बैंकिंग परीक्षाओं में असफल होने से कैसे बचें? अवश्य पढ़ें!

By Gaurav Singh Bhadouria|Updated : May 18th, 2020

In today's era, every aspirant wants to join the government sector so as to get a healthy and good lifestyle. For this, candidates prepare for government services exams and try to secure a selection by putting their full efforts. We have observed some major changes in the pattern of banking examinations over the last few years. The level of competition is getting higher day by day. So, aspirants must be aware of all new trends and changes so that they can get an extra edge over their competitors.

 

आज के समय में, हर प्रतियोगी एक स्वस्थ्य और बेहतर जीवनशैली के लिए सरकारी क्षेत्र में नौकरी हासिल करना चाहता है। इसके लिए, सभी प्रतियोगी सरकारी नौकरी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और अपनी पूरी मेहनत से चयन हासिल करने की कोशिश करते हैं। हमने देखा है कि बैंकिंग परीक्षा के पैटर्न में काफी बदलाव आ चुका है। आजकल प्रतियोगिता का स्तर दिन प्रति दिन कड़ा होता जा रहा है। एक गंभीर प्रतियोगी को परीक्षा के सभी नए ट्रेंड (प्रचलनों) और बदलावों से परिचित होना चाहिए जिससे वे अन्य प्रतियोगियों से बेहतर स्थिति में रहे। मुख्य विषय पर लौटते हुए, हम यहां बैंकिंग परीक्षा में असफल होने के महत्वपूर्ण कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास करने के लिए इनसे जरूर बचें।

बैंकिंग परीक्षा में गलतियों से बचने के लिए सुधार के क्षेत्र

  • यथार्थता (Accuracy):- कई प्रतियोगी परीक्षा में अधिक संख्या में प्रश्न हल करते हैं, फिर भी असफल हो जाते हैं। इसका कारण ‘यथार्थता में कमी है’। कभी-कभी, अधिक अंक हासिल करने की इच्छा में, प्रतियोगी उत्तर का अंदाजा लगाकर कई सारे प्रश्न हल करते हैं और ऋणात्मक मूल्यांकन (Negative Marking) को भूल जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि अधिक प्रश्न हल करने वाले प्रतियोगी को कम प्रश्न हल करने वाले प्रतियोगी से कम अंक हासिल होते हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण ‘ऋणात्मक मूल्याकंन’ है।

निम्नलिखित स्थिति को समझें :

स्थिति I : एक प्रतियोगी 100 में से 90 प्रश्न 60% यथार्थता के साथ करता है।

स्थिति II : एक प्रतियोगी 100 में से 80 प्रश्न 80% यथार्थता के साथ करता है।

हम जानते हैं कि परीक्षा में अधिक अंक लाने के लिए 2 पंसदीदा अंक है। चूंकि सफलता हासिल करने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है, इसी तरह एक अथवा दो दिन में अपनी गति अथवा यथार्थता हासिल करने के लिए भी कोई शॉर्टकट नहीं है।

  • इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप जो भी प्रश्न हल करें वह सही करें। अधिक प्रश्न हल करने की जगह अधिक अंक प्राप्त करने का लक्ष्य बनाएं।धीमी गति (Slow Speed): सभी सरकारी नौकरी परीक्षाओं की प्रतिस्पर्धा का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और इसलिए अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए गति एक महत्वपूर्ण कारक है। आपको पता होना चाहिए कि पहले कौन सा प्रश्न चुनें और आखिरी में कौन सा। परीक्षा में आपके पास आसान और कम समय लेने वाले प्रश्नों को हल करने के लिए उचित परीक्षा रणनीति होनी चाहिए। अपनी गति बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक अभ्यास करें और अपने मजबूत क्षेत्रों को नजरअंदाज नहीं करें। इसलिए, आप जिन विषयों में मजबूत हैं उनका अभ्यास करना नहीं छोड़ें। कई बार ऐसा होता है कि कई बार प्रतियोगी परीक्षा में पर्याप्त गति के कारण बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। इससे प्रतियोगी अप्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे किसी भी कारणों से बचने के लिए, समान समय सीमा में अधिक से अधिक मॉक टेस्ट का अभ्यास करें और परीक्षा हल करते समय समस्या से बचने के लिए अपनी कमजोरियों पर काम करें।

आगामी बैंकिंग परीक्षाओं में गति और यथार्थता में कैसे सुधार करें?

