूस से अधिक कच्चा तेल खरीदने के लिए प्रेरित किया है। 
    • भारत की तेल खरीद में रूस की हिस्सेदारी अप्रैल में बढ़कर रिकॉर्ड 6% हो गई।
  • भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश है।

 

H. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1.  इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क क्या है? इसने भारत के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में किस प्रकार मदद की हैं? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II-शासन)  

प्रश्न 2.  सरकारें हमारे अतीत को संरक्षित करने के लिए उतनी ही जिम्मेदार हैं जितनी वे एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हैं। इस संदर्भ में, भारत में संग्रहालयों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के प्रयासों का आकलन कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस 1- कला और संस्कृति)

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