  • अभ्यास की कमी (lack of Practise):- ऐसा कहा जाता है “अभ्यास आदमी को श्रेष्ठ बनाता है”। आप परीक्षा देते समय अपनी गति को बढ़ाने के लिए मॉक टेस्ट का अभ्यास जरूर करें। साथ ही, अभ्यास करने से आपका अपने ज्ञान की मजबूत और कमजोर कड़ियों से परिचय हो जाएगा। आप उन विषयों के बारे में जान सकेंगे जिनमें :
  1. आपको अधिक अभ्यास की जरूरत है
  2. आपको मूलभूत तथ्यों की समझ होना जरूरी है
  3. आपने भूलवश गलतियां की होगी
  4. आपको अपनी गति बढ़ानी होगी

टेस्ट और क्विज हल करने के बाद अपने परिणाम का विश्लेषण करना सबसे जरूरी है। आपको पता चल जाएगा कि आप कहां गलत हैं, कहां आपको अधिक समय लगा, कहां आपको शॉर्ट ट्रिक्स सीखने है, और इसी तरह अन्य भी। कई बार ऐसा होता है कि हम प्रश्न को हल करने का तरीका तो जानते हैं लेकिन हमें उसे हल करने की शॉर्ट ट्रिक्स नहीं पता होती है। हम लंबी विधि का प्रयोग करके प्रश्न हल करते जाते हैं और काफी समय खर्च कर उसे सही हल कर पाते हैं। इसलिए, टेस्ट देने के बाद अपने परिणाम का विश्लेषण करना नहीं भूलें।

सभी विषयों की क्विज़ को हल करें और अपनी जानकारी को जांचें :

मात्रात्मक अभियोग्यता क्विज़

अंग्रेजी भाषा क्विज़

रीजनिंग योग्यता क्विज़

कंप्यूटर ज्ञान क्विज़

बैंकिंग जागरूकता क्विज़

जी.के. और समसामयिक मामले की क्विज़

  • मूलभूत अवधारणाओं का पूरा ज्ञान नहीं होना (Lack of understanding of Basics):- बैंकिंग परीक्षाओं में हम प्रश्नों के विविध पैटर्न देखते हैं। दिन प्रति दिन प्रश्नों का स्तर बढ़ने के साथ ही प्रश्नों की प्रकृति और उनके पूछने का तरीका भी लगातार बदल रहा है। इसके लिए, आपको मूलभूत अवधारणाओं पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाना होगा।

इसी तरह, अंग्रेजी भाषा में भी, यदि आपको अंग्रेजी व्याकरण नियमों की गहरी समझ है, तो आप Spotting Errors/ Sentence Correction, Phrase Replacement आदि प्रश्नों के भिन्न प्रकारों को आसानी से हल कर सकते हैं। इसी तरह से, आंकड़ों की व्याख्या में विविधता के लिए अंकगणितीय विषयों का ज्ञान होना जरूरी है। इसलिए, सभी विषयों की मूलभूत अवधारणाओं को समझ लें और आप अच्छी संख्या में प्रश्न हल करने में सक्षम होंगे।

  • अतिआत्मविश्वास (Overconfidence): अक्सर प्रतियोगी मॉक टेस्ट में अच्छे अंक प्राप्त करने पर अतिआत्मविश्वासी हो जाते हैं। वे अभ्यास करना बंद कर देते हैं और अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना छोड़ देते हैं। यह सबसे बड़ी गलती है। इसलिए अभ्यास करना नहीं छोड़ें।

साथ ही, प्रतियोगी आसान विषयों पर ध्यान नहीं देते हैं और नए पैटर्न की परवाह भी नहीं करते हैं। कई प्रतियोगी नए प्रकार से पूछे गए प्रश्नों पर गौर नहीं करके उनका अभ्यास नहीं करते हैं। इसलिए, आत्मविश्वास के एक निश्चित स्तर को बनाए रखें, जो आपको प्रेरित करता रहे। निरंतर अभ्यास करते रहें और अपने कमजोर पक्षों के साथ-साथ मजबूत पक्षों पर भी काम करते रहें। स्वयं को सभी नए प्रकार के ट्रेंड से अवगत बनाए रखें।

  • असफलता का डर (Fear of Failure) : कई प्रतियोगी बहुत कड़ी मेहनत करते हैं और परीक्षा में एक निश्चित दृष्टिकोण के साथ बैठते हैं। लेकिन, यह जरूरी नहीं है कि प्रश्नपत्र आपकी उम्मीद के मुताबिक आए। जब प्रतियोगी को परीक्षा में नए पैटर्न पर आधारित प्रश्न दिखता है तो वह भयभीत हो जाते हैं और आत्म-विश्वास खो बैठते हैं। असफलता के डर से प्रतियोगी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। प्रश्नपत्र के कठिन होने पर, वे प्रश्नों को समझकर हल नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में अपने दिमाग को शांत रखें और शांति से प्रश्नपत्र को हल करें। यदि परीक्षा कठिन है, तो यह सभी के लिए कठिन होगी, न सिर्फ आपके लिए।
  • अनुचित अध्ययन पैटर्न (Improper Study Routine): अधिकांश प्रतियोगी अपने ज्ञान के आधार पर अपनी अध्ययन योजना बनाते हैं। अध्ययन योजना बनाना बहुत अच्छा है लेकिन उसको लागू करना एक चुनौती है। कई प्रतियोगी अध्ययन योजना का सही से अनुसरण नहीं करते हैं। कभी-कभी वे ऊब जाते हैं और कभी-कभी अतिआत्मविश्वास में किसी खास विषय के अध्ययन को जरूरी नहीं मानते हैं। उदाहरण के लिए, आप 3 दिनों तक 5 घंटे पढ़ते हैं और फिर अपने अध्ययन की अवधि को कम करते हैं। इससे आपकी कार्यक्षमता में कमी और अनियमितता आती है जिसके कारण प्रेरणा में कमी आती है। इसलिए, अपनी बनाई गई योजना पर अडिग रहें और फिर ऐच्छिक परिणाम प्राप्त करने का इंतजार करें।
  • सही समय पर अभ्यास के क्षेत्र की जानकारी नहीं होना (Do not Know what to practise at the right time) : सामान्यतः हम टेस्ट देने के बाद अपने कमजोर और मजबूत पक्षों को जान लेते हैं। अपने कमजोर और मजबूत हिस्सों पर कब ध्यान केन्द्रित करना चाहिए यह चिंता का विषय है। यदि परीक्षा की तैयारी के लिए आपके पास पर्याप्त समय है, जैसे 3 से 4 महीने, तो अपने कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें। यदि आपके पास कम समय है, तो अपने मजबूत पक्षों के अभ्यास पर अवश्य ध्यान दें। अपने मजबूत पक्षों को नहीं भूलें। यदि आपको पूरा भरोसा है, तो बस एक दिन छोड़कर अभ्यास करें और अपनी गति और यथार्थता में सुधार करने की कोशिश करें।
  • केन्द्रित योजना की कमी (Absence of focused planning) : आपका लक्ष्य परीक्षा उत्तीर्ण करना होना चाहिए। अपने लक्ष्य से हटें नहीं। मान लीजिए, आपने एस.बी.आई. पी.ओ. एस.बी.आई. क्लर्क, आई.बी.पी.एस. आर.आर.बी. के आवेदन पत्र भरें हैं पर आपने किसी भी परीक्षा को पास करने का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। इसलिए सोच-समझ कर अपनी तैयारी रणनीति बनाएं। अध्ययन सामग्री को जोड़कर और फिर क्या पढ़ा जाए के बारे में सोचकर समय व्यर्थ नहीं करें। परीक्षा की तैयारी करते समय हमेशा गंभीर रहें।
  • सोशल मीडिया संपर्क से दूर रहें (Avoid Social Media Interaction) : आप किसी अध्ययन समूह का हिस्सा हो सकते हैं, यूट्यूब और दूसरे चैनल पर वीडियो देख सकते हैं। लेकिन उन्हें आप भटकाव में नहीं बदलने दें और व्यर्थ की चीजों पर समय नहीं गवाएं। फिजूल की टिप्पणियां पोस्ट करने और बेकार के सवाल पूछने से बचें।
  • मैं प्रारंभिक परीक्षा परिणाम के बाद ही मुख्य परीक्षा की तैयारी करूंगा (Waiting for Prelims Result): कई प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के बाद पढ़ना बंद कर देते हैं और परीक्षा परिणाम आने का इंतजार करते हैं। वे लगातार परिणामों पर नजर बनाए रखते हैं लेकिन मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू नहीं करते हैं। यह तरीका ठीक नहीं है क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा परिणाम के बाद आपके पास मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक समय नहीं बचता है। इसलिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी की शुरूआत एक साथ करें और परीक्षा परिणाम आने की प्रतिक्षा नहीं करें। इस तरह से, आप परीक्षा में अवश्य सफलता हासिल कर पाएंगे।

इस प्रकार, यह कुछ प्रमुख कारण थे जिनके कारण प्रतियोगी परीक्षा में असफल हो जाते हैं। इसलिए इनसे बचने की कोशिश करें और एक बेहतर ढंग से अपनी रणनीति बनाएं।

कैरोल ब्रनेट का एक प्रसिद्ध और प्रेरणादायक वाक्य:

केवल मैं ही अपना जीवन बदल सकता हूं। मेरे लिए यह कोई भी नहीं करेगा।

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आपकी परीक्षा के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं

टीम ग्रेडअप!

